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बर्ड फ्लू से कुरजां की मौत ने बढ़ाई चिंता, सांभर लेक में प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा के लिए कड़ी निगरानी - SAMBHAR LAKE JAIPUR

सांभर झील में इस बार प्रवासी पक्षियों की बड़ी संख्या पहुंची है. बर्ड फ्लू के खतरे को देखते हुए वन विभाग ने निगरानी बढ़ाई है.

सांभर लेक में प्रवासी पक्षियों के लिए निगरानी
सांभर लेक में बढ़ी निगरानी (ETV Bharat GFX)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 31, 2024, 6:32 AM IST

जयपुर : राजस्थान की सबसे बड़ी खारे पानी की झील सांभर लेक में इस बार सर्दियों में बड़ी संख्या में माइग्रेटरी बर्ड्स (प्रवासी पक्षी) पहुंचे हैं. हालांकि, बर्ड फ्लू के खतरे के कारण पक्षी प्रेमियों और संबंधित विभागों के अधिकारियों में चिंता है. जोधपुर जिले के खींचन में बर्ड फ्लू से प्रवासी पक्षी कुरजां की मौत के बाद सांभर झील में भी प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा को लेकर सतर्कता बढ़ा दी गई है. वन विभाग और सांभर साल्ट प्रबंधन ने झील क्षेत्र में निगरानी बढ़ा दी है. कर्मचारी नियमित रूप से पेट्रोलिंग कर रहे हैं और अब ड्रोन से भी सर्वेक्षण किया जा रहा है.

डीएफओ वी. केतन कुमार (ETV Bharat Jaipur)

बर्ड फ्लू को लेकर अलर्ट : डीएफओ वी. केतन कुमार का कहना है कि जोधपुर के खींचन में डोमिसाइल क्रेन (कुरजां) में बर्ड फ्लू के मामले सामने आने के बाद, चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन ऑफिस से अलर्ट मिला है. इस दिशा में, प्रदेशभर में वेटलैंड्स की निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं. राहत की बात यह है कि सांभर झील में किसी भी पक्षी में बर्ड फ्लू के लक्षण नहीं पाए गए हैं. खींचन की घटना के बाद प्रदेशभर में अलर्ट जारी कर दिया गया है.

सांभर झील में प्रवासी पक्षियों की बड़ी संख्या पहुंची
सांभर झील में प्रवासी पक्षियों की बड़ी संख्या पहुंची (ETV Bharat Jaipur)

इसे भी पढ़ें- फलोदी के खींचन में मेहमान पक्षी कुरजां की मौत का कारण बर्ड फ्लू

निगरानी बढ़ी : केतन कुमार ने बताया कि सांभर झील में बड़ी संख्या में माइग्रेटरी बर्ड्स मौजूद हैं, जिनमें ग्रेटर और लेजर फ्लेमिंगो के अलावा वीडर्स, शोरबर्ड्स, बतख और कॉमन क्रेन भी शामिल हैं. इन पक्षियों के आकर्षण के कारण बर्ड वाचर्स भी बड़ी संख्या में झील क्षेत्र में पहुंच रहे हैं. वन विभाग पेट्रोलिंग और पैदल गश्त बढ़ाकर सुरक्षा सुनिश्चित कर रहा है. किसी भी संदिग्ध पक्षी में बर्ड फ्लू के लक्षण पाए जाने पर, पशुपालन विभाग के साथ मिलकर सैंपलिंग की जाएगी और स्थिति के अनुसार उसका निस्तारण किया जाएगा.

प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा के लिए कड़ी निगरानी
प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा के लिए कड़ी निगरानी (ETV Bharat Jaipur)

डीएफओ ने बताया कि वन विभाग ने काचरोदा नर्सरी में एक रेस्क्यू सेंटर भी बनाया है. यहां, बर्ड फ्लू के संदिग्ध मामलों में पक्षियों का इलाज किया जाएगा. कोई पक्षी घायल मिलता है, तो उसे तुरंत नर्सरी में भेजकर उपचार करवाया जाएगा. संक्रमण फैलने से रोकने के लिए मृत पक्षी को नष्ट करने के लिए गाइडलाइन तय की गई है. मृत पक्षी का शव झील से हटाकर गड्ढा खोदकर जलाया जाता है, ताकि संक्रमण फैलने का कोई खतरा न रहे. सांभर झील का क्षेत्रफल करीब 240 वर्ग किलोमीटर है, जिससे हर जगह पैदल गश्त करना संभव नहीं है, इसलिए ड्रोन के माध्यम से निगरानी रखी जा रही है, ताकि किसी भी संदिग्ध घायल पक्षी को उपचार मिल सके.

जयपुर : राजस्थान की सबसे बड़ी खारे पानी की झील सांभर लेक में इस बार सर्दियों में बड़ी संख्या में माइग्रेटरी बर्ड्स (प्रवासी पक्षी) पहुंचे हैं. हालांकि, बर्ड फ्लू के खतरे के कारण पक्षी प्रेमियों और संबंधित विभागों के अधिकारियों में चिंता है. जोधपुर जिले के खींचन में बर्ड फ्लू से प्रवासी पक्षी कुरजां की मौत के बाद सांभर झील में भी प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा को लेकर सतर्कता बढ़ा दी गई है. वन विभाग और सांभर साल्ट प्रबंधन ने झील क्षेत्र में निगरानी बढ़ा दी है. कर्मचारी नियमित रूप से पेट्रोलिंग कर रहे हैं और अब ड्रोन से भी सर्वेक्षण किया जा रहा है.

डीएफओ वी. केतन कुमार (ETV Bharat Jaipur)

बर्ड फ्लू को लेकर अलर्ट : डीएफओ वी. केतन कुमार का कहना है कि जोधपुर के खींचन में डोमिसाइल क्रेन (कुरजां) में बर्ड फ्लू के मामले सामने आने के बाद, चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन ऑफिस से अलर्ट मिला है. इस दिशा में, प्रदेशभर में वेटलैंड्स की निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं. राहत की बात यह है कि सांभर झील में किसी भी पक्षी में बर्ड फ्लू के लक्षण नहीं पाए गए हैं. खींचन की घटना के बाद प्रदेशभर में अलर्ट जारी कर दिया गया है.

सांभर झील में प्रवासी पक्षियों की बड़ी संख्या पहुंची
सांभर झील में प्रवासी पक्षियों की बड़ी संख्या पहुंची (ETV Bharat Jaipur)

इसे भी पढ़ें- फलोदी के खींचन में मेहमान पक्षी कुरजां की मौत का कारण बर्ड फ्लू

निगरानी बढ़ी : केतन कुमार ने बताया कि सांभर झील में बड़ी संख्या में माइग्रेटरी बर्ड्स मौजूद हैं, जिनमें ग्रेटर और लेजर फ्लेमिंगो के अलावा वीडर्स, शोरबर्ड्स, बतख और कॉमन क्रेन भी शामिल हैं. इन पक्षियों के आकर्षण के कारण बर्ड वाचर्स भी बड़ी संख्या में झील क्षेत्र में पहुंच रहे हैं. वन विभाग पेट्रोलिंग और पैदल गश्त बढ़ाकर सुरक्षा सुनिश्चित कर रहा है. किसी भी संदिग्ध पक्षी में बर्ड फ्लू के लक्षण पाए जाने पर, पशुपालन विभाग के साथ मिलकर सैंपलिंग की जाएगी और स्थिति के अनुसार उसका निस्तारण किया जाएगा.

प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा के लिए कड़ी निगरानी
प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा के लिए कड़ी निगरानी (ETV Bharat Jaipur)

डीएफओ ने बताया कि वन विभाग ने काचरोदा नर्सरी में एक रेस्क्यू सेंटर भी बनाया है. यहां, बर्ड फ्लू के संदिग्ध मामलों में पक्षियों का इलाज किया जाएगा. कोई पक्षी घायल मिलता है, तो उसे तुरंत नर्सरी में भेजकर उपचार करवाया जाएगा. संक्रमण फैलने से रोकने के लिए मृत पक्षी को नष्ट करने के लिए गाइडलाइन तय की गई है. मृत पक्षी का शव झील से हटाकर गड्ढा खोदकर जलाया जाता है, ताकि संक्रमण फैलने का कोई खतरा न रहे. सांभर झील का क्षेत्रफल करीब 240 वर्ग किलोमीटर है, जिससे हर जगह पैदल गश्त करना संभव नहीं है, इसलिए ड्रोन के माध्यम से निगरानी रखी जा रही है, ताकि किसी भी संदिग्ध घायल पक्षी को उपचार मिल सके.

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