रांची: हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद झारखंड की कुर्सी पर कौन बैठेगा इसे लेकर सियासत तेज हो गयी है. बुधवार की देर शाम राजभवन में चंपई सोरेन के नेतृत्व में सरकार बनाने के लिए महागठबंधन विधायकों द्वारा सौंपे गए समर्थन पत्र पर अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है. इन सबके बीच एक अहम राजनीतिक घटनाक्रम सामने आया है.
बीजेपी ने बुलाई विधायक दल की बैठक: झारखंड बीजेपी ने शुक्रवार को दोपहर 11 बजे विधायक दल की बैठक बुलाई है. बीजेपी विधायक दल की इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, प्रभारी लक्ष्मीकांत बाजपेयी के अलावा कुछ केंद्रीय नेताओं के मौजूद रहने की उम्मीद है.
प्रदेश प्रभारी लक्ष्मीकांत बाजपेयी बुधवार को ही रांची पहुंच गये हैं. बीजेपी प्रदेश कार्यालय में होने वाली इस बैठक में मौजूदा राजनीतिक हालात और सरकार को लेकर चर्चा होगी. इस बीच एनडीए का अहम घटक दल आजसू भी बदलते राजनीतिक हालात पर नजर रखे हुए है. आजसू प्रवक्ता देवशरण भगत के मुताबिक बदलते राजनीतिक हालात पर पार्टी की नजर है और पार्टी के अंदर इस पर मंथन चल रहा है.
गौरतलब है कि आजसू के पास फिलहाल तीन विधायक हैं जबकि बीजेपी के पास कुल 26 विधायक हैं. इन सबके बीच बीजेपी के राष्ट्रीय नेता बीएल संतोष रांची पहुंचे हैं. वे आज गुरुवार शाम 4 बजे नेताओं के साथ बैठक करेंगे.
राजभवन की चुप्पी से बढ़ी बेचैनी: सियासी घमासान के बीच राजभवन की चुप्पी पर यूपीए के भीतर बेचैनी है. वहीं, राज्य में राष्ट्रपति शासन लगने की आशंका भी बढ़ गयी है. यूपीए विधायक एक बार फिर राजभवन से गुहार लगाने की तैयारी में हैं. बुधवार रात मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद हेमंत सोरेन ने राज्यपाल को 47 विधायकों के हस्ताक्षर वाला पत्र सौंपकर चंपई सोरेन को विधायक दल का नया नेता चुनने और सरकार बनाने का दावा किया था. कांग्रेस विधायक आलमगीर आलम के मुताबिक राजभवन की चुप्पी केंद्र के इशारे पर है, जिसके खिलाफ हम यूपीए विधायक चुप नहीं बैठेंगे.
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