पटनाः बिहार में ट्रांसफर पोस्टिंग में कथित घोटाला पर भाजपा ने मुहर लगा दी है. तेजस्वी यादव पर लगे आरोप को सही बताया. भाजपा ने साफ-साफ कहा कि आखिर घोटाला हुआ तभी तो विश्वास मत से पहले विधायकों की खरीद फरोख्त की गई. इतने रुपए कहां से आए? सीएम नीतीश कुमार के बयान का भी हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने भी सदन में जांच कराने की बात कही है. इससे साफ है कि बड़े स्तर पर घोटाला किया गया है.
"जीतन राम मांझी ने ठीक कहा है कि ट्रांसफर पोस्टिंग में 50-50 लाख रुपए का लेनदेन हुआ है. जीतन राम मांझी पूर्व सीएम रह चुके हैं. उन्हें सिस्टम के अंदर की सारी बात पता है. सीएम नीतीश कुमार ने भी सदन में जांच का आदेश दिया है. जब दूध का दूध और पानी का पानी हो गया है तो इसमें बेचैनी किस बात की है. घोटाला हुआ है तो तभी तो विधायकों को खरीदा गया." - अरविंद सिंह, प्रवक्ता, भाजपा
'बिहार में ट्रांसफर पोस्टिंग घोटाला': हम पार्टी के संरक्षक जीतन राम मांझी ने गया में आयोजित एक कार्यक्रम में तेजस्वी यादव पर गंभीर आरोप लगाए. रविवार को मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार में ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए तेजस्वी यादव ने सीओ से 50-50 लाख रुपए लिए. वो तो समय रहते सीएम नीतीश कुमार ने ट्रांसफर को रद्द कर दिया गया नहीं तो और ज्यादा घोटाला करने की तैयारी थी.
राजस्व और स्वास्थ्य विभाग का मामलाः दरअसल, मामला साल 2023 का है. जून महीने में राजस्व विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों का तबादला किया गया था. उस वक्त राजद नेता आलोक मेहता भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री थे. हालांकि ट्रांसफर पोस्टिंग की अधिसूचना जारी होने के 26 दिनों के बाद सीएम नीतीश कुमार ने रद्द कर दिया था. उस वक्त भाजपा ने ही आरोप लगाया था कि मनचाहा तबादले के बदले अधिकारियों से रुपए की वसूली की गई है.
सीएम ने कही थी जांच की बात: स्वास्थ्य विभाग में भी 500 अधिकारियों का तबादला रद्द किया गया था. तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम के साथ साथ स्वास्थ्य मंत्री भी थे. इस मामले में विजय सिन्हा ने आरोप भी लगाया था कि नीतीश कुमार के मंत्री बड़े लेवल पर घोटाला किए हैं. इसकी जांच की जाए. एनडीए की सरकार बनने के बाद सीएम नीतीश कुमार ने भी सदन में राजद पर आरोप लगाते हुए जांच कराने की बात कही थी.
यह भी पढ़ेंः
'तेजस्वी यादव ने ट्रांसफर पोस्टिंग के बदले 50-50 लाख रुपए', जीतन राम मांझी का बड़ा आरोप