पटना: विधानसभा की चार सीटों इमामगंज, बेलागंज, रामगढ़ और तरारी में उपचुनाव होना है. चुनाव आयोग कभी भी तिथि की घोषणा कर सकता है लेकिन तैयारी शुरू है. तरारी और रामगढ़ सीट बीजेपी को मिल सकती है. क्योंकि 2020 विधानसभा चुनाव में बीजेपी के पास थी. वहीं इमामगंज सीट पर हम चुनाव लड़ेगा. नीतीश कुमार चाहते थे कि बेलागंज से जीतन राम मांझी की पार्टी चुनाव लड़े और इमामगंज जदयू को मिल जाए, लेकिन जीतन मांझी और उनकी पार्टी इसके लिए तैयार नहीं है.
बेलागंज में जदयू की मुश्किलें बढ़ीः बेलागंज में 2020 में हुए चुनाव में जदयू के उम्मीदवार अभय कुशवाहा, सुरेंद्र यादव से हारकर दूसरे स्थान पर आए थे. अब अभय कुशवाहा राजद के टिकट पर औरंगाबाद से सांसद बन गए हैं. ऐसे में महागठबंधन की स्थिति बेलागंज सीट पर काफी मजबूत हो गई है. राजद की तरफ से सुरेंद्र यादव के बेटे के चुनाव लड़ने की चर्चा है. दूसरी तरफ जदयू बेलागंज से अभी तक किसको टिकट दें यह तय नहीं कर पाया है. जदयू की विधान पार्षद मनोरमा देवी का बेटा भी यहां से चुनाव लड़ना चाहता है.
विधानसभा चुनाव से पहले रिहर्सल का मौकाः अगले साल विधानसभा का चुनाव होना है. उससे पहले विधानसभा उपचुनाव एनडीए और महागठबंधन दोनों के लिए अपनी ताकत को दिखाने का एक बड़ा मौका है. बीजेपी चुनाव को लेकर तैयारी शुरू कर दी है. उम्मीदवार के नाम पर बीजेपी फैसला कर चुकी है सिर्फ घोषणा होना बाकी है. लेकिन जदयू बेलागंज को लेकर असमंजस की स्थिति में है. जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा और नीतीश कुमार के नजदीकी एमएलसी संजय गांधी यूपी चुनाव को लेकर खुलकर बोलने से बच रहे हैं.
"एनडीए बाय इलेक्शन जीतेगा कार्यकर्ता और नेता तैयारी कर रहे हैं. लोकसभा चुनाव में तेजस्वी यादव ने ढाई सौ सभा की था लेकिन जनता ने अपना फैसला सुना दिया था. 2025 विधानसभा चुनाव में भी जनता फैसला चुनाव सुनाएगी. लेकिन उससे पहले उप चुनाव में रिजल्ट एनडीए के पक्ष में ही आएगा."- उमेश कुशवाहा, जदयू प्रदेश अध्यक्ष
आरजेडी को जीत का भरोसाः महागठबंधन के तरफ से जहां तरारी सीट पर माले का उम्मीदवार तो वहीं रामगढ़ इमामगंज और बेलागंज पर राजद का उम्मीदवार का चुनाव लड़ना तय है. आरजेडी प्रवक्ता एजाज अहमद का कहना है कि नेता विरोधी दल तेजस्वी यादव के पक्ष में माहौल है. चारों सीट महागठबंधन जीतेगा. बेलागंज में जदयू को उम्मीदवार ही नहीं मिल रहा है. उम्मीदवार की खोज में लगे हुए हैं. क्योंकि 2020 में जो उम्मीदवार थे अभय कुशवाहा आरजेडी में आ चुके हैं. आरजेडी बेलागंज में पूरी ताकत से चुनाव लड़ेगा.
"जदयू के लिए 2025 विधानसभा चुनाव से पहले अपनी ताकत दिखाने का एक और मौका है. बेलागंज में जदयू के लिए लड़ाई आसान नहीं होगा. अभय कुशवाहा वहां उनके मजबूत स्तंभ थे जो आरजेडी में चले गए. जदयू के लिए प्लस प्वाइंट यह है कि इस बार चिराग पासवान एनडीए के साथ हैं. उपेंद्र कुशवाहा भी हैं, जिसका लाभ मिल सकता है."- प्रिय रंजन भारती, राजनीतिक विश्लेषक
दो उपचुनाव में जदयू को मिली हारः इस साल विधानसभा की दो सीटों पर हुए उपचुनाव में जदयू को हार मिल चुकी है. लोकसभा के साथ पालीगंज विधानसभा का उपचुनाव हुआ था और लोकसभा के बाद रुपौली विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव हुआ था. दोनों सीट जदयू हार चुका है. इसलिए बेलागंज का सीट हर हाल में जदयू जीतना चाहेगा. ऐसे चार विधानसभा सीट में से तीन सीट पर महागठबंधन का कब्जा है. महागठबंधन के लिए भी तीन सीटों को बचाना एक बड़ी चुनौती है.
क्यों हो रहा उपचुनाव : बिहार की चार विधानसभा सीटों तरारी, रामगढ़, बेलागंज और इमामगंज में उपचुनाव होना है. इन चारों सीट के विधायक सुदामा प्रसाद, सुधाकर सिंह, सुरेंद्र यादव और जीतन राम मांझी ने लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की. जिसके बाद उनलोगों ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. जिस वजह से उपचुनाव हो रहा है. राजनीति के जानकारों की मानें तो चारों सीटों पर एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला होगा.
विधान परिषद के लिए जदयू उम्मीदवार तयः विधान परिषद की एक सीट पर भी चुनाव होना है. सीतामढ़ी से देवेश चंद्र ठाकुर के सांसद बनने के कारण विधान परिषद का एक सीट खाली हुई है. ऐसे जदयू ने यहां से अपने प्रवक्ता अभिषेक झा का नाम तय कर लिया है. अभिषेक झा लगातार क्षेत्र में प्रचार भी कर रहे हैं. हालांकि अभी दोनों गठबंधन को चुनाव आयोग से विधानसभा और विधान परिषद सीटों के लिए चुनाव की घोषणा का इंतजार है. उसके बाद उम्मीदवारों के नाम की घोषणा के साथ है चुनाव प्रचार में तेजी आएगी.
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