मेरठ: पश्चिमी यूपी के महत्वपूर्ण जिले में शूमार मेरठ के बड़े व्यापारिक केंद्र कहे जाने वाले बेगमपुल इलाके में जिले का सबसे बड़ा आरआरटीएस अंडरग्राउंड स्टेशन बनाया जा रहा है. यहां से यात्रियों को नमो भारत रैपिड ट्रेन और मेरठ मेट्रो दोनों तरह की ट्रेनों की सुविधाएं मिल सकेंगी. देश में पहली बार इस स्टेशन से एक ही ट्रैक पर ये दोनों ट्रेने चलेंगी. जिसके लिए युद्ध स्तर पर निर्माण कार्य चल रहा है. जमीन से करीब 65 फीट नीचे बन रहे ट्रैक के साथ ही मेरठ के सबसे बड़े अंडरग्राउंड स्टेशन का जायजा लिया ईटीवी भारत की टीम ने.
मेरठ से देश की राजधानी दिल्ली तक देश ही पहली हाई स्पीड रिजनल ट्रेन नमो भारत का संचालन करने के लिए युद्ध स्तर पर काम चल रहा है. रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) कारिडोर के मेरठ के भूमिगत स्टेशनों पर काम काफी तेज रफ्तार से हो रहा है. ईटीवी भारत ने शहर के बेगमपुल में बन रहे सबसे बड़े अंडरग्राउंड आरआरटीएस स्टेशन का जायजा लिया. जमीन के नीचे बनाए जा रहे भूमिगत स्टेशन और वहां तैयार किये गये ट्रैक का भी टनल में जाकर पड़ताल किया गया.
शहर का सबसे बड़ा अंडरग्राउंड स्टेशन: बेगमपुल स्टेशन की लंबाई करीब 250 मीटर और चौड़ाई करीब 24.5 मीटर है. वहीं स्टेशन की गहराई करीब 23 मीटर है. साथ ही गहराई 23 मीटर नीचे है. इस स्टेशन के चार प्रवेश और निकास द्वारों से स्टेशन में यात्री अलग अलग दिशाओं में आ जा सकेंगे. इसके साथ ही यहां यात्रियों की सुविधाओं का भी खास ख्याल रखा गया है. प्रत्येक प्रवेश-निकास द्वार पर एक लेवल से दूसरे लेवल पर आने-जाने के लिए सीढ़ियों के अलावा अलग-अलग जगहों पर कुल 20 एस्केलेटर्स इस स्टेशन में लगेंगे. साथ में 5 लिफ्ट की सुविधा उपलब्ध रहेगी.
यात्रियों की सुविधा के लिए बने RRTS स्टेशन के प्रवेश द्वार: बेगमपुल स्टेशन के प्रवेश और निकास द्वार यात्रियों की आवश्यकता के मुताबिक बनाए गए हैं. पहले गेट का निर्माण आबू लेन की तरफ से आने-जाने वालों को ध्यान में रखकर किया गया है. वहीं दूसरा प्रवेश और निकास द्वार सोतीगंज की तरफ से आवाजाही करने वाले लोगों के लिए बनाया गया है, वहीं तीसरा प्रवेश निकास द्वार नेशनल इंटर कॉलेज की ओर बन रहा है, वहीं चौथा प्रवेश-निकास द्वार मेरठ कैंट क्षेत्र की ओर से आने जाने वाले लोगों के लिए बनाया गया है.
एनसीआरटीसी के अधिकारियों ने कहा कि मेडिकल संबंधी सहायता के लिए भी स्टेशनों को तैयार किया है, प्रत्येक स्टेशन पर लिफ्ट इस तरह बनाई गई हैं, जिनका आकार बड़ा है जिससे कि मेडिकल सबंधी सहायता के लिए जरूरत पड़ने पर स्ट्रेचर आदि भी ले जाया जा सकता है. इतना ही नहीं ट्रेन में भी स्ट्रेचर ले जाने की सुविधा है.
वहीं ट्रैक की बात करें तो यहां बेगमपुल स्टेशन पर दो ट्रैक हैं, इन ट्रैक को स्टेण्डर्ड ट्रैक कहा जाता है, यानी इन ट्रैक पर जहां मेट्रो भी दौड़ेगी वहीं इन्हीं ट्रैक पर नमो भारत ट्रेन का भी संचालन होना है. समय सीमा का निर्धारण अलग से रहने वाला है, अभी वर्तमान में यहां का 80 फीसदी काम पूरा हो चुका है. एनसीआरटीसी के प्रवक्ताओं के मुताबिक जून 2025 तक डेडलाइन तय है और उम्मीद भी है कि, नमो भारत मेरठ के मोदीपुरम से दिल्ली तक कुल 82 किलोमीटर के ट्रैक पर दौड़ने लगेगी.
4 स्टेशन पर रुकेगी नमो भारत: मेरठ में बेगमपुल के अलावा मेरठ सेंट्रल और भैंसाली स्टेशन अंडरग्राउंड स्टेशन हैं उन पर केवल मेट्रो की सुविधा मिलेगी. जबकि नमो भारत मेरठ साउथ, शताब्दी नगर, बेगमपुल और मोदीपुरम स्टेशन पर ही मिलेगी. इसके अलावा मेरठ में कुल 13 स्टेशन पर मेरठ मेट्रो के 23 किलोमीटर के सेक्शन में दौड़ेगी.
देश में पहली बार होने जा रहा है कि मेरठ मेट्रो का संचालन नमो भारत के बुनियादी ढांचे पर ही किया जा रहा है. नमो भारत और मेरठ मेट्रो की पूरी परियोजना को इस साल तक चालू करने का लक्ष्य निर्धारित है. दो ट्रैक बनाए गये हैं. जबकि मेरठ की सीमा में कुल 23 किलोमीटर पर मेट्रो से यात्री आवाजाही कर सकेंगे. वहीं दिल्ली तक पहुंचने में नमो भारत एक घंटे से भी कम समय लगाएगी.
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