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BJP ने केजरीवाल सरकार से पूछे 10 सवाल, कहा- दिल्ली में व्यवस्था पंगु हो चुकी है - BJP questions to AAP government

President rule may be impose in Delhi: दिल्ली में पिछले पांच महीने से सीएम केजरीवाल से इस्तीफे की मांग करने वाली दिल्ली बीजेपी अब अपनी मांग को अपने तरीके से मनवाने पर अड़ गई है. नेता प्रतिपक्ष ने आज AAP सरकार से 10 सवालों का जवाब मांगा है. जानिए क्या हैं बीजेपी के सवाल...

दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने की स्क्रीप्ट तैया
दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने की स्क्रीप्ट तैयार (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 11, 2024, 4:55 PM IST

Updated : Sep 11, 2024, 5:09 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की सियासत इन दिनों चर्चा में है. बीजेपी पॉलिसी पैरालिसिस का आरोप लगाकर राष्ट्रपति शासन की गुहार लगा रही है और राष्ट्रपति को इस बावत ज्ञापन सौंप चुकी है. दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने राष्ट्रपति को 30 अगस्त को दिए गए ज्ञापन में उठाये गए मुद्दों पर केजरीवाल सरकार से जवाब मांगा है. उन्होंने कहा कि हमने ज्ञापन में छठे दिल्ली वित्त आयोग का गठन न होने, दिल्ली की पंगु हो चुकी प्रशासनिक व्यवस्था, CAG की 11 रिपोर्ट्स को सदन में न रखने और केंद्र सरकार की योजनाओं को जानबूझकर दिल्ली में लागू न करने के मुद्दों को उठाया था, जिनका जवाब केजरीवाल सरकार को देना है.

बीजेपी ने बोला हमलाः दिल्ली बीजेपी के विधायकों ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आम आदमी पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए हैं और 10 सवाल पूछे. इस मौके पर रोहिणी से भाजपा विधायक और विधानसभा नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता के साथ भाजपा के विधायक अनिल बाजपेई, अजय महावर ओम प्रकाश शर्मा, मोहन सिंह बिष्ट, और अभय वर्मा, पूर्व मंत्री राजकुमार आनंद थे.

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने छठे दिल्ली वित्त आयोग का गठन न कर संविधान का उल्लंघन किया है. इसके चलते दिल्ली नगर निगम की वित्तीय स्थिति अव्यवस्थित हो चुकी है. AAP सरकार ने पिछले 5 महीने से विधानसभा का सत्र नहीं बुलाया है. जबकि, नियमानुसार पिछले सत्र के बाद 6 महीने के अंदर सत्र बुलाना अनिवार्य है, लेकिन इससे से पहले सत्र बुलाया गया तो उसमें प्रश्न काल नहीं रखा गया.

पिछले 5 महीने से कोई फाइल साइन नहीं हुईः बीजेपी ने कहा कि पिछले 5 महीने से कोई फाइल साइन नहीं हुई है और न ही कैबिनेट की कोई मीटिंग हुई है. यह सरकार पूरी तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त है. दिल्ली के अस्पतालों के निर्माण में हजारों करोड़ रुपये का भारी भ्रष्टाचार हुआ है. दिल्ली जल बोर्ड 73 हजार करोड़ रुपए के कर्ज में डूबा हुआ है. NCCFE की एक भी बैठक ना होने के कारण उनके फैसले क्यों टाले जा रहे हैं.

छठवें वित्तीय आयोग का गठन क्यों नहीं किया गया?: विजेंद्र गुप्ता ने सवाल पूछा है कि छठवें वित्तीय आयोग का गठन क्यों नहीं किया गया? नगर निगम पूरी तरह से ध्वस्त है और स्थायी समिति का चुनाव आम आदमी पार्टी क्यों टाल रही है? वह गठन क्यों नहीं करना चाहती? पिछले 7 साल से CAG की 11 रिपोर्ट सदन में क्यों छुपाई जा रही है और कितने सीएजी की अनुसंशा करके ऑडिट की गई.

ये भी पढ़ें : अगर भाजपा दिल्ली विधानसभा चुनाव में अभी हारना चाहती है तो चुनाव की घोषणा कर दे, हम पीछे नहीं हट रहे है: संजय सिंह

वित्तीय अनियमितताओं की रिपोर्ट आतिशी ने क्यों छिपाया?: 5 मार्च को वित्तीय अंनियमितताओं की एक रिपोर्ट आतिशी को दी गई, लेकिन उन्होंने उसे छुपाया. जल बोर्ड ने 73000 करोड़ रुपए का ऋण का भुगतान करने से जल बोर्ड ने इनकार क्यों किया? केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना को दिल्ली सरकार दिल्ली में लागू क्यों नहीं किया? यह योजना नागरिकों तक क्यों नहीं पहुंचने दिया जा रहा है?

ये भी पढ़ें : क्या केजरीवाल सरकार होगी बर्खास्त?, BJP की मांग पर राष्ट्रपति सचिवालय ने गृह मंत्रालय को भेजा पत्र -

नई दिल्ली: दिल्ली की सियासत इन दिनों चर्चा में है. बीजेपी पॉलिसी पैरालिसिस का आरोप लगाकर राष्ट्रपति शासन की गुहार लगा रही है और राष्ट्रपति को इस बावत ज्ञापन सौंप चुकी है. दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने राष्ट्रपति को 30 अगस्त को दिए गए ज्ञापन में उठाये गए मुद्दों पर केजरीवाल सरकार से जवाब मांगा है. उन्होंने कहा कि हमने ज्ञापन में छठे दिल्ली वित्त आयोग का गठन न होने, दिल्ली की पंगु हो चुकी प्रशासनिक व्यवस्था, CAG की 11 रिपोर्ट्स को सदन में न रखने और केंद्र सरकार की योजनाओं को जानबूझकर दिल्ली में लागू न करने के मुद्दों को उठाया था, जिनका जवाब केजरीवाल सरकार को देना है.

बीजेपी ने बोला हमलाः दिल्ली बीजेपी के विधायकों ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आम आदमी पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए हैं और 10 सवाल पूछे. इस मौके पर रोहिणी से भाजपा विधायक और विधानसभा नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता के साथ भाजपा के विधायक अनिल बाजपेई, अजय महावर ओम प्रकाश शर्मा, मोहन सिंह बिष्ट, और अभय वर्मा, पूर्व मंत्री राजकुमार आनंद थे.

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने छठे दिल्ली वित्त आयोग का गठन न कर संविधान का उल्लंघन किया है. इसके चलते दिल्ली नगर निगम की वित्तीय स्थिति अव्यवस्थित हो चुकी है. AAP सरकार ने पिछले 5 महीने से विधानसभा का सत्र नहीं बुलाया है. जबकि, नियमानुसार पिछले सत्र के बाद 6 महीने के अंदर सत्र बुलाना अनिवार्य है, लेकिन इससे से पहले सत्र बुलाया गया तो उसमें प्रश्न काल नहीं रखा गया.

पिछले 5 महीने से कोई फाइल साइन नहीं हुईः बीजेपी ने कहा कि पिछले 5 महीने से कोई फाइल साइन नहीं हुई है और न ही कैबिनेट की कोई मीटिंग हुई है. यह सरकार पूरी तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त है. दिल्ली के अस्पतालों के निर्माण में हजारों करोड़ रुपये का भारी भ्रष्टाचार हुआ है. दिल्ली जल बोर्ड 73 हजार करोड़ रुपए के कर्ज में डूबा हुआ है. NCCFE की एक भी बैठक ना होने के कारण उनके फैसले क्यों टाले जा रहे हैं.

छठवें वित्तीय आयोग का गठन क्यों नहीं किया गया?: विजेंद्र गुप्ता ने सवाल पूछा है कि छठवें वित्तीय आयोग का गठन क्यों नहीं किया गया? नगर निगम पूरी तरह से ध्वस्त है और स्थायी समिति का चुनाव आम आदमी पार्टी क्यों टाल रही है? वह गठन क्यों नहीं करना चाहती? पिछले 7 साल से CAG की 11 रिपोर्ट सदन में क्यों छुपाई जा रही है और कितने सीएजी की अनुसंशा करके ऑडिट की गई.

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वित्तीय अनियमितताओं की रिपोर्ट आतिशी ने क्यों छिपाया?: 5 मार्च को वित्तीय अंनियमितताओं की एक रिपोर्ट आतिशी को दी गई, लेकिन उन्होंने उसे छुपाया. जल बोर्ड ने 73000 करोड़ रुपए का ऋण का भुगतान करने से जल बोर्ड ने इनकार क्यों किया? केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना को दिल्ली सरकार दिल्ली में लागू क्यों नहीं किया? यह योजना नागरिकों तक क्यों नहीं पहुंचने दिया जा रहा है?

ये भी पढ़ें : क्या केजरीवाल सरकार होगी बर्खास्त?, BJP की मांग पर राष्ट्रपति सचिवालय ने गृह मंत्रालय को भेजा पत्र -

Last Updated : Sep 11, 2024, 5:09 PM IST
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