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12 हजार फीट की ऊंचाई पर सेना ने निकाली बाइक रैली, जादूंग गांव में हुआ भव्य स्वागत - Bike Rally in Uttarkashi - BIKE RALLY IN UTTARKASHI

नेलांग और जादूंग घाटी में सेना ने बाईक रैली निकाली. बाइक रैली निकालने का मकसद पर्यटन और पुर्नवास स्थापित कराना है.

Uttarkashi Bike Rally
नेलांग और जादूंग घाटी में निकाली बाईक रैली (Photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 7, 2024, 8:37 AM IST

उत्तरकाशी: भारतीय सेना ने भारत-चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बसे जादूंग गांव में पर्यटन और पुर्नवास मिशन शुरू किया है. इस अभियान के तहत सेना के 21 जवानों ने पहली बार समुद्रतल से करीब 12 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित नेलांग और जादूंग घाटी में बाईक रैली निकाली. गंगोत्री दर्शन के बाद यह रैली अब चमोली के नीती-मलारी घाटी के लिए रवाना हुई है.

केंद्र सरकार की सीमांत गांव को बसाने की योजना में अब भारतीय सेना ने पर्यटन और पुर्नवास को बढ़ावा देने का अभियान शुरू कर दिया है. इसकी शुरूआत जादूंग गांव से हुई है. इस गांव को दोबारा बसाने के लिए यहां पर होमस्टे का निर्माण शुरू हो गया है. इसी क्रम में ट्रैकिंग एजेंसी के संयोजक सूर्यप्रकाश ने बताया कि भारतीय सेना का 21 सदस्यीय बाइक रैली दल हर्षिल होते हुए जादूंग गांव पहुंचा. जहां भैरो घाटी से आगे नेलांग और जादूंग घाटी में इतिहास में पहली कोई बाईक रैली पहुंची होगी. इसमें सेना के जवानों के साथ एक निजि बाईक कंपनी की दो महिला राइडर सदस्य भी मौजूद थे.

जादूंग पहुंचने पर सेना के जवानों ने हर्षिल घाटी के गांव के युवाओं से सीमांत गांव को दोबारा बसाने के लिए विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की. सैन्य अधिकारियों ने बताया कि विरान पड़ चुके गांवों को दोबारा उसी स्वरूप में बसाना चाहिए, जिस शैली में पहले थे. तभी इनकी शोभा बढ़ेगी और यह आज की पीढ़ी के लिए पर्यटन के साथ नया अनुभव और जानकारी प्रदान करेगा. यह अभियान करीब 13 दिन तक चलेगा. इसमें बाईक पर ही सभी सीमांत गांवों का भ्रमण किया जाएगा. गंगोत्री दर्शन के बाद अब वह मलारी के लिए रवाना हो गए हैं.
पढ़ें-उत्तराखंड के बॉर्डर एरियाज में सेना ने शुरू की स्पेशल बाइक रैली, 12 दिनों तक चलेगा कैंपेन, जानिये वजह

उत्तरकाशी: भारतीय सेना ने भारत-चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बसे जादूंग गांव में पर्यटन और पुर्नवास मिशन शुरू किया है. इस अभियान के तहत सेना के 21 जवानों ने पहली बार समुद्रतल से करीब 12 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित नेलांग और जादूंग घाटी में बाईक रैली निकाली. गंगोत्री दर्शन के बाद यह रैली अब चमोली के नीती-मलारी घाटी के लिए रवाना हुई है.

केंद्र सरकार की सीमांत गांव को बसाने की योजना में अब भारतीय सेना ने पर्यटन और पुर्नवास को बढ़ावा देने का अभियान शुरू कर दिया है. इसकी शुरूआत जादूंग गांव से हुई है. इस गांव को दोबारा बसाने के लिए यहां पर होमस्टे का निर्माण शुरू हो गया है. इसी क्रम में ट्रैकिंग एजेंसी के संयोजक सूर्यप्रकाश ने बताया कि भारतीय सेना का 21 सदस्यीय बाइक रैली दल हर्षिल होते हुए जादूंग गांव पहुंचा. जहां भैरो घाटी से आगे नेलांग और जादूंग घाटी में इतिहास में पहली कोई बाईक रैली पहुंची होगी. इसमें सेना के जवानों के साथ एक निजि बाईक कंपनी की दो महिला राइडर सदस्य भी मौजूद थे.

जादूंग पहुंचने पर सेना के जवानों ने हर्षिल घाटी के गांव के युवाओं से सीमांत गांव को दोबारा बसाने के लिए विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की. सैन्य अधिकारियों ने बताया कि विरान पड़ चुके गांवों को दोबारा उसी स्वरूप में बसाना चाहिए, जिस शैली में पहले थे. तभी इनकी शोभा बढ़ेगी और यह आज की पीढ़ी के लिए पर्यटन के साथ नया अनुभव और जानकारी प्रदान करेगा. यह अभियान करीब 13 दिन तक चलेगा. इसमें बाईक पर ही सभी सीमांत गांवों का भ्रमण किया जाएगा. गंगोत्री दर्शन के बाद अब वह मलारी के लिए रवाना हो गए हैं.
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