पटना : बिहार में पटना मौसम विभाग की मानें तो 20 या 21 जून को बिहार के कुछ हिस्सों में मानसून की एंट्री हो जाएगी. राज्य के कुछ हिस्सों में झमाझम बारिश देखने को मिलेगी. दरअसल बिहार में हर साल मानसून की एंट्री 15 जून तक हो जाती है. लेकिन इस बार चार से पांच दिनों की देरी हुई है.
ला नीना का असर : मानसून के देरी से आने की वजह ला नीना है. ला नीना की वजह से मानसून पश्चिम बंगाल में अटक गया है. ला नीना की वजह से गर्मी से राहत की उम्मीद नहीं दिख रही है. मौसम विभाग की मानें तो ''उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों, हरियाणा-चंडीगढ़-दिल्ली के कुछ हिस्सों में 18 जून 2024 को उष्ण लहर से लेकर गंभीर उष्ण लहर की स्थिति है तथा जम्मू संभाग, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, बिहार और झारखंड के अलग-अलग स्थानों में उष्ण लहर की स्थिति होने की संभावना है.''
ला नीना से मानसून में देरी : मानसून में देरी की वजह ला नीना को बताया जा रहा है. बिहार में सामान्यत: मानसून 15 जून तक प्रवेश कर जाता है लेकिन अभी तक मानसून के न आने पर निराशा है. लेकिन मौसम विभाग की मानें तो अगले 4 से 5 दिन में बंगाल के रास्ते बिहार में मानसून प्रवेश कर जाएगा. इस बीच मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि दिन के साथ रातें भी गर्म रहेंगी. बारिश होने के बाद ही राहत बरसेगी.
क्या है ला नीना : महासागर में गर्म और ठंडी जलधाराओं के प्रवाह के आधार पर ला नीना और अल नीनो का प्रभाव होता है. ठंडी जलधारा सतह पर बहती है तो उसकी वजह से हवाओं का असर भी ठंडा हो जाता है. इस अवस्था को ला नीना कहते हैं जबकि गर्म जलधारा महासागर में सतह पर बहती है तो उससे उठने हवाएं गर्म और बारिश की वजह बनती हैं. ला नीना का असर काफी लंबा बना रहता है.
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