भोपाल। लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद बीजेपी ने देश के 24 राज्यों में पार्टी के नए प्रदेश प्रभारी और सह प्रभारी की नियुक्ति कर दी है. बीजेपी के केन्द्रीय नेतृत्व ने एमपी में लोकसभा चुनाव के प्रभारी और सह प्रभारी रहे डॉ महेन्द्र सिंह और सतीश उपाध्याय को मध्य प्रदेश के प्रभारी और सह प्रभारी की जिम्मेदारी सौंपी है. उधर इस फैसले के साथ ही अपने विवादित बयानों से सुर्खियों में रहे मुरलीधर राव प्रदेश प्रभारी के पद से हटा दिए गए हैं.
डॉ महेन्द्र सिंह को क्यों मिली एमपी की कमान
बीजेपी केन्द्रीय नेतृत्व ने आखिर डॉ महेन्द्र सिंह के नाम पर मुहर लगा दी. डॉ महेन्द्र सिंह इसके पहले भी लोकसभा चुनाव के प्रभारी के तौर पर एमपी में संगठन की मजबूती का काम कर चुके हैं. नतीजे 29 लोकसभा सीट पर बीजेपी की जीत के तौर पर सामने है. तो क्या ये उसी जीत का तोहफा है. वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश भटनागर कहते हैं, 'बीजेपी में अनुकूलता देखी जाती है. जिस तरह से बेहद खामोशी के साथ डॉ महेन्द्र सिंह और सतीश उपाध्याय ने लोकसभा चुनाव के प्रभारी और सहप्रभारी के तौर पर काम किया. इसमें दो राय नहीं कि ये इसी का ईनाम है.'
आदरणीय श्री @bjpdrmahendra जी, मध्यप्रदेश का प्रभारी नियुक्त किए जाने पर आपको हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) July 5, 2024
आपके मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश में @BJP4MP संगठन अधिक सशक्त होगा, कार्यकर्ताओं को जनसेवा की नई प्रेरणा व दिशा प्राप्त होगी।
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क्या प्रदेश अध्यक्ष भी बदलेंगे
एमपी बीजेपी में हुए इस बड़े बदलाव के बाद सवाल उठ रहे हैं कि बीजेपी में क्या अब प्रदेश अध्यक्ष भी बदले जाएंगे. हालांकि बीच में सियासी गलियारों में ये चर्चाएं थी कि मौजूदा अध्यक्ष वीडी शर्मा का कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है. वरिष्ठ पत्रकार पवन देवलिया कहते हैं 'वीडी शर्मा का कार्यकाल उल्लेखनीय रहा. एमपी में विधानसभा चुनाव में जीत से लेकर लोकसभा चुनाव तक उन्होंने परफार्म किया है. अब देखने वाली बात ये है कि पार्टी उसका इनाम प्रदेश में ही देती है या फिर राष्ट्रीय स्तर पर, लेकिन ये तय है कि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को लेकर जो कुहासा है, वो भी जल्द साफ हो जाएगा.