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बिहार में शराबबंदी कानून के तहत हर घंटे 18 लोग हो रहे गिरफ्तार, सरकार के चौंकाने वाले आंकड़े! - Bihar liquor ban

बिहार सरकार की ओर से शराबबंदी को लेकर 1 अप्रैल 2016 से 31 अगस्त 2024 तक के आंकड़े जारी किए गए हैं. इन आंकड़ों में कई चौकाने वाले खुलासे हुए हैं. मसलन, राज्य में हर घंटे 18 लोगों को शराब से जुड़े मामले में पकड़ा गया. इन 8 साल में कुल 266 लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हुई. इतने बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियां यह सवाल खड़ा करती हैं कि क्या वाकई शराबबंदी पूरी तरह सफल हो पाई है? पढ़ें, विस्तार से.

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शराबबंदी काूनन के तहत गिरफ्तारी. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 23, 2024, 8:12 PM IST

Updated : Sep 23, 2024, 9:51 PM IST

पटनाः बिहार में वर्ष 2016 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा शराबबंदी लागू करने के बाद से लगभग 8 साल से अधिक का वक्त बीत चुका है. शराबबंदी कानून के तहत सरकार का दावा था कि राज्य को नशामुक्त और अपराधमुक्त बनाया जाएगा. इस दौरान पुलिस और मद्य निषेध विभाग ने कड़ी कार्रवाई करते हुए हजारों गिरफ्तारियां की हैं. हालांकि, शराबबंदी लागू होने के बावजूद राज्य में शराब की तस्करी और सेवन रुकने का नाम नहीं ले रहा है. इसका गवाह सरकार द्वारा जारी आंकड़े हैं.

क्या कहते हैं आंकड़ेः बिहार सरकार की ओर से शराबबंदी को लेकर आंकड़े जारी किए गए हैं. आंकड़ों के अनुसार, इन 8 सालों में कुल 12,79,387 लोगों को शराबबंदी कानून के तहत गिरफ्तार किया गया है. इसमें मद्य निषेध विभाग ने 5,43,326 और पुलिस विभाग ने 7,36,061 गिरफ्तारियां की हैं. इसके अलावा, शराबबंदी कानून के उल्लंघन से जुड़े 8,43,907 मामले भी दर्ज किए गए हैं. इनमें से 3,70,814 मामले मद्य निषेध विभाग और 4,73,093 मामले पुलिस विभाग द्वारा दर्ज किए गए हैं.

विनोद सिंह गुंजियाल, मद्य निषेध विभाग के सचिव. (ETV Bharat)

ऐसे समझें आंकड़ों कोः अगर इस आंकड़े को विभाजित करके देखा जाए, तो हर महीने औसतन लगभग 12,794 लोग गिरफ्तार किए गए हैं. हर दिन लगभग 426 लोगों की गिरफ्तारी का मतलब यह है कि राज्य में हर घंटे करीब 18 लोगों को शराब से जुड़े मामले में पकड़ा गया. यह तथ्य बिहार की पुलिस और मद्य निषेध विभाग की कार्रवाई को दर्शाता है. साथ ही एक सवाल भी उठता है कि इतनी गिरफ्तारियों के बाद भी कथित रूप से होम डिलेवरी कैसे हो रही है. वो कौन हैं जो पुलिस की पकड़ से दूर हैं.

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ETV GFX (ETV Bharat)

वाहन की नीलामी से राजस्व प्राप्तिः सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक अब तक कुल मिलाकर 5 लाख 20 हजार लोगों को शराबबंदी मामले में कोर्ट से सजा दिलाई गई है. शराबबंदी से जुड़े मामलों में कुल 1,24,658 वाहन जब्त किए गए. वाहनों की नीलामी से सरकार को 327 करोड़ की राशि प्राप्त हुई. 6 साल के दौरान कुल मिलाकर 3 करोड़ 46 लाख 61 हजार 723 लीटर शराब जब्त की गयी. अगस्त 2024 तक विभाग की ओर से 3 करोड़ 38 लाख 22 हजार 56 लीटर शराब नष्ट की जा चुकी है.

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मद्य निषेध विभाग के मंत्री व सचिव. (ETV Bharat)

"शराबबंदी को सफल बनाने के लिए 41 ड्रोन कम कर रहे हैं. विभाग की ओर से 2500 एकड़ अफीम की खेती को नष्ट की गयी है. 6 साल के दौरान कुल 234 शराब माफिया पकड़े गए. 8 साल के दौरान कुल 266 लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से हुई है."- विनोद सिंह गुंजियाल, मद्य निषेध विभाग के सचिव

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पटनाः बिहार में वर्ष 2016 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा शराबबंदी लागू करने के बाद से लगभग 8 साल से अधिक का वक्त बीत चुका है. शराबबंदी कानून के तहत सरकार का दावा था कि राज्य को नशामुक्त और अपराधमुक्त बनाया जाएगा. इस दौरान पुलिस और मद्य निषेध विभाग ने कड़ी कार्रवाई करते हुए हजारों गिरफ्तारियां की हैं. हालांकि, शराबबंदी लागू होने के बावजूद राज्य में शराब की तस्करी और सेवन रुकने का नाम नहीं ले रहा है. इसका गवाह सरकार द्वारा जारी आंकड़े हैं.

क्या कहते हैं आंकड़ेः बिहार सरकार की ओर से शराबबंदी को लेकर आंकड़े जारी किए गए हैं. आंकड़ों के अनुसार, इन 8 सालों में कुल 12,79,387 लोगों को शराबबंदी कानून के तहत गिरफ्तार किया गया है. इसमें मद्य निषेध विभाग ने 5,43,326 और पुलिस विभाग ने 7,36,061 गिरफ्तारियां की हैं. इसके अलावा, शराबबंदी कानून के उल्लंघन से जुड़े 8,43,907 मामले भी दर्ज किए गए हैं. इनमें से 3,70,814 मामले मद्य निषेध विभाग और 4,73,093 मामले पुलिस विभाग द्वारा दर्ज किए गए हैं.

विनोद सिंह गुंजियाल, मद्य निषेध विभाग के सचिव. (ETV Bharat)

ऐसे समझें आंकड़ों कोः अगर इस आंकड़े को विभाजित करके देखा जाए, तो हर महीने औसतन लगभग 12,794 लोग गिरफ्तार किए गए हैं. हर दिन लगभग 426 लोगों की गिरफ्तारी का मतलब यह है कि राज्य में हर घंटे करीब 18 लोगों को शराब से जुड़े मामले में पकड़ा गया. यह तथ्य बिहार की पुलिस और मद्य निषेध विभाग की कार्रवाई को दर्शाता है. साथ ही एक सवाल भी उठता है कि इतनी गिरफ्तारियों के बाद भी कथित रूप से होम डिलेवरी कैसे हो रही है. वो कौन हैं जो पुलिस की पकड़ से दूर हैं.

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वाहन की नीलामी से राजस्व प्राप्तिः सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक अब तक कुल मिलाकर 5 लाख 20 हजार लोगों को शराबबंदी मामले में कोर्ट से सजा दिलाई गई है. शराबबंदी से जुड़े मामलों में कुल 1,24,658 वाहन जब्त किए गए. वाहनों की नीलामी से सरकार को 327 करोड़ की राशि प्राप्त हुई. 6 साल के दौरान कुल मिलाकर 3 करोड़ 46 लाख 61 हजार 723 लीटर शराब जब्त की गयी. अगस्त 2024 तक विभाग की ओर से 3 करोड़ 38 लाख 22 हजार 56 लीटर शराब नष्ट की जा चुकी है.

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मद्य निषेध विभाग के मंत्री व सचिव. (ETV Bharat)

"शराबबंदी को सफल बनाने के लिए 41 ड्रोन कम कर रहे हैं. विभाग की ओर से 2500 एकड़ अफीम की खेती को नष्ट की गयी है. 6 साल के दौरान कुल 234 शराब माफिया पकड़े गए. 8 साल के दौरान कुल 266 लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से हुई है."- विनोद सिंह गुंजियाल, मद्य निषेध विभाग के सचिव

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Last Updated : Sep 23, 2024, 9:51 PM IST
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