पटना: बिहार में स्वास्थ्य सेवा सुधर रही है और चिकित्सा जगत में बेहतर काम होने के सरकार खूब दावे भी कर रही है. सरकार के स्वास्थ्य क्षेत्र के दावे सही हैं, इसकी पुष्टि अब कई रिपोर्ट भी करने लगी है. हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें ड्रग एंड वैक्सीन वितरण प्रबंधन सिस्टम ने 24 राज्यों को 11 मापडंडों पर परखा है. इसमें बिहार टॉप पर रहा है. प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में मरीज को निशुल्क दवा देने के मामले में प्रदेश अव्वल है.
साल 2006 से मुफ्त दवा: दरअसल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साल 2005 में मुख्यमंत्री बनने के बाद से स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधारों के लिए एक श्रृंखला शुरू की थी. पहले जहां महीने में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 30 से 35 ओपीडी होते थे, उनकी संख्या अब 1000 से अधिक हो गई है. हेल्थ केयर सेंटर की संख्या बढ़ाई गई है. सरकारी अस्पतालों में साल 2006 से बिहार में मुफ्त दवा उपलब्ध कराई जा रही है. जरूरी दवाइयां गरीब मरीजों को निशुल्क मिल रही है. एनआरएचएम के तहत मुफ्त दवा वितरण प्रदेश के हर प्रकार के स्वास्थ्य सेवा केंद्र का अभिन्न अंग बन गया है.
बिहार ने इन राज्यों को पछाड़ा: बता दें कि डीवीडीएमएस की रिपोर्ट के अनुसार मरीजों को आवश्यक दवा वितरण में 77.22 परसेंट अंकों के साथ बिहार देश का टॉप राज्य बन गया है. वहीं इस रेस में 76.91 परसेंट के साथ राजस्थान दूसरे और तेलंगाना ने 69.14 परसेंट के साथ तीसरे स्थान पर जगह बनाई है. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा देश के 24 राज्यों में ड्रग एंड वैक्सीन डिस्ट्रिब्यूशन मैनेजमेंट सिस्टम (डीवीडीएमएस) ने इस रिपोर्ट को जारी किया है.
611 दवाएं निशुल्क: बिहार के सरकारी अस्पताल में अभी 611 प्रकार की दवाएं मरीजों को निशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है. दवा की गुणवत्ता के साथ उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए दवा खरीद कर केंद्रीकृत किया गया है. बीएमएसआईसीएल के द्वारा अस्पतालों में दवा की उपलब्धता कराई जाती है. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने हाल ही में सितंबर की रैंकिंग जारी की है. जिसमें मरीजों को आवश्यक दवा वितरण, आपूर्ति और उपयोग में बिहार पूरे देश में अव्वल रहा है.