भागलपुर: जिले के सबौर प्रखंड के मसाढु मे पलक झपकते ही एक जलमीनार कटाव की भेंट चढ़ गया. जलमीनार के गंगा में समाने का वीडियो भी सामने आया है. 33 सेकेंड के इस वीडियो में देखते ही देखते 14 लाख की लागत से बना जलमीनार गंगा नदी में समा गया.
भागलपुर में गंगा में समाया जलमीनार: भागलपुर में गंगा नदी के बढ़ते और घटते जलस्तर से लोगों में दहशत का माहौल है. जिले के मसाढु गांव में भीषण कटाव जारी है. पंचायत के मुखिया अशोक कुमार ने यह भी बताया कि पांच साल पहले 14 लाख रुपए की लागत से नल-जल योजना का काम कराया गया था. अगर समय से कटावरोधी कार्य शुरू किया गया होता तो जलमीनार बच सकती थी.
"कटावरोधी कार्य समय पर शुरू नहीं किया गया. इसके कारण यह जलमीनार गंगा में समा गया. पांच साल पहले 14 लाख रुपये की लागत से इसे बनवाया गया था."- अशोक कुमार, मुखिया
कई मकानों पर मंडरा रहा कटाव का खतरा: लगातार हो रहे कटाव के चलते ग्रामीणों में भय का माहौल देखने को मिल रहा है. इधर जलमीनार के गंगा में समाने पर 200 परिवारों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ेगा. करीब दो दर्जनों से अधिक मकान पर भी कटाव का खतरा मंडरा रहा है. वहीं 25 घर ऐसे हैं जो कटाव के मुहाने पर हैं और कभी भी गंगा के गोद में समा सकते हैं.
कटावरोधी काम शुरू: हालांकि जल संसाधन विभाग ने तीन दिन पहले कटावरोधी काम शुरू कराया है. गांव के पश्चिमी भाग में ग्रामीण सड़क के समीप कटावस्थल पर जिओ बैग डाले जा रहे हैं, लेकिन कटाव की रफ्तार इतनी तेज है कि यह बेअसर साबित हो रहे हैं. जलमीनार कटने के बाद अधिकारियों के निर्देश पर पंचायत सचिव सहित अन्य कर्मी कटाव स्थल पहुंचे.
सबौर सीओ का बयान: सबौर सीओ सौरभ कुमार ने कहा कि जल संसाधन विभाग की टीम बचाव कार्य में जुटी हुई है. काम में तेजी लाने का निर्देश दिया गया है. ज्ञात हो कि करीब 2 वर्ष पहले भी फरका पंचायत के इंग्लिश गांव में बोरिंग सहित पानी की टंकी कटाव की भेंट चढ़ गई थी .
"यह कटावग्रस्त इलाका है. विभागीय जांच जारी है कि नदी के किनारे जलमीनार बनाने का क्या कारण था. जलमीनार पुराना था."-सौरभ कुमार, सबौर सीओ
तेजी से हो रहा कटाव: बता दें कि गंगा अभी यहां खतरे के निशान से 8 सेंटीमीटर नीचे है. जलस्तर में एक दिन में कभी 2 सेंटीमीटर बढ़ रहा तो कभी 4 सेंटीमीटर घट रहा है. जलस्तर घटने बढ़ने के चलते तेजी से कटाव हो रहा है.