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दिलीप जायसवाल को सम्राट चौधरी की टीम पर भरोसा नहीं, बनाएंगे नई टीम

दिलीप जायसवाल को प्रदेश अध्यक्ष बने 3 महीने से अधिक का वक्त बीत चुका है, अब वो प्रदेश कमेटी का गठन करने जा रहे हैं.

Dilip jaiswal
दिलीप जायसवाल. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : 3 hours ago

पटना: बिहार में भारतीय जनता पार्टी ने एक व्यक्ति एक पद का सिद्धांत का हवाला देते हुए जुलाई में सम्राट चौधरी को अध्यक्ष पद से हटाया था. इसके बाद भूमि एवं राजस्व सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाया. दिलीप जायसवाल को प्रदेश अध्यक्ष बने 3 महीने से अधिक का वक्त बीत चुका है, लेकिन अब तक प्रदेश कमेटी का गठन नहीं हो पाया है. मिल रही जानकारी के मुताबिक दिलीप जायसवाल नवंबर महीने में नई प्रदेश कमेटी का गठन कर सकते हैं.

कमेटी गठन की प्रक्रिया शुरूः इसके लिए प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है. पहले यह माना जा रहा था कि दिलीप जायसवाल, सम्राट चौधरी की कमेटी की मदद से काम करेंगे. 20% बदलाव करने की योजना थी. फिलहाल बिहार में भाजपा ने बूथ अध्यक्ष मंडल अध्यक्ष और जिला अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर दी है. चुनाव के लिए पदाधिकारी भी घोषित किया जा चुके हैं. तमाम जिला अध्यक्ष भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के चयन पर मुहर लगाई. तब जाकर प्रदेश अध्यक्ष नई कमेटी का ऐलान करेंगे.

बीजेपी कमेटी का होगा गठन. (ETV Bharat)

सदस्यता अभियान का लक्ष्य नहीं हुआ पूराः नई प्रदेश कमेटी के गठन की बात इसलिए भी सामने आ रही है कि बिहार में भाजपा ने सदस्यता अभियान के तहत एक करोड़ सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा था. राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सदस्यता अभियान की समीक्षा भी की थी. तय समय में लक्ष्य पूरा नहीं किया जा सका. अब तक 50 लाख सदस्य ही बनाया जा सका है. ऐसी स्थिति में दिलीप जायसवाल अपनी टीम बनाने की तैयारी में हैं.

"प्रदेश अध्यक्ष के समक्ष चुनौती केंद्र द्वारा दिए गए टास्क को पूरा करने की है. जब तक प्रदेश अध्यक्ष की अपनी टीम नहीं होगी, तो वह लक्ष्य पूरा कैसे करेंगे. सदस्यता अभियान में भी लक्ष्य पूरा नहीं हो सका है. ऐसे में साफ है कि दिलीप जायसवाल जल्दी अपनी टीम बनाने की दिशा में आगे बढ़ेंगे."- डॉक्टर संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक

क्या कहते हैं भाजपा नेताः बिहार भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष सिद्धार्थ शंभू ने कहा है कि भाजपा हर 6 साल पर सदस्यों का नवीनीकरण करती है. बिहार में यह प्रक्रिया चल रही है. हम बूथ अध्यक्ष मंडल अध्यक्ष और जिला अध्यक्ष का चुनाव की प्रक्रिया पूरी करने जा रहे हैं. जहां तक नहीं प्रदेश कमेटी का सवाल है तो वह प्रदेश अध्यक्ष का क्षेत्राधिकार है. जब वह उचित समझेंगे तब कमेटी का गठन कर सकते हैं. पार्टी प्रवक्ता पंकज सिंह ने कहा है कि सदस्यता अभियान बहुत मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है.

samrat chaudhury
सम्राट चौधरी. (फाइल फोटो) (ETV Bharat)

भाजपा ने खेला था कुशवाहा कार्डः नीतीश कुमार महागठबंधन का हिस्सा थे. बिहार में भाजपा को दो मोर्चों पर लड़ाई लड़नी थी. मार्च 2023 में भाजपा ने काफी मंथन के बाद प्रदेश इकाई की जिम्मेदारी सम्राट चौधरी को दी थी. सम्राट चौधरी प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए थे. सम्राट चौधरी के कंधों पर लालू और नीतीश से एक साथ लड़ने की जिम्मेदारी थी. भाजपा ने नीतीश कुमार के कोर वोट बैंक लव-कुश में सेंधमारी के लिए कुशवाहा कार्ड खेला था.

नीतीश के एनडीए में आने पर समीकरण बदलाः कुछ ही महीनो के बाद बिहार की राजनीतिक परिस्थितियों बदली. नीतीश कुमार ने महागठबंधन छोड़ एनडीए में शामिल होने का फैसला लिया. जनवरी 2024 आते-आते बिहार में एनडीए की सरकार बन गई. भाजपा के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी उपमुख्यमंत्री बनाए गए. बिहार में एनडीए की सरकार बने 6 महीने नहीं बीते कि भाजपा ने बिहार में प्रदेश अध्यक्ष बदलने का फैसला लिया. जुलाई आते-आते बिहार में नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति हो गई.

इसे भी पढ़ेंः 'प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी को कांटों का ताज बताया जाता है, मैं इसे फूलों के ताज में तब्दील कर दिखाऊंगा'- दिलीप जायसवाल

इसे भी पढ़ेंः 'चुनौती को अवसर में बदलेंगे', सीमांचल से पहली बार बने BJP अध्यक्ष ने बताया 2025 का पूरा प्लान - BJP new state president

इसे भी पढ़ेंः 'अभी मुरेठा खुलवाया है, सब खुल जाएगा, बोले PK- 'सम्राट चौधरी जैसे 10 आदमी को डूबाने की क्षमता रखते हैं नीतीश' - Prashant Kishor

पटना: बिहार में भारतीय जनता पार्टी ने एक व्यक्ति एक पद का सिद्धांत का हवाला देते हुए जुलाई में सम्राट चौधरी को अध्यक्ष पद से हटाया था. इसके बाद भूमि एवं राजस्व सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाया. दिलीप जायसवाल को प्रदेश अध्यक्ष बने 3 महीने से अधिक का वक्त बीत चुका है, लेकिन अब तक प्रदेश कमेटी का गठन नहीं हो पाया है. मिल रही जानकारी के मुताबिक दिलीप जायसवाल नवंबर महीने में नई प्रदेश कमेटी का गठन कर सकते हैं.

कमेटी गठन की प्रक्रिया शुरूः इसके लिए प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है. पहले यह माना जा रहा था कि दिलीप जायसवाल, सम्राट चौधरी की कमेटी की मदद से काम करेंगे. 20% बदलाव करने की योजना थी. फिलहाल बिहार में भाजपा ने बूथ अध्यक्ष मंडल अध्यक्ष और जिला अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर दी है. चुनाव के लिए पदाधिकारी भी घोषित किया जा चुके हैं. तमाम जिला अध्यक्ष भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के चयन पर मुहर लगाई. तब जाकर प्रदेश अध्यक्ष नई कमेटी का ऐलान करेंगे.

बीजेपी कमेटी का होगा गठन. (ETV Bharat)

सदस्यता अभियान का लक्ष्य नहीं हुआ पूराः नई प्रदेश कमेटी के गठन की बात इसलिए भी सामने आ रही है कि बिहार में भाजपा ने सदस्यता अभियान के तहत एक करोड़ सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा था. राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सदस्यता अभियान की समीक्षा भी की थी. तय समय में लक्ष्य पूरा नहीं किया जा सका. अब तक 50 लाख सदस्य ही बनाया जा सका है. ऐसी स्थिति में दिलीप जायसवाल अपनी टीम बनाने की तैयारी में हैं.

"प्रदेश अध्यक्ष के समक्ष चुनौती केंद्र द्वारा दिए गए टास्क को पूरा करने की है. जब तक प्रदेश अध्यक्ष की अपनी टीम नहीं होगी, तो वह लक्ष्य पूरा कैसे करेंगे. सदस्यता अभियान में भी लक्ष्य पूरा नहीं हो सका है. ऐसे में साफ है कि दिलीप जायसवाल जल्दी अपनी टीम बनाने की दिशा में आगे बढ़ेंगे."- डॉक्टर संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक

क्या कहते हैं भाजपा नेताः बिहार भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष सिद्धार्थ शंभू ने कहा है कि भाजपा हर 6 साल पर सदस्यों का नवीनीकरण करती है. बिहार में यह प्रक्रिया चल रही है. हम बूथ अध्यक्ष मंडल अध्यक्ष और जिला अध्यक्ष का चुनाव की प्रक्रिया पूरी करने जा रहे हैं. जहां तक नहीं प्रदेश कमेटी का सवाल है तो वह प्रदेश अध्यक्ष का क्षेत्राधिकार है. जब वह उचित समझेंगे तब कमेटी का गठन कर सकते हैं. पार्टी प्रवक्ता पंकज सिंह ने कहा है कि सदस्यता अभियान बहुत मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है.

samrat chaudhury
सम्राट चौधरी. (फाइल फोटो) (ETV Bharat)

भाजपा ने खेला था कुशवाहा कार्डः नीतीश कुमार महागठबंधन का हिस्सा थे. बिहार में भाजपा को दो मोर्चों पर लड़ाई लड़नी थी. मार्च 2023 में भाजपा ने काफी मंथन के बाद प्रदेश इकाई की जिम्मेदारी सम्राट चौधरी को दी थी. सम्राट चौधरी प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए थे. सम्राट चौधरी के कंधों पर लालू और नीतीश से एक साथ लड़ने की जिम्मेदारी थी. भाजपा ने नीतीश कुमार के कोर वोट बैंक लव-कुश में सेंधमारी के लिए कुशवाहा कार्ड खेला था.

नीतीश के एनडीए में आने पर समीकरण बदलाः कुछ ही महीनो के बाद बिहार की राजनीतिक परिस्थितियों बदली. नीतीश कुमार ने महागठबंधन छोड़ एनडीए में शामिल होने का फैसला लिया. जनवरी 2024 आते-आते बिहार में एनडीए की सरकार बन गई. भाजपा के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी उपमुख्यमंत्री बनाए गए. बिहार में एनडीए की सरकार बने 6 महीने नहीं बीते कि भाजपा ने बिहार में प्रदेश अध्यक्ष बदलने का फैसला लिया. जुलाई आते-आते बिहार में नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति हो गई.

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