पटना : बिहार के शिक्षक संगठन स्थानांतरण नीति पर सरकार से नाराज हैं. यही नहीं सरकार के अधिकारियों की ओर से दिए जा रहे वक्तव्य पर आश्चर्य प्रकट कर रहे हैं कि ऐसा हुआ कब है? स्थानांतरण नीति के खिलाफ शिक्षक संगठनों ने बिहार के मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, राज्यपाल और अन्य जगहों पर मेमोरेंडम दे दिया है.
HC में जाने की तैयारी : शिक्षक संगठन पटना उच्च न्यायालय में इस नीति के विरोध में अपील करने की तैयारी में लगे हुए हैं. इसी बीच मंगलवार को शिक्षा विभाग के मंत्री और एसीएस के बयान पर शिक्षक संगठनों ने सवाल खड़े किए हैं और बयान को झूठा बताया है.
'कौन सी बात शिक्षकों की मानी गई' ? : टीईटी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष नितेश कुमार ने कहा कि उन्होंने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का मंगलवार के दिन का बयान सुना. इसमें वह कह रहे हैं कि स्थानांतरण नीति में शिक्षकों की सभी बात मानी गई है. लेकिन वह पूरे सम्मान से यह पूछना चाहते हैं कि स्थानांतरण नीति में शिक्षकों की कौन सी बात मानी गई है.
''इस स्थानांतरण नीति में शिक्षकों में ही भेद कर दिया गया है. शिक्षा विभाग पहला ऐसा विभाग बना है जो स्थानांतरण नीति में लिंग के आधार पर भेदभाव किया है. यह गैर संवैधानिक है और माननीय न्यायालय के कई निर्देशों के विरुद्ध भी है.''- नितेश कुमार, प्रदेश अध्यक्ष, टीईटी शिक्षक संघ
स्थानांतरण नीति के खिलाफ सरकार को दिया मेमोरेंडम : नितेश कुमार ने कहा कि स्थानांतरण नीति जब आई तब पुरुष शिक्षकों के लिए कहा गया कि गृह अनुमंडल छोड़कर 10 अनुमंडल का ऑप्शन देना होगा. लेकिन पोर्टल पर कई अनुमंडल के ऑप्शन नहीं ले रहे हैं, क्योंकि तीन से चार अनुमंडल वर्जित हो जा रहे हैं. अभी तक ई-शिक्षकोष पोर्टल पर इसमें कोई सुधार नहीं हुआ है कि गृह अनुमंडल छोड़कर अन्य अनुमंडल का ऑप्शन डाला जा सके.
''जो विशिष्ट शिक्षक नियमावली लाई गई, उसके बाद सक्षमता उत्तीर्ण शिक्षकों को जिला अलॉट कर उनकी काउंसलिंग भी कराई गई. फिर अब दोबारा से जिला से बाहर करने की साजिश क्यों की जा रही है? हमलोगों ने अपने सवालों के संबंध में और नियमावली की त्रुटियों को लेकर के सरकार को मेमोरेंडम भी दे दिया है.''- नितेश कुमार, प्रदेश अध्यक्ष, टीईटी शिक्षक संघ
'शिक्षा मंत्री का बयान हास्यासपद' : टीईटी स्नातक शिक्षक संघ के अध्यक्ष पिंटू कुमार सिंह ने कहा कि मंगलवार को उन्होंने शिक्षा मंत्री का बयान सुना जो हास्यास्पद लगा. जिस जिला में एक अनुमंडल है, वहां दो डिवीजन करके शिक्षकों की पोस्टिंग की उन्होंने बात कही. लेकिन अगर यह लागू होगा तो सिर्फ आठ जिला के लिए ही क्यों, अन्य जिलों के लिए क्यों नहीं. जहां दो अनुमंडल हैं वहां क्यों नहीं.
''अभी स्थानांतरण के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू है और विभाग अभी भी स्थानांतरण नीति को लेकर कन्फ्यूजन की स्थिति में है. ऐसे में सही होगा कि स्थानांतरण नीति की सभी त्रुटियां दूर करके स्थानांतरण के आवेदन लिए जाएं.''- पिंटू कुमार सिंह, अध्यक्ष, टीईटी स्नातक शिक्षक संघ
'सदन में मंत्री का वक्तव्य और नियमावली में अंतर' : पिंटू कुमार सिंह ने कहा कि शिक्षा मंत्री का जो सदन में संबोधन रहा है, उसे भी वह याद करें क्योंकि उनके वक्तव्य ही नियमावली में झूठे प्रतित हो रहे हैं. शिक्षकों की शुरू से मांग रही है कि गृह अनुमंडल की बाध्यता हटाया जाए और गृह प्रखंड ठीक है. प्रखंड भी बड़ा क्षेत्र होता है और गृह प्रखंड से बाहर कहीं भी कोई पोस्टिंग दे दे ठीक है.
''अभी अनुमंडल की बाध्यता है जिसमें गृह अनुमंडल नहीं देने की बात है. लेकिन व्यावहारिक रूप से तीन से चार अनुमंडल शिक्षकों के चॉइस के रूप में पोर्टल पर नहीं लिए जा रहे हैं. पुरुष शिक्षक सरकार से यह जानना चाह रहे हैं कि आखिर उन्होंने कौन सी ऐसी गलती की है कि एक ही सेवा संवर्ग में पुरुषों और महिलाओं के लिए स्थानांतरण नीति अलग-अलग लाई गई है. सरकार जल्द शिक्षकों की समस्याओं पर संज्ञान ले अन्यथा विवश होकर सभी शिक्षक न्यायालय का रुख करेंगे.''- पिंटू कुमार सिंह, अध्यक्ष, टीईटी स्नातक शिक्षक संघ
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