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भाजपा ने राज्यसभा उम्मीदवारों के नाम किए घोषित, चुन्नीलाल गरासिया और मदन राठौड़ को बनाया प्रत्याशी

BJP Announced Candidates Names, राज्यसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने राजस्थान से दो उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. सोमवार को पार्टी ने दो नामों की सूची जारी की, जिसमें मदन राठौड़ और चुन्नीलाल गरासिया को उम्मीदवार बनाया है.

BJP Announced Candidates Names
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 12, 2024, 8:47 PM IST

जयपुर. राज्यसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने राजस्थान से दो उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. भाजपा केंद्रीय नेतृत्व की ओर से दो नामों की सूची जारी की गई, जिसमें मदन राठौड़ और चुन्नीलाल गरासिया को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है. भाजपा ने मदन राठौड़ और चुन्नीलाल गरासिया को उम्मीदवार बनाकर दलित और ओबीसी वोट बैंक को साधने की कोशिश की है. बता दें कि प्रदेश में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए निर्वाचन संपन्न होना है, जो 3 अप्रैल, 2024 को रिक्त हो रही हैं. प्रदेश में कांग्रेस की तरफ से पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की सीट खाली होगी.

इसी तरह भाजपा से डॉ. किरोड़ी लाल मीणा और भूपेंद्र यादव की सीट खाली हो रही है. इन तीन सीटों पर चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है. गरासिया भाजपा राजस्थान में प्रदेश उपाध्यक्ष और अनुसूचित मोर्चे के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष है. जबकि पूर्व में भाजपा सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. वहीं, मदन राठौड़ सुमेरपुर से विधायक रहे हैं. इसके साथ ही 2013 से 2018 तक सरकार में उप मुख्य सचेतक भी रहे हैं.

मोदी के संदेश के बाद वापस लिया नामांकन : बता दें कि पाली की सुमेरपुर विधानसभा से दो बार विधायक रह चुके हैं पूर्व उप मुख्य सचेतक व पूर्व सुमेरपुर विधायक मदन राठौड़ को इस बार विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय के तौर पर दावेदारी जता दी थी. हालांकि, बाद में राठौड़ ने अपना नाम वापस ले लिया था. बताया जाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संदेश के बाद राठौड़ ने नाम वापस लिया था, जिसका फायदा राज्यसभा चुनाव में मिला. भाजपा ने राठौड़ के जरिए ओबीसी वर्ग को लोकसभा चुनाव के लिहाज से साधने की भी कोशिश की है. वहीं, दो बार विधायक और चार बार जिलाध्यक्ष रह चुके मदन राठौड़ साइंस में स्नातक हैं और 2003 से 2008 और 2013 से 2018 तक सुमेरपुर भाजपा के टिकट से विधायक रहे.

इसे भी पढ़ें - राज्यसभा चुनाव के प्रत्याशी को लेकर कांग्रेस में मंथन, सोनिया गांधी के नाम की भी चर्चा

एसटी की जगह दलित : भाजपा ने चुन्नीलाल गरासिया के जरिए एसटी वोट की पकड़ को बरकरार रखा है. किरोड़ी लाल मीणा की जगह खाली हुई सीट पर गरासिया को राज्यसभा उम्मीदवार बनाया है. गरासिया उदयपुर ग्रामीण से दो बार विधायक रह चुके हैं. वे भैरोंसिंह शेखावत की सरकार में पहली बार विधायक बने थे और चिकित्सा राज्य मंत्री और खान राज्य मंत्री भी रहे थे. गरासिया मूल रूप से डूंगरपुर के बिलुडा गांव के रहने वाले हैं. राजनीति में आने से पहले चुन्नीलाल गरासिया बैंक में एलडीसी हुआ करते थे. गरासिया संघ पृष्ठभूमि से आते हैं. वे संघ के तृतीय वर्ष प्रशिक्षित स्वयंसेवक हैं. पिछले दिनों पीएम मोदी के दौरे के दौरान दोनों की फोटो भी सामने आई थी, जिसमें एयरपोर्ट पर गरासिया मोदी का स्वागत करते नजर आए थे.

गरासिया वर्तमान में भाजपा के एसटी मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं. इससे पहले वे राजस्थान भाजपा की कार्यकारिणी में प्रदेश उपाध्यक्ष थे. 2018 और 2023 के विधानसभा चुनाव में उदयपुर ग्रामीण और गोगुंदा से विधायक के लिए दावेदारी की थी, लेकिन दोनों जगह उन्हें टिकट नहीं मिला था.

जयपुर. राज्यसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने राजस्थान से दो उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. भाजपा केंद्रीय नेतृत्व की ओर से दो नामों की सूची जारी की गई, जिसमें मदन राठौड़ और चुन्नीलाल गरासिया को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है. भाजपा ने मदन राठौड़ और चुन्नीलाल गरासिया को उम्मीदवार बनाकर दलित और ओबीसी वोट बैंक को साधने की कोशिश की है. बता दें कि प्रदेश में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए निर्वाचन संपन्न होना है, जो 3 अप्रैल, 2024 को रिक्त हो रही हैं. प्रदेश में कांग्रेस की तरफ से पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की सीट खाली होगी.

इसी तरह भाजपा से डॉ. किरोड़ी लाल मीणा और भूपेंद्र यादव की सीट खाली हो रही है. इन तीन सीटों पर चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है. गरासिया भाजपा राजस्थान में प्रदेश उपाध्यक्ष और अनुसूचित मोर्चे के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष है. जबकि पूर्व में भाजपा सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. वहीं, मदन राठौड़ सुमेरपुर से विधायक रहे हैं. इसके साथ ही 2013 से 2018 तक सरकार में उप मुख्य सचेतक भी रहे हैं.

मोदी के संदेश के बाद वापस लिया नामांकन : बता दें कि पाली की सुमेरपुर विधानसभा से दो बार विधायक रह चुके हैं पूर्व उप मुख्य सचेतक व पूर्व सुमेरपुर विधायक मदन राठौड़ को इस बार विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय के तौर पर दावेदारी जता दी थी. हालांकि, बाद में राठौड़ ने अपना नाम वापस ले लिया था. बताया जाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संदेश के बाद राठौड़ ने नाम वापस लिया था, जिसका फायदा राज्यसभा चुनाव में मिला. भाजपा ने राठौड़ के जरिए ओबीसी वर्ग को लोकसभा चुनाव के लिहाज से साधने की भी कोशिश की है. वहीं, दो बार विधायक और चार बार जिलाध्यक्ष रह चुके मदन राठौड़ साइंस में स्नातक हैं और 2003 से 2008 और 2013 से 2018 तक सुमेरपुर भाजपा के टिकट से विधायक रहे.

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एसटी की जगह दलित : भाजपा ने चुन्नीलाल गरासिया के जरिए एसटी वोट की पकड़ को बरकरार रखा है. किरोड़ी लाल मीणा की जगह खाली हुई सीट पर गरासिया को राज्यसभा उम्मीदवार बनाया है. गरासिया उदयपुर ग्रामीण से दो बार विधायक रह चुके हैं. वे भैरोंसिंह शेखावत की सरकार में पहली बार विधायक बने थे और चिकित्सा राज्य मंत्री और खान राज्य मंत्री भी रहे थे. गरासिया मूल रूप से डूंगरपुर के बिलुडा गांव के रहने वाले हैं. राजनीति में आने से पहले चुन्नीलाल गरासिया बैंक में एलडीसी हुआ करते थे. गरासिया संघ पृष्ठभूमि से आते हैं. वे संघ के तृतीय वर्ष प्रशिक्षित स्वयंसेवक हैं. पिछले दिनों पीएम मोदी के दौरे के दौरान दोनों की फोटो भी सामने आई थी, जिसमें एयरपोर्ट पर गरासिया मोदी का स्वागत करते नजर आए थे.

गरासिया वर्तमान में भाजपा के एसटी मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं. इससे पहले वे राजस्थान भाजपा की कार्यकारिणी में प्रदेश उपाध्यक्ष थे. 2018 और 2023 के विधानसभा चुनाव में उदयपुर ग्रामीण और गोगुंदा से विधायक के लिए दावेदारी की थी, लेकिन दोनों जगह उन्हें टिकट नहीं मिला था.

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