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75 साल पुरानी दुकान लेकिन स्वाद वही, बैसाखी शाह का रसगुल्ला खाने के लिए 50 KM करना पड़ेगा सफर

रसगुल्ला बंगाल का फेमस होता है लेकिन बिहार के शीतलपुर का रसगुल्ला भी कम नहीं है. देखते ही मुंह में पानी आ जाता है.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 12, 2024, 1:55 PM IST

Updated : Nov 12, 2024, 3:22 PM IST

सारणः रसगुल्ला का नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है. चीनी की चाशनी में डूबा छेना की मिठाई का जोड़ नहीं है. बंगाल का फेमस रसगुल्ला तो खूब खाएं होंगे लेकिन एक बार बिहार का मशहूर रसगुल्ला जरूर खाएं. बिहार के शीतलपुर वाला रसगुल्ला के दिवाने हो जाएंगे.

75 साल से बन रहा रसगुल्लाः ऐसे तो शीतलपुर में कई रसगुल्ले की दुकान है लेकिन सबसे खास महावीर शाह और बैसाखी शाह के रसगुल्ले फेमस है. बैसाखी शाह दुकान के संचालक नंद कुमार बताते हैं कि लगभग 75 साल से वे रसगुल्ला बना रहे हैं. इनकी दुकान में इतनी भीड़ लगती है कि कभी-कभी रसगुल्ले कम पड़ जाते हैं. बताते हैं कि चौथी पीढ़ी रसगुल्ला की दुकान चला रही है. रसगुल्ला के कई किस्म हैं लेकिन स्पंजी रसगुल्ला की डिमांड हाई है.

बिहार का मशहूर रसगुल्ला (ETV Bharat)

शुद्धता और स्वाद कायमः दुकानदार नंद कुमार बताते हैं कि इस रसगुल्ले को बनाने में शुद्धता और स्वाद का ख्याल रखा जाता है. यही कारण है कि इस रसगुल्ले की पहचान बन गयी है. सारण जिले के साथ साथ पूरे बिहार के लोग यहां से रसगुल्ला खरीदकर ले जाते हैं. पटना केंद्रीय विद्यालय के शिक्षक ने बताया कि वह दिघवारा के रहने वाले हैं. जब भी पटना से छपरा अपने घर जाते हैं तो यहां पर रुककर स्पंज रसगुल्ला जरूर खाते हैं.

"मेरे दादा बैसाखी शाह ने 70 से 80 वर्ष पहले रसगुल्ला बनाने की शुरुआत की थी. उसके बाद मेरे पिता और हम दुकान संभाल रहे हैं. मेरा बेटा भी दुकान संभालता है. आज भी क्वालिटी को लेकर कोई समझौता नहीं करते हैं. शुद्धता और स्वाद में कोई कसर नहीं छोड़ते. लोगों का प्यार और आशीर्वाद है कि सबसे ज्यादा रसगुल्ले की बिक्री होती है." -नंद कुमार, दुकानदार

छपरा के शीतलपुर में बन रहे रसगुल्ले
छपरा के शीतलपुर में बन रहे रसगुल्ले (ETV Bharat)

पटना से 50 किमी दूरः अब बात करते हैं बैसाखी शाह के स्पंजी रसगुल्ला कैसे खाया जाए? दरअसल रसगुल्ला खाने के लिए आपको पटना से छपरा मार्ग में 50 किमी की दूरी तय करना पड़ेगा. इतनी दूरी तय करने पर शीतलपुर नामक स्टेशन आएगा. इसी जगह बैसाखी शाह की दुकान है. दुकान के बाहर भीड़ देखकर ही पहचान जाएंगे कि यही रसगुल्ला की दुकान है. जो इस दुकान को जानते हैं वे यहां से रसगुल्ला खाए बिना नहीं जाते.

रसगुल्ला खाने के फायदे
रसगुल्ला खाने के फायदे (ETV Bharat GFX)

भीड़ इतनी की एनएच हो जाता जामः यह स्थान बैसाखी साह प्रसिद्ध रसगुल्ला के कारण जाना जाता है. एनएच 19 किनारे स्थित दुकान काफी मशहूर है. रसगुल्ला खाने वालों की भीड़ कभी-कभी इतनी हो जाती है कि एनएच 19 जाम हो जाता है. खासकर पर्व त्योहारों में यहां ज्यादा भीड़ जुटती है.

रसगुल्ला खाने के नुकसान
रसगुल्ला खाने के नुकसान (ETV Bharat GFX)

खद भी खाते और घर भी ले जातेः गोपालगंज के रहने वाले ग्राहक बताते हैं कि वे हमेशा घर जाने के दौरान यहां रूककर रसगुल्ला खाते हैं और घर के लिए ले जाना नहीं भूलते. पिछले 20 साल से वे यहीं से रसगुल्ला ले जाते हैं. एक बार में 5 से 10 हजार रुपए का रसगुल्ला खरीदते हैं. कहा कि स्वाद और शुद्धता आज भी कायम है.

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सारणः रसगुल्ला का नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है. चीनी की चाशनी में डूबा छेना की मिठाई का जोड़ नहीं है. बंगाल का फेमस रसगुल्ला तो खूब खाएं होंगे लेकिन एक बार बिहार का मशहूर रसगुल्ला जरूर खाएं. बिहार के शीतलपुर वाला रसगुल्ला के दिवाने हो जाएंगे.

75 साल से बन रहा रसगुल्लाः ऐसे तो शीतलपुर में कई रसगुल्ले की दुकान है लेकिन सबसे खास महावीर शाह और बैसाखी शाह के रसगुल्ले फेमस है. बैसाखी शाह दुकान के संचालक नंद कुमार बताते हैं कि लगभग 75 साल से वे रसगुल्ला बना रहे हैं. इनकी दुकान में इतनी भीड़ लगती है कि कभी-कभी रसगुल्ले कम पड़ जाते हैं. बताते हैं कि चौथी पीढ़ी रसगुल्ला की दुकान चला रही है. रसगुल्ला के कई किस्म हैं लेकिन स्पंजी रसगुल्ला की डिमांड हाई है.

बिहार का मशहूर रसगुल्ला (ETV Bharat)

शुद्धता और स्वाद कायमः दुकानदार नंद कुमार बताते हैं कि इस रसगुल्ले को बनाने में शुद्धता और स्वाद का ख्याल रखा जाता है. यही कारण है कि इस रसगुल्ले की पहचान बन गयी है. सारण जिले के साथ साथ पूरे बिहार के लोग यहां से रसगुल्ला खरीदकर ले जाते हैं. पटना केंद्रीय विद्यालय के शिक्षक ने बताया कि वह दिघवारा के रहने वाले हैं. जब भी पटना से छपरा अपने घर जाते हैं तो यहां पर रुककर स्पंज रसगुल्ला जरूर खाते हैं.

"मेरे दादा बैसाखी शाह ने 70 से 80 वर्ष पहले रसगुल्ला बनाने की शुरुआत की थी. उसके बाद मेरे पिता और हम दुकान संभाल रहे हैं. मेरा बेटा भी दुकान संभालता है. आज भी क्वालिटी को लेकर कोई समझौता नहीं करते हैं. शुद्धता और स्वाद में कोई कसर नहीं छोड़ते. लोगों का प्यार और आशीर्वाद है कि सबसे ज्यादा रसगुल्ले की बिक्री होती है." -नंद कुमार, दुकानदार

छपरा के शीतलपुर में बन रहे रसगुल्ले
छपरा के शीतलपुर में बन रहे रसगुल्ले (ETV Bharat)

पटना से 50 किमी दूरः अब बात करते हैं बैसाखी शाह के स्पंजी रसगुल्ला कैसे खाया जाए? दरअसल रसगुल्ला खाने के लिए आपको पटना से छपरा मार्ग में 50 किमी की दूरी तय करना पड़ेगा. इतनी दूरी तय करने पर शीतलपुर नामक स्टेशन आएगा. इसी जगह बैसाखी शाह की दुकान है. दुकान के बाहर भीड़ देखकर ही पहचान जाएंगे कि यही रसगुल्ला की दुकान है. जो इस दुकान को जानते हैं वे यहां से रसगुल्ला खाए बिना नहीं जाते.

रसगुल्ला खाने के फायदे
रसगुल्ला खाने के फायदे (ETV Bharat GFX)

भीड़ इतनी की एनएच हो जाता जामः यह स्थान बैसाखी साह प्रसिद्ध रसगुल्ला के कारण जाना जाता है. एनएच 19 किनारे स्थित दुकान काफी मशहूर है. रसगुल्ला खाने वालों की भीड़ कभी-कभी इतनी हो जाती है कि एनएच 19 जाम हो जाता है. खासकर पर्व त्योहारों में यहां ज्यादा भीड़ जुटती है.

रसगुल्ला खाने के नुकसान
रसगुल्ला खाने के नुकसान (ETV Bharat GFX)

खद भी खाते और घर भी ले जातेः गोपालगंज के रहने वाले ग्राहक बताते हैं कि वे हमेशा घर जाने के दौरान यहां रूककर रसगुल्ला खाते हैं और घर के लिए ले जाना नहीं भूलते. पिछले 20 साल से वे यहीं से रसगुल्ला ले जाते हैं. एक बार में 5 से 10 हजार रुपए का रसगुल्ला खरीदते हैं. कहा कि स्वाद और शुद्धता आज भी कायम है.

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Last Updated : Nov 12, 2024, 3:22 PM IST
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