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दिल्ली-कोलकाता से ज्यादा जहरीली पटना की हवा, लगातार बढ़ रहे प्रदूषण ने बढ़ाई चिंता - BIHAR AIR POLLUTION REPORT

बिहार में वायु प्रदूषण में लगातार बढ़ोतरी चिंता का विषय बन रहा है. राजधानी पटना की हवा दिल्ली और कोलकाता से से ज्यादा जहरीली है.

Bihar Air Pollution Report
बिहार के पटना में बढ़ रहा प्रदूषण (Social Media)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 10, 2024, 11:13 AM IST

Updated : Dec 10, 2024, 11:44 AM IST

पटनाः बिहार के पटना में हवा जहरीली होती जा रही है. देश का अति व्यस्तम शहर दिल्ली और कोलकाता से भी ज्यादा प्रदूषण बिहार की राजधानी पटना में दर्ज किया जा रहा है. सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद प्रदूषण में कमी नहीं आ रही है. लोग जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर हैं. ऐसे में बिहार के लिए प्रदूषण चिंता का विषय बन गया है. खासकर सांस और संबंधी मरीज को ज्यादा परेशानी हो रही है.

दिल्ली और कोलकाता का हाल?: मंगलवार को जारी रिपोर्ट में दिल्ली के अलीपुर में सर्वाधिक एआईक्यू 229 दर्ज किया गया. कोलकाता में इससे ज्यादा 232 दर्ज किया गया. वहीं पटना की बात करें तो राजा बाजार क्षेत्र में मंगलवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स 309 तक जा पहुंचा है. इको पार्क क्षेत्र में एयर क्वालिटी इंडेक्स 264 हो गया है. इससे साफ है कि पटना की हवा जहरीली हो गयी है.

क्या कहती है रिपोर्टः इसके अलावा राजगीर 239, औरंगाबाद 194, भागलपुर 103, गया 133, मुजफ्फरपुर 128, पूर्णिया 107, बेगूसराय में 95 औस सहरसा में 94 एयर क्वालिटी इंडेक्स दर्ज किया गया. राजधानी पटना में सुबह से लेकर शाम तक धूंध चाए रहता है. पटना नगर निगम की ओर से वाटर फॉगिंग किया जाता है लेकिन धूलकन की मात्रा में कोई कमी नहीं आ रही है. पटना की हवा में पीएम 100 कण की मात्रा मानक से तीन गुने तक देखने को मिल रही है.

वायु प्रदूषण के घरेलु कारणः वायु प्रदूषण फैलने के दो स्रोत हैं. घर के अंदर और घर के वाहर होने वाले क्रिया को लेकर प्रदूषण फैलता है. घर के अंदर तंबाकु का धुआं, बर्निंग इंधन, मिट्टी तेल, एयर फ्रेनर, धमाकेदार धुआं, पालतु पशुओं की पूसी आदि से वायु प्रदूषण फैलता है. घर में गैस की जगह जलावन पर खाना बनाना भी प्रदूषण का कारण है.

वायु प्रदूषण के बाहरी कारणः इसमें बिजली संयंत्र, कचरा जलाना, कच्ची सड़कें की धूल, फैक्ट्री के धुएं और धूल, ज्वालामुखी विस्फोट और जंगल की आग प्रमुख कारण है. खासकर ठंड के मौसम में खेतों में पराली जलाना मुख्य कारण माना जाता है. धान की कटाई के बाद लोग उसके डंठल को खेत में ही जला देते हैं, जिससे धुआं काफी उठता है.

वायु प्रदूषण को कैसे रोके? इन उपायों से वायु प्रदूषण के कुप्रभावों को कम किया जा सकता है. जरूरत के अनुसार बिजली इस्तेमाल करना. बगीचे में सूखी पत्तियों, फसलों के अवशेष, डंठल और भूसा को नहीं जलाएं. निर्माण सामग्री और बालू, गिट्टी, मिट्टी आदि को ढ़क कर भंडारण करें. भवन निर्माम के दौरान चारों ओर से ग्रीन त्रिपाल जरूर लगाएं. खाना बनाने के दौरान जलावन के बदले इंधन गैस का इस्तेमाल करें.

सावधानी कैसे बरते? प्रदूषण बढ़ने के कारण सांस संबंधी बीमार लोगों को ज्यादा परेशानी होती है. इसके अलावा आंखों में जलन भी होता है. इससे बचने के कई उपाय हैं. आंखों की सुरक्षा के लिए बाहर निकलते समय चश्मा का इस्तेमाल जरूर करें. इसके साथ मास्क का इस्तेमाल करें. एन95 या एन99 मास्क का इस्तेमाल कारगर माना जाता है. घर में साफ सफाई रखें. इसके साथ पानी का सेवन ज्यादा करें और स्वस्थ भोजन करें.

यह भी पढ़ेंः पराली जलाने वाले किसानों पर FIR, सरकार की ओर से मिलने वाले लाभ पर DM ने लगायी रोक

पटनाः बिहार के पटना में हवा जहरीली होती जा रही है. देश का अति व्यस्तम शहर दिल्ली और कोलकाता से भी ज्यादा प्रदूषण बिहार की राजधानी पटना में दर्ज किया जा रहा है. सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद प्रदूषण में कमी नहीं आ रही है. लोग जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर हैं. ऐसे में बिहार के लिए प्रदूषण चिंता का विषय बन गया है. खासकर सांस और संबंधी मरीज को ज्यादा परेशानी हो रही है.

दिल्ली और कोलकाता का हाल?: मंगलवार को जारी रिपोर्ट में दिल्ली के अलीपुर में सर्वाधिक एआईक्यू 229 दर्ज किया गया. कोलकाता में इससे ज्यादा 232 दर्ज किया गया. वहीं पटना की बात करें तो राजा बाजार क्षेत्र में मंगलवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स 309 तक जा पहुंचा है. इको पार्क क्षेत्र में एयर क्वालिटी इंडेक्स 264 हो गया है. इससे साफ है कि पटना की हवा जहरीली हो गयी है.

क्या कहती है रिपोर्टः इसके अलावा राजगीर 239, औरंगाबाद 194, भागलपुर 103, गया 133, मुजफ्फरपुर 128, पूर्णिया 107, बेगूसराय में 95 औस सहरसा में 94 एयर क्वालिटी इंडेक्स दर्ज किया गया. राजधानी पटना में सुबह से लेकर शाम तक धूंध चाए रहता है. पटना नगर निगम की ओर से वाटर फॉगिंग किया जाता है लेकिन धूलकन की मात्रा में कोई कमी नहीं आ रही है. पटना की हवा में पीएम 100 कण की मात्रा मानक से तीन गुने तक देखने को मिल रही है.

वायु प्रदूषण के घरेलु कारणः वायु प्रदूषण फैलने के दो स्रोत हैं. घर के अंदर और घर के वाहर होने वाले क्रिया को लेकर प्रदूषण फैलता है. घर के अंदर तंबाकु का धुआं, बर्निंग इंधन, मिट्टी तेल, एयर फ्रेनर, धमाकेदार धुआं, पालतु पशुओं की पूसी आदि से वायु प्रदूषण फैलता है. घर में गैस की जगह जलावन पर खाना बनाना भी प्रदूषण का कारण है.

वायु प्रदूषण के बाहरी कारणः इसमें बिजली संयंत्र, कचरा जलाना, कच्ची सड़कें की धूल, फैक्ट्री के धुएं और धूल, ज्वालामुखी विस्फोट और जंगल की आग प्रमुख कारण है. खासकर ठंड के मौसम में खेतों में पराली जलाना मुख्य कारण माना जाता है. धान की कटाई के बाद लोग उसके डंठल को खेत में ही जला देते हैं, जिससे धुआं काफी उठता है.

वायु प्रदूषण को कैसे रोके? इन उपायों से वायु प्रदूषण के कुप्रभावों को कम किया जा सकता है. जरूरत के अनुसार बिजली इस्तेमाल करना. बगीचे में सूखी पत्तियों, फसलों के अवशेष, डंठल और भूसा को नहीं जलाएं. निर्माण सामग्री और बालू, गिट्टी, मिट्टी आदि को ढ़क कर भंडारण करें. भवन निर्माम के दौरान चारों ओर से ग्रीन त्रिपाल जरूर लगाएं. खाना बनाने के दौरान जलावन के बदले इंधन गैस का इस्तेमाल करें.

सावधानी कैसे बरते? प्रदूषण बढ़ने के कारण सांस संबंधी बीमार लोगों को ज्यादा परेशानी होती है. इसके अलावा आंखों में जलन भी होता है. इससे बचने के कई उपाय हैं. आंखों की सुरक्षा के लिए बाहर निकलते समय चश्मा का इस्तेमाल जरूर करें. इसके साथ मास्क का इस्तेमाल करें. एन95 या एन99 मास्क का इस्तेमाल कारगर माना जाता है. घर में साफ सफाई रखें. इसके साथ पानी का सेवन ज्यादा करें और स्वस्थ भोजन करें.

यह भी पढ़ेंः पराली जलाने वाले किसानों पर FIR, सरकार की ओर से मिलने वाले लाभ पर DM ने लगायी रोक

Last Updated : Dec 10, 2024, 11:44 AM IST
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