ETV Bharat / state

टीईटी परीक्षा में फेल थे गुरुजी, फर्जी प्रमाणपत्र पर नौकरी करने वाले पांच शिक्षक हुए बर्खास्त - BIHAR FAKE TEACHER - BIHAR FAKE TEACHER

muzaffarpur fake teacher: फर्जी सर्टिफिकेट पर नौकरी करने वाले पांच शिक्षकों को शिक्षा विभाग ने बर्खास्त कर दिया है. सभी की सेवा समाप्त कर दी गई है. ये शिक्षक फर्जी प्रमाण पत्र पर वर्षों से काम कर रहे थे. प्रमाण पत्र सत्यापन के बाद कार्रवाई की गई और एफआईआर के आदेश जारी किए गए हैं. पढ़ें पूरी खबर.

मुजफ्फरपुर फर्जी शिक्षक
मुजफ्फरपुर फर्जी शिक्षक (ETV BHARAT)
author img

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 9, 2024, 11:09 AM IST

मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर में फर्जी टीईटी सर्टिफिकेट के साथ शिक्षकों की भर्ती का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. सभी शिक्षक टीईटी की परीक्षा में फेल थे. वे फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर शिक्षक की नौकरी करते हुए पकड़े गये हैं. मामला सामने आने के बाद शिक्षा विभाग ने इन शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी. साथ ही उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है. पूरा मामला जिले के पारू प्रखंड का है.

फर्जी प्रमाणपत्र पर कर रहे थे नौकरी: दरअसल, मामला तब सामने आया जब बिहार बोर्ड ने जिले को उन शिक्षकों की सूची सौंपी, जिनके टीईटी प्रमाणपत्र जांच के दायरे में थे. पारू प्रखंड में पांच शिक्षकों के प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए. बताया जा रहा है कि इन शिक्षकों का वेतन जनवरी 2023 में ही रोक दिया गया था. शिक्षकों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था. यह दावा करते हुए कि उनका वेतन बिना किसी कारण के रोक दिया गया है. इन शिक्षकों पर नकली प्रमाणपत्रों के साथ नौकरी पाने और वेतन प्राप्त करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की जाएगी.

"शिक्षकों ने अपना वेतन जारी करने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था. सत्यापन के लिए उनके टीईटी प्रमाणपत्र बिहार बोर्ड को भेजे गए थे. जिससे पता चला कि वे फर्जी थे. सभी फर्जी प्रमाण पत्र जमाकर नौकरी कर रहे थे."-नासिर हुसैन, डीपीओ स्थापना

ईटीटी परीक्षा में फेल: बताया जा रहा है कि प्रमाणपत्र सत्यापन के लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को भेजे गए थे. बिहार बोर्ड ने पुष्टि की है कि पांच शिक्षक वास्तव में ईटीटी परीक्षा में पास ही नहीं किए हैं. उनके प्रमाणपत्रों पर 'नॉट क्वालिफाइड' अंकित है. डीपीओ स्थापना नासिर हुसैन ने इस मामले की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि इन शिक्षकों की सेवा समाप्ति के निर्देश दे दिए गए हैं और उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी.

फर्जी शिक्षकों में बढ़ी चिंताः शिक्षा विभाग ने राज्यकर्मी का दर्जा के लिए सक्षमता परीक्षा का प्रावधान किया है. ऐसे में शिक्षकों को परीक्षा देना अनिवार्य है. पहले चरण में जो शिक्षकों ने फॉर्म भरा है. इसी दौरान इसका खुलासा हुआ है. ऐसे में निश्चित है कि जो फर्जी डॉक्यूमेंट पर शिक्षक बहाल हुए हैं उनकी चिंताएं इस समय बढ़ी हुई है. बता दें कि इससे पहले नवादा, अररिया, रोहतास, पूर्णिया सहित कई जिलों में फर्जी शिक्षकों पकड़े गये हैं.

मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर में फर्जी टीईटी सर्टिफिकेट के साथ शिक्षकों की भर्ती का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. सभी शिक्षक टीईटी की परीक्षा में फेल थे. वे फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर शिक्षक की नौकरी करते हुए पकड़े गये हैं. मामला सामने आने के बाद शिक्षा विभाग ने इन शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी. साथ ही उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है. पूरा मामला जिले के पारू प्रखंड का है.

फर्जी प्रमाणपत्र पर कर रहे थे नौकरी: दरअसल, मामला तब सामने आया जब बिहार बोर्ड ने जिले को उन शिक्षकों की सूची सौंपी, जिनके टीईटी प्रमाणपत्र जांच के दायरे में थे. पारू प्रखंड में पांच शिक्षकों के प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए. बताया जा रहा है कि इन शिक्षकों का वेतन जनवरी 2023 में ही रोक दिया गया था. शिक्षकों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था. यह दावा करते हुए कि उनका वेतन बिना किसी कारण के रोक दिया गया है. इन शिक्षकों पर नकली प्रमाणपत्रों के साथ नौकरी पाने और वेतन प्राप्त करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की जाएगी.

"शिक्षकों ने अपना वेतन जारी करने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था. सत्यापन के लिए उनके टीईटी प्रमाणपत्र बिहार बोर्ड को भेजे गए थे. जिससे पता चला कि वे फर्जी थे. सभी फर्जी प्रमाण पत्र जमाकर नौकरी कर रहे थे."-नासिर हुसैन, डीपीओ स्थापना

ईटीटी परीक्षा में फेल: बताया जा रहा है कि प्रमाणपत्र सत्यापन के लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को भेजे गए थे. बिहार बोर्ड ने पुष्टि की है कि पांच शिक्षक वास्तव में ईटीटी परीक्षा में पास ही नहीं किए हैं. उनके प्रमाणपत्रों पर 'नॉट क्वालिफाइड' अंकित है. डीपीओ स्थापना नासिर हुसैन ने इस मामले की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि इन शिक्षकों की सेवा समाप्ति के निर्देश दे दिए गए हैं और उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी.

फर्जी शिक्षकों में बढ़ी चिंताः शिक्षा विभाग ने राज्यकर्मी का दर्जा के लिए सक्षमता परीक्षा का प्रावधान किया है. ऐसे में शिक्षकों को परीक्षा देना अनिवार्य है. पहले चरण में जो शिक्षकों ने फॉर्म भरा है. इसी दौरान इसका खुलासा हुआ है. ऐसे में निश्चित है कि जो फर्जी डॉक्यूमेंट पर शिक्षक बहाल हुए हैं उनकी चिंताएं इस समय बढ़ी हुई है. बता दें कि इससे पहले नवादा, अररिया, रोहतास, पूर्णिया सहित कई जिलों में फर्जी शिक्षकों पकड़े गये हैं.

ये भी पढ़ें

सक्षमता परीक्षा में फर्जी सर्टिफिकेट के संदेह के घेरे में आए 420 शिक्षक, शिक्षा विभाग ने डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए दिया आखिरी मौका - Bihar Shakshamta Pariksha

नालंदा में 6 फर्जी शिक्षकों पर मामला दर्ज, एक को भेजा गया जेल, निगरानी की कार्रवाई से खलबली - Fake teacher in Nalanda

बिहार में सैकड़ों फर्जी शिक्षकों का खुलासा, एक सर्टिफिकेट पर 25 जिलों में कर रहे नौकरी

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.