पटनाः बिहार के पटना में 11 मार्च के बाद सरकारी डॉक्टरों की हड़ताल होने वाली है. बिहार राज्य चिकित्सक संघ की बैठक में सरकारी चिकित्सक ने सरकार को अल्टीमेटम दिया है. सोमवार को पटना के आईएमए सभागार में राज्य स्तरीय सम्मेलन में राज्य स्तर पर चिकित्सकों को होने वाली वर्तमान समस्याओं के बारे में विस्तार से चर्चा की गई. सम्मेलन की अध्यक्षता संघ के अध्यक्ष महेश प्रसाद सिंह ने की.
चिकित्सकों की रिक्त पदों पर नियुक्तिः बिहार में सरकारी चिकित्सकों के बायोमैट्रिक अटेंडेंस का विरोध किया गया. उच्च शिक्षा या प्रशिक्षण में जाने वाले चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए आरएलपी के पदों का सृजन करने की मांग की गई. भासा (BHASA) के अपर महासचिव डॉ. हसरत अब्बास ने कहा कि चिकित्सकों की रिक्त पदों पर शीघ्र नियुक्ति की सरकार से मांग की गई है.
"17 सूत्री मांग में चिकित्सकों की रिक्त पदों पर नियुक्ति प्रमुख है. इसके अलावा मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट में आवश्यक 7 वर्षों से अधिक की सजा का प्रावधान, चिकित्सकों के लिए ड्यूटी की घंटे का निर्धारण करना, संविदा अवधि के कार्यों का लाभ, वर्तमान नियमित वेतनमान सहित अन्य प्रोन्नति शामिल है. 11 मार्च तक मांग पूरी नहीं होती है तो हड़ताल पर चले जाएंगे. काम का बहिष्कार कर देंगे." -डॉ. हसरत अब्बास, अपर महासचिव, भासा
दंपति की पदस्थापना एक जगह करने की मांगः डॉ. हसरत अब्बास ने बताया कि बिहार स्वास्थ्य सेवा संपर्क कि चिकित्सकों को बिहार सरकार के आगामी स्थाई नियुक्ति जैसे सहायक प्राध्यापक के बहाली में अतिरिक्त अंक दिया जाए. अभी के समय अस्थाई नियुक्तियों में ही अंक दिया जाता है. जो दंपति चिकित्सक हैं उन्हें एक ही जगह पदस्थापना दी जाए.
'मरीजों को समस्या होने पर सरकार जिम्मेवार': इन तमाम मांगों पर सकारात्मक निर्णय लेने के लिए सरकार को 11 मार्च तक का अल्टीमेटम दिया गया है. सरकार की तरफ से इस पर निर्णय संतोषपूर्ण नहीं रहता है तो भासा राज्य स्तरीय कार्य बहिष्कार करने सहित अन्य कठोर निर्णय लेगी. मरीजों को समस्या होने पर सरकार जिम्मेवार होगी.
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