सिवानः बिहार में जहरीली शराब पीने से मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. सबसे ज्यादा सिवान में 48 लोगों की मौत हुई. छपरा में 15 और गोपालगंज में 2 लोगों की मौत की सूचना है. हालांकि सरकारी आंकड़ा इससे अलग है. प्रशासन के मुताबिक सिवान में 28, छपरा में 7 और गोपालगंज में 2 लोगों की मौत हुई है. जहरीली शराब से मौत का मामला बुधवार 16 अक्टूबर को संज्ञान में आया. इसके बाद भी प्रशासन हरकत में नहीं आयी. शराब की बिक्री पर रोक नहीं लगायी जा सकी. दो मामलों से ऐसा लगता है.
पहला केसः शुक्रवार 19 अक्टूबर को सीवान शहर के बिंदुसार गांव के झुनापुर निवासी शाकिर मंसूरी की कथित रूप से शराब पीने से मौत हो गई. शाकिर मंसूरी के पड़ोसी मोहम्मद गुड्डू आलम ने बताया कि 18 तारीख को वह भगवानपुर अपने मामा के यहां बंसोयी गांव गया था.कल 4:00 बजे के आसपास वह शराब के नशे में धुत होकर घर आया. हम लोगों ने उनका कपड़ा बदला और उन्हें लिटाया. थोड़ी देर बाद उनकी तबीयत बिगड़ने लगी. सदर अस्पताल में भर्ती कराया, जहां शाकीर की मौत हो गयी.
दूसरा केसः 20 अक्टूबर शनिवार को करीब 12:00 बजे सीवान सदर अस्पताल में एक व्यक्ति इलाजरत मिला. उसने बताया कि कल 19 तारीख को उसने सीवान शहर के सिसवन ढाला के पास लक्ष्मीपुर से शराब खरीद कर पी थी. सुबह जब उठा तो उसकी आवाज चली गई थी और काफी घबराहट हो रही थी. परिजनों ने आनन-फानन में उसे इलाज हेतु सीवान के सदर अस्पताल में भर्ती कराया. जहां उसका उपचार चल रहा है. अब, वह धीरे-धीरे बोल पा रहा है.
मौत के बाद भी शराब बिक रहीः पिछले 5 दिनों से शराब से मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. प्रशासन ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है तो फिर 18 तारीख को बन्सुयी गांव से शराब पीकर सीवान का शाकिर मंसूरी कैसे आया. 19 तारीख सीवान शहर में लक्ष्मीपुर में गुड्डू कुमार को शराब कैसे मिल गई, यह एक बड़ा सवाल है. क्या प्रशासन कार्रवाई का सिर्फ दिखावा कर रही है. हकीकत यही है कि प्रशासन की सख्ती के बाद भी आसानी से शराब मिल रही है.
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