बीकानेर. भाजपा ने बीकानेर लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी गोविंदराम मेघवाल का नामांकन खारिज करने की मांग की है. भाजपा का आरोप है कि मेघवाल ने अपने नामांकन में आपराधिक मामलों की जानकारी छुपाने का आरोप लगाया है.
भारतीय जनता पार्टी संभाग मुख्यालय पर आयोजित पत्रकार वार्ता में भाजपा विधि प्रकोष्ठ के नेताओं ने कहा कि शपथ पत्र में जानकारी छुपाना पूरी तरह से गलत है. भाजपा जिला प्रवक्ता अशोक प्रजापत ने कांग्रेस से बीकानेर लोकसभा प्रत्याशी गोविंदराम मेघवाल पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने अपने नामांकन पत्र में जो शपथ पत्र दिया है तथा आपराधिक मामलों के रिकॉर्ड कॉलम में शून्य लिखा है और शपथ पत्र में भी किसी प्रकार का आपराधिक मामला लंबित होना नहीं बताया है.
प्रजापत ने कहा कि राजस्थान हाईकोर्ट की ई-कोर्ट सर्विस में उन्हीं के द्वारा नामांकन पत्र के साथ दिए गए हाईकोर्ट के मामलों के पेज में प्रदर्शित अपराधिक मामलों की संख्याओं को देखें ई तो कई मामले ऐसे हैं. जिनकी अगली तारीख मई और जून महीने की है. जिसका सीधा सा अर्थ है कि अभी भी उनके विरुद्ध न्यायालय में मामले पेंडिंग हैं. तभी आगे की तारीख इन प्रकरणों में है. जिसकी जानकारी उन्होंने अपने शपथ पत्र और आपराधिक मामलों के कॉलम में नहीं दी.
साथ ही जयनारायण व्यास कॉलोनी थाने की हिस्ट्रीशीट संबंधी पुलिस पोर्टल में गोविंदराम चौहान नाम से उनकी हिस्ट्रीशीट खुली हुई है. व्यास कॉलोनी थाने ने गोविंद चौहान को अपना थाने का हिस्ट्रीशीटर माना है. जबकि इसकी जानकारी उन्होंने अपने शपथ पत्र में नहीं दी है.
हाईकोर्ट का रास्ता खुला: भाजपा जिला प्रवक्ता एडवोकेट अशोक प्रजापत और विधि प्रकोष्ठ संयोजक चतुर्भुज सारस्वत ने कहा कि इस मामले में उन्होंने जिला निर्वाचन अधिकारी और राज्य निर्वाचन अधिकारी और केंद्रीय निर्वाचन अधिकारी को शिकायत दी है. उन्होंने कहा कि अब जिला निर्वाचन अधिकारी इस मामले में कार्रवाई नहीं कर सकते हैं. इसलिए राज्य निर्वाचन आयोग और केंद्रीय चुनाव आयोग को शिकायत भेजी गई है. अगर समय रहते हमारी आपत्ति पर कोई सुनवाई नहीं हुई, तो हाईकोर्ट की शरण लेंगे.
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खुद ले सकते प्रसंज्ञान: प्रजापत ने कहा कि धारा 125 A (representation of the people 1951) के अनुसार जिला निर्वाचन अधिकारी को गलत तथ्य प्रस्तुत करने, आपराधिक मामलों के तथ्य छिपाने के लिए गोविंद मेघवाल के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई जानी चाहिए. साथ ही 195 सीआरपीसी और 340 सीआरपीसी में यह प्रावधान है कि अगर कोई व्यक्ति गलत तथ्य प्रस्तुत करे, उसकी जानकारी सक्षम अधिकारी या न्यायालय को हो, तो वे स्वयं प्रसंज्ञान लेकर एफआईआर दर्ज कर संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई एफआईआर दर्ज कर सकते हैं.