पटना : बिहार में शिक्षकों के स्थानांतरण के लिए आवेदन की प्रक्रिया जारी है. शिक्षा विभाग के पोर्टल ई-शिक्षकोष पर शिक्षकों से आवेदन लिए जा रहे हैं. लेकिन पोर्टल पर सॉफ्टवेयर की दिक्कत के कारण आवेदन करने में शिक्षकों को काफी परेशानी हो रही है. कई महिला शिक्षिकाएं हैं, जिनकी शिकायत है कि उन्होंने 10 पंचायत का ऑप्शन अपलोड करके सबमिट कर दिया, लेकिन अब अचानक से सार ऑप्शन गायब हो गये है. इसके अलावा पोर्टल पर आठ जिले जहां सिर्फ एक अनुमंडल है, वहां ऑप्शन में गृह अनुमंडल भी भरा जाने लगा है.
ओटीपी समय पर नहीं आ रहा : बिहार शिक्षक मंच के अध्यक्ष अमित अभिषेक ने ई-शिक्षाकोष के सॉफ्टवेयर पर सवाल उठाते हुए कहा है कि, शिक्षकों को आवेदन शुरु करने से पहले सॉफ्टवेयर द्वारा OTP ही नहीं सेंड हो पा रहा है, जिससे रोजाना शिक्षक परेशान हो रहे हैं. OTP के इंतजार में शिक्षकों को देर रात तक का भी इंतजार करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा कई सारे शिक्षकों का आवेदन सबमिट होने के बाद एक दो दिन में चॉइस पंचायत या अनुमंडल अपने आप बदल गये हैं या गायब हो गया है जिससे शिक्षक परेशान हो रहे हैं.
'सिर्फ गृह अनुमंडल वाली ही रहे बाध्यता' : अमित अभिषेक ने कहा कि सिंगल अनुमंडल वाले आठ जिला पर शिक्षा मंत्री के बयान के बाद अब उन जिलों में जिला के अनुमंडल का चॉइस लिया जाने लगा है. अभी ट्रायल बेसिस पर है यह शुरू हो गया है. इन जिलों के शिक्षक जब अपना गृह अनुमंडल डाल दे रहे हैं. उसके बाद उनके चॉइस के ऑप्शन में गृह अनुमंडल लॉक नहीं हो रहा है.
''यहां भी दिक्कत है कि इन जिलों को दो भाग में बांटा गया है. जिसमें कई शिक्षक है जो वर्तमान में दूसरे भाग में पढ़ा रहे हैं और बचा हुआ दूसरा हिस्सा उनके गृह अनुमंडल का है. ऐसे में यह शिक्षक जिले से बाहर हो जा रहे हैं.''- अमित अभिषेक, अध्यक्ष, बिहार शिक्षक मंच
'सॉफ्टवेयर की दिक्कत को जल्द सुधारे विभाग' : अमित अभिषेक ने कहा कि सरकार कम से कम अपने बयान के अनुरूप सिर्फ गृह अनुमंडल की ही बाध्यता रखें. वर्तमान पदस्थापना वाले अनुमंडल, ससुराल के अनुमंडल और पत्नी सरकारी सेवा में कहीं है तो वहां के अनुमंडल की चॉइस को लॉक नहीं किया जाए. वर्तमान स्थिति में गृह अनुमंडल के अलावा भी कई अनुमंडल को छोड़ना पड़ रहा है क्योंकि वह चॉइस अपडेट नहीं हो रहा.
''सॉफ्टवेयर में जो दिक्कतें आ रही हैं, चॉइस फिल करने के बाद जो चॉइस बदल जा रहा है, इस पर भी विभाग ध्यान दे. कई जगह सॉफ्टवेयर में जिला के पंचायत में दूसरे जिला का पंचायत दिख रहा है और उस जिला का पंचायत नहीं दिख रहा. शिक्षा विभाग इन समस्याओं का जल्द समाधान करे नहीं तो ये प्रक्रिया कोर्ट में ही उलझ कर रह जाएगी.''- अमित अभिषेक, अध्यक्ष, बिहार शिक्षक मंच
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