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शीतकालीन सत्र समाप्त: लंबे समय बाद प्रश्नकाल चला, मुद्दों पर हंगामा और सियासी नोकझोंक

बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र समाप्त हो गया. पांच दिन के सत्र में क्या-क्या हुआ, किन-किन मुद्दों पर तकरार हुई, पढ़िये विस्तार से.

bihar assembly session
शीतकालीन सत्र समाप्त (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : 2 hours ago

पटना : बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र का समापन हो गया. 5 दिनों तक चले सत्र में लंबे अरसे के बाद प्रश्न काल चला. कई मुद्दों पर जबरदस्त हंगामा भी हुआ. कई बार नोक झोंक भी हुई. सरकार ने अनुपूरक बजट और कई विधेयक पास कराय तो वहीं राज्यपाल से स्वीकृति के बाद 7 विधायक को सदन पटल पर भी रखा गया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच सांकेतिक संवाद भी सियासी चर्चा में रहा.

सरकार और विपक्ष के बीच तकरारः जहां सत्ता पक्ष ने उपलब्धियां भरा सत्र बताया. साथ ही आरोप लगाया कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं था. वहीं विपक्ष ने कहा कि सरकार जनता के मुद्दे पर चर्चा करने से बचती रही. विपक्ष सदन की अवधि छोटा रखने को लेकर सरकार को घेर रहा था. राजनीतिक विशेषज्ञ ने कहा कि 2025 में सभी को चुनाव में जाना है इसलिए विधानसभा में पक्ष और विपक्ष के विधायक अपने क्षेत्र की जनता के सवालों को लेकर इस बार सजग दिखे.

बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र का समापन. (ETV Bharat)

स्मार्ट मीटर और वक्फ बिल पर हंगामाः विधानसभा का शीतकालीन सत्र स्मार्ट मीटर, 65% आरक्षण और वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक को लेकर विपक्ष ने काफी हंगामा किया. वहीं महागठबंधन के बागी विधायकों के बैठने के मामले को लेकर भाई वीरेंद्र के मुख्यमंत्री की सीट पर पहुंचने को लेकर विवाद भी रहा. 5 दिनों के सत्र में चार दिन प्रश्न कल चला और चारों दिन विपक्षी सदस्य सदन में मौजूद रहे.

क्या कहते हैं सत्ता पक्ष और विपक्षः कांग्रेस के विधायक प्रतिमा कुमारी ने कहा कि जनता के सवाल को लेकर विपक्ष सतर्क था. "हम लोग भी चाहते हैं कि जनता की समस्या दूर हो और इसलिए प्रश्न काल हम लोगों ने चलने दिया. लेकिन, सरकार का उत्तर संतोषजनक नहीं रहा". वहीं राजद विधायक विजय मंडल ने कहा कि सरकार जनता के बड़े मुद्दे पर चर्चा करने से बचती रही. बीजेपी के विधायक आलोक रंजन ने कहा "सत्र छोटा जरूर था लेकिन काफी सफल रहा. विकास के मुद्दे पर कई फैसले सरकार की ओर से लिए गए."

ETV GFX
ETV GFX (ETV Bharat)

अगले साल चुनाव की चिंताः राजनीतिक विश्लेषक प्रिय रंजन भारती ने कहा सत्ता पक्ष के विधायक हो या विपक्ष के विधायक, सबको अगले साल चुनाव में जाना है. ऐसे में जनता के सवाल की चिंता सबको है. यही कारण रहा कि प्रश्न कल चलने दिया गया. "कुछ जरूरी सवाल भी पिपक्ष के तरफ से उठाए गए हैं, जिसमें स्मार्ट मीटर एक है. सरकार ने भी कई महत्वपूर्ण कार्य निपटाए हैं. नीतीश कुमार और तेजस्वी के बीच संवाद पर जो सियासी चर्चा हो रही है तो राजनीति में यह सब चलते रहता है."

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सदन के बाहर हंगामा करते विपक्षी सदस्य. (ETV Bharat)

सत्र में 809 प्रश्न स्वीकृत हुएः 5 दिनों के शीतकालीन सत्र में 809 प्रश्न स्वीकृत हुए, जिसमें 29 अल्प सूचित प्रश्न थे. जिसमें से 28 प्रश्नों के उत्तर हुए. 681 तारांकित प्रश्न थे, जिसमें से 664 प्रश्नों के उत्तर प्राप्त हुए. 103 ध्यान कर्षण सूचनाएं लाई गई थी, इसमें से आठ का उत्तर ही सदन में हुआ. 85 सूचनाओं को लिखित उत्तर हेतु भेजे गए. 10 को अमान्य कर दिया गया. शीतकालीन सत्र में 154 निवेदन प्राप्त हुए जिसमें 151 स्वीकृत हुए. 112 याचिकाएं प्राप्त हुई जिसमें 100 स्वीकृत हुए और 98 गैर सरकारी संकल्प की सूचना पर चर्चा हुई.

bihar assembly session
सदन के बाहर हंगामा करते विधान सभा के सदस्य. (ETV Bharat)

नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलायीः स्वास्थ्य से संबंधित सीएजी ने अपनी रिपोर्ट पेश की. बिहार सरकार 2016 से 2022 तक स्वास्थ्य का बजट राशि खर्च नहीं कर पाई, इसका भी खुलासा किया. डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफिंग कमी के साथ दवा एम्बुलेंस में अनियमित और कई तरह की लापरवाही का भी खुलासा किया गया. 5 दिनों के छोटे सत्र में पांच विधेयक पास कराये गये. सरकार की ओर से द्वितीय अनुपूरक बजट भी पास कराया गया. उपचुनाव में जीते चारों विधायकों को शपथ दिलाई गयी.

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पटना : बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र का समापन हो गया. 5 दिनों तक चले सत्र में लंबे अरसे के बाद प्रश्न काल चला. कई मुद्दों पर जबरदस्त हंगामा भी हुआ. कई बार नोक झोंक भी हुई. सरकार ने अनुपूरक बजट और कई विधेयक पास कराय तो वहीं राज्यपाल से स्वीकृति के बाद 7 विधायक को सदन पटल पर भी रखा गया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच सांकेतिक संवाद भी सियासी चर्चा में रहा.

सरकार और विपक्ष के बीच तकरारः जहां सत्ता पक्ष ने उपलब्धियां भरा सत्र बताया. साथ ही आरोप लगाया कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं था. वहीं विपक्ष ने कहा कि सरकार जनता के मुद्दे पर चर्चा करने से बचती रही. विपक्ष सदन की अवधि छोटा रखने को लेकर सरकार को घेर रहा था. राजनीतिक विशेषज्ञ ने कहा कि 2025 में सभी को चुनाव में जाना है इसलिए विधानसभा में पक्ष और विपक्ष के विधायक अपने क्षेत्र की जनता के सवालों को लेकर इस बार सजग दिखे.

बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र का समापन. (ETV Bharat)

स्मार्ट मीटर और वक्फ बिल पर हंगामाः विधानसभा का शीतकालीन सत्र स्मार्ट मीटर, 65% आरक्षण और वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक को लेकर विपक्ष ने काफी हंगामा किया. वहीं महागठबंधन के बागी विधायकों के बैठने के मामले को लेकर भाई वीरेंद्र के मुख्यमंत्री की सीट पर पहुंचने को लेकर विवाद भी रहा. 5 दिनों के सत्र में चार दिन प्रश्न कल चला और चारों दिन विपक्षी सदस्य सदन में मौजूद रहे.

क्या कहते हैं सत्ता पक्ष और विपक्षः कांग्रेस के विधायक प्रतिमा कुमारी ने कहा कि जनता के सवाल को लेकर विपक्ष सतर्क था. "हम लोग भी चाहते हैं कि जनता की समस्या दूर हो और इसलिए प्रश्न काल हम लोगों ने चलने दिया. लेकिन, सरकार का उत्तर संतोषजनक नहीं रहा". वहीं राजद विधायक विजय मंडल ने कहा कि सरकार जनता के बड़े मुद्दे पर चर्चा करने से बचती रही. बीजेपी के विधायक आलोक रंजन ने कहा "सत्र छोटा जरूर था लेकिन काफी सफल रहा. विकास के मुद्दे पर कई फैसले सरकार की ओर से लिए गए."

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ETV GFX (ETV Bharat)

अगले साल चुनाव की चिंताः राजनीतिक विश्लेषक प्रिय रंजन भारती ने कहा सत्ता पक्ष के विधायक हो या विपक्ष के विधायक, सबको अगले साल चुनाव में जाना है. ऐसे में जनता के सवाल की चिंता सबको है. यही कारण रहा कि प्रश्न कल चलने दिया गया. "कुछ जरूरी सवाल भी पिपक्ष के तरफ से उठाए गए हैं, जिसमें स्मार्ट मीटर एक है. सरकार ने भी कई महत्वपूर्ण कार्य निपटाए हैं. नीतीश कुमार और तेजस्वी के बीच संवाद पर जो सियासी चर्चा हो रही है तो राजनीति में यह सब चलते रहता है."

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सदन के बाहर हंगामा करते विपक्षी सदस्य. (ETV Bharat)

सत्र में 809 प्रश्न स्वीकृत हुएः 5 दिनों के शीतकालीन सत्र में 809 प्रश्न स्वीकृत हुए, जिसमें 29 अल्प सूचित प्रश्न थे. जिसमें से 28 प्रश्नों के उत्तर हुए. 681 तारांकित प्रश्न थे, जिसमें से 664 प्रश्नों के उत्तर प्राप्त हुए. 103 ध्यान कर्षण सूचनाएं लाई गई थी, इसमें से आठ का उत्तर ही सदन में हुआ. 85 सूचनाओं को लिखित उत्तर हेतु भेजे गए. 10 को अमान्य कर दिया गया. शीतकालीन सत्र में 154 निवेदन प्राप्त हुए जिसमें 151 स्वीकृत हुए. 112 याचिकाएं प्राप्त हुई जिसमें 100 स्वीकृत हुए और 98 गैर सरकारी संकल्प की सूचना पर चर्चा हुई.

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सदन के बाहर हंगामा करते विधान सभा के सदस्य. (ETV Bharat)

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