विकासनगर: छात्रधारी चालदा महासू देवता मंदिर दसऊ में फूलियात पर्व पर आस्था का सैलाब उमड़ा. श्रद्धालुओं ने देव दर्शन के साथ ही सुख समृद्धि की कामना की. इस दौरान 14 गांव के ग्रामीणों ने फूलियात पर्व के अवसर पर बुरांश के फूल मंदिर में अर्पित कर क्षेत्र की खुशहाली की कामना की.
जौनसार बावर के ईष्ट देव छत्रधारी चालदा महासू देवता इन दिनों पशगांव के दसऊ मंदिर मे विराजित हैं .चालदा महासू देवता चलाएमान हैं. एक स्थान पर एक या दो साल के प्रवास पर रहते हैं.जौनसार बावर सहित ,उत्तरकाशी, हिमाचल प्रदेश तक छत्रधारी चालदा महासू देवता की यात्रा चलती है. जौनसार के दसऊ गांव में बिस्सू फूलियात पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. खत पट्टी के करीब 14 गांवों के लोग गाजे बाजे के साथ हाथों मे बुरांश के फूलों से बनाए गुच्छे ,मालाएं लेकर नाचते गाते महासू देवता के जयकारे लगाते हुए दसऊ गांव पंहुचे. जहां लोगों ने बुरांश के फूल देवता को अर्पित कर क्षेत्र की खुशहाली की कामना की.
देव दर्शनों को मंदिर मे सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. बिस्सू फूलियात पर्व पर महिलाओं और पुरुषों ने पारंपरिक वेशभूषा में हारूल नृत्य किया. इस दौरान युद्व कला की पारम्परिक संस्कृति ठोऊडा नृत्य(तीर कमान) का भी प्रदर्शन किया गया. फूलियात पर्व पर क्षेत्र सहित हिमाचल प्रदेश से भी काफी संख्या मे श्रद्धालु देव दर्शन करने पहुंचे.
चालदा महासू देवता के छत्राई स्याणा मातवर सिंह चौहान ने बताया जहां भी चालदा महासू महाराज प्रवास पर होते हैं उस खत पट्टी के ग्रामीण संक्रांति से एक दिन पहले फूलियात पर्व मनाते हैं. मंदिर समिति दसऊ के सचिव मातवर सिहं तोमर ने कहा खत दसऊ पशगांव के करीब 14 गांव के ग्रामीण के साथ साथ बड़ी संख्या मे अन्य क्षेत्रों से भी श्रद्धालु फूलियात पर्व मनाने के लिए पंहुचते हैं.
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