पटनाः बिहार विधानसभा में नियोजित शिक्षकों के मसले पर विपक्ष का हंगामा हुआ. विपक्ष सदन से उठकर वेल में चले गए. सरकारी स्कूल के समय में बदलाव को लेकर सदन में जमकर हंगामा हुआ. विपक्ष के नेताओं ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. विपक्ष की ओर से कार्य स्थगन प्रस्ताव डाला गया, लेकिन विपक्ष के कार्य स्थगन प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया गया.
आदेश का नहीं हुआ पालनः माले विधायक महबूब आलम ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सरकारी स्कूल के समय सारणी में बदलाव के आदेश दिए थे. सुबह 10:00 बजे से लेकर 4:00 तक स्कूल खोलने के लिए कहा गया था. मुख्यमंत्री के आदेश के बावजूद शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने समय में बदलाव नहीं किया. स्कूल 9:00 बजे से लेकर 5:00 तक खोले जा रहे हैं.
ऐसे अधिकारी पर हो कार्रवाईः भाकपा माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने कहा है कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक मुख्यमंत्री के आदेश को भी नहीं मानते हैं. ऐसे अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.
"नीतीश कुमार ने आश्वासन दिया कि स्कूल के समय को 9 से 5 बदलकर 10 से 4 किया जाएगा. लेकिन उनके पदाधिकारी इसका पालन नहीं कर रहे हैं. हमलोगों की मांग है कि ऐसे पदाधिकारी को बर्खास्त किया जाए." -महबूब आलम, माले विधायक
वृद्धा पेंशन में हो बढ़ोतरीः राष्ट्रीय जनता दल नेता भाई वीरेंद्र ने कहा है कि अधिकारी मुख्यमंत्री के आदेश को ही नहीं मानते हैं. वृद्धावस्था पेंशन को लेकर कहा कि "हमने सरकार से मांग की है कि मात्र ₹400 पेंशन दिए जाते हैं. जबकि दूसरे राज्यों में 2000 से अधिक पेंशन दिया जाता है. बिहार में भी वृद्धावस्था पेंशन बढ़कर 3000 किया जाना चाहिए."
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