पटना : आमिर खान स्टारर फिल्म लगान का एक मशहूर गाना है, 'बरसो रे मेघा बरसो'. बिहार के लोग भी पिछले कुछ सालों से इसी तरह आसामान की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं. हो भी क्यों ना, जब सामान्य से कम बारिश होगी तो लोग बदरा की ओर तो देखेंगे ही.
बिहार में मॉनसून में जमकर होगी बारिश : लोगों को इस 'निगाह' से निजात मिलने वाली है. जिस प्रकार से मौसम विभाग का अनुमान है, उसके अनुसार इस बार बिहार में मौनसून के दौरान सामान्य से अधिक बारिश होगी. अगर पिछले 20 साल का रिकॉर्ड खंगालें तो पाएंगे कि सिर्फ एक बार साल 2007 में मॉनसून में सामान्य से 30 प्रतिशत अधिक बारिश हुई थी.
अंडमान-निकोबार में हो चुकी है एंट्री : इस साल ला-नीना का प्रभाव है. साथ ही अंडमान-निकोबार में समय से पहले मानसून के दस्तक देने से यह संभावना और प्रबल हो गई है. जिस कारण पूरे बिहार में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना जतायी जा रही है. अंडमान-निकोबार में समय से पहले ही 19 मई को मॉनसून ने दस्तक दे दी है.
बिहार में 15 जून तक मॉनसून आने की संभावना : मौसम विभाग के अनुसार, केरल में एक जून को मॉनसून की एंट्री होगी. धीरे-धीरे यह पूरे देश में प्रवेश करेगा. अगर बिहार की बात की जाए तो 15 जून तक प्रदेश में मॉनसून आ जाएगा. समय से एक दिन पहले मॉनसून की बिहार में दस्तक होगी. इसके बाद पूरे प्रदेश में झमाझम बारिश होगी. मौसम विभाग का कहना है कि इस साल सामान्य से अधिक बारिश होगी.
बिहार में वज्रपात के साथ हो रही बारिश : अगर गौर से देखा जाए तो बिहार में गर्मी के मौसम के बीच भी बारिश हो रही है. अलग-अलग जिलों में वज्रपात के साथ बदरा बरस रहा है. तेज हवा और गर्जन के साथ बारिश की बूंदें बिहार की सरजमीं को चूम रही है. इससे लोगों को गर्मी में राहत मिलती है.
किसानों को मिलेगा फायदा : रही बात मॉनसून में सामान्य से अधिक बारिश की तो इसका सीधा असर खेती पर पड़ेगा. किसान के चेहरे खिल उठेंगे. क्योंकि पिछले कुछ सालों में बारिश कम होने से सूखा की स्थिति तक पैदा होती रही है. प्रदेश के कुछ हिस्सों में सामान्य से बहुत अधिक तो ज्यादातर हिस्सों में बारिश की बूंदों के लिए लोग तरसते रहे.
पिछले दो सालों से कम हो रही बारिश : पिछले दो सालों की बात करें तो सामान्य से लगभग 23 प्रतिशत कम बारिश हुई. पिछले वर्ष राज्य के 29 जिलों में मानसून की कम और 8 जिलों में अच्छी बारिश दर्ज की गई थी. वहीं बांका में सामान्य से 60 प्रतिशत अधिक बारिश हुई थी. दो दशकों में 2006 में समय से चार दिन पहले और 2018 में 14 दिन की देरी से मॉनसून की एंट्री हुई थी.
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