पटना: बिहार में लाखों लोग बाढ़ की विभीषिका को झेल रहे हैं. 18 जिले बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. कई जगह नदियों के तटबंध भी टूटे हैं और इसको लेकर भी बिहार में सियासत खूब हो रही है. बुधवार को बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने कहा है कि जल संसाधन विभाग अगर और ज्यादा सतर्क होता अगर हम लोग पूरी तरह से सतर्क रहते तो कई जगहों पर तटबंध को टूटने से बचाया जा सकता था.
अशोक चौधरी ने अपनी सरकार को घेरा: अशोक चौधरी ने कहा कि बाढ़ अंतिम समय में आया है और इसीलिए हमें लगता है कि लोगों ने मान लिया था कि बिहार में बाढ़ नहीं आएगा. यही कारण रहा कि 56 साल के बाद जब कोसी में इतना पानी आया तो कई जगह पर तटबंध टूट गया. उन्होंने कहा कि सरकार लगातार लोगों की मदद कर रही है.
"राहत सामग्री पहुंचाए जा रहे हैं. राहत कैंप भी बनाए गए हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद बाढ़ पीड़ितों को सहायता का मॉनिटरिंग कर रहे हैं."- अशोक चौधरी, मंत्री, बिहार सरकार
जल संसाधन विभाग की कार्यशैली पर उठाए सवाल: अशोक चौधरी ने अपने बयान के जरिए अपने ही सरकार को घेरा है. खासकर जल संसाधन विभाग के कार्यशैली पर कहीं ना कहीं अशोक चौधरी ने सवाल खड़ा किया है. वैसे अपने बयान में अशोक चौधरी ने यह भी कहा है कि हम लोग भी इतना सतर्क नहीं थे. जिस तरह का बयान उन्होंने दिया है, सीधा-सीधा जल संसाधन विभाग की कार्यशैली पर उन्होंने सवाल खड़ा किया है.
आरजेडी पर भी चौधरी का हमला: साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल पर भी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि राजद के लोग अब कहते हैं कि हमने अपने समय में बाढ़ पीड़ितों की काफी मदद की है, लेकिन अगर उस समय में केंद्र की सरकार बिहार को मदद करती तो आज इस तरह का बाढ़ बिहार में नहीं आता. केंद्र में बैठी हुई यूपीए सरकार ने कभी भी बिहार के विकास के लिए नहीं सोचा.
बाढ़ पीड़ितों को जल्द मिलेगा मुआवजा: साथ ही अशोक चौधरी ने कहा कि अभी बिहार में जो बाढ़ आयी है, उसको लेकर केंद्र सरकार लगातार मदद कर रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने राहत कोष से बाढ़ पीड़ितों को पैसे देने का भी काम करेंगे. निश्चित तौर पर सात सात हजार रुपया का मुआवजा राशि बहुत जल्द ही बाढ़ पीड़ित के अकाउंट में भेजा जाएगा. जहां तक होगा केंद्र और राज्य सरकार मिलकर बाढ़ पीड़ितों की मदद करने का काम करेंगे.
प्रशांत चौधरी को लेकर क्या बोले अशोक चौधरी : वहीं प्रशांत किशोर को लेकर भी उन्होंने बड़ा बयान दिया और कहा कि प्रशांत किशोर जब भी किसी राजनीतिक दल के साथ काम किए हैं, कभी भी लंबे समय तक वह नहीं टिक पाए हैं. भारतीय जनता पार्टी के साथ भी उन्होंने काम किया. हम लोगों के साथ भी 2015 में उन्होंने काम किया ,लेकिन दोबारा काम नहीं कर पाए.
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