पटना: बिहार में पिछले एक पखवाड़े से चल रहे राजनीतिक अस्थिरता का दौर खत्म हो गया. बिहार विधानसभा में आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बहुमत साबित कर दिया है. वोटिंग से पहले बिहार में नीतीश कुमार की सरकार को लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही थी. आरजेडी ने दावा किया था कि खेला होगा, लेकिन तीन विधायकों के टूटने से खेल पलट गया.
NDA दो अग्नि परीक्षा से गुजरा: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को बिहार विधानसभा में दो अग्नि परीक्षा से गुजरा था. पहली अग्नि परीक्षा बिहार विधानसभा अध्यक्ष बिहारी चौधरी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर था तो दूसरी अग्नि परीक्षा विश्वास मत हासिल करना का था. विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव स्वीकृत हुआ और मोर्चा डिप्टी स्पीकर महेश्वर हजारी ने संभाली महेश्वर हजारी ने पहले तो ध्वनि मत से प्रस्ताव पारित कराया.
RJD के 3 विधायकों ने पाला बदला: विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर वोटिंग कराई गई. अविश्वास प्रस्ताव के दौरान वोटिंग के नतीजे आए तो एनडीए नेताओं के चेहरे पर मुस्कान आ गई. एनडीए के पक्ष में कुल 125 वोट पड़े तो विरोध में 112 वोट पड़े. अध्यक्ष के खिलाफ विश्वास मत के दौरान विधानसभा का नजारा अजीबोगरीब हो गया और महागठबंधन के तीन विधायक सत्ता पक्ष की ओर आकर बैठ गए राजद विधायक चेतन आनंद विधायक नीलम देवी और विधायक प्रहलाद यादव ने पाला बदल लिया. तीनों विधायक जब सत्ता पक्ष की ओर बैठे तो महागठबंधन की ओर से सेम सेम का नारा लगाया गया.
"पहले पार्टी के अंदर एटूजेड की बात होती थी, लेकिन धीरे-धीरे स्थितियां बदल गई. पुराने पैटर्न पर पार्टी नेता लौटने लगे. इस वजह से मेरे जैसे लोगों के लिए पार्टी में रहना सहज नहीं था."-चेतन आनंद, राजद विधायक
"हमारे तीन विधायकों ने पाला बदला यह हमारे लिए दुखद पहलू रहा. सिर्फ नेतृत्व इसको देखेगी और उनके खिलाफ कार्रवाई भी होगी." -जितेंद्र राय, राजद विधायक
"हम हारे नहीं हैं, हमें जबरन हराया गया है. मेरे विधायकों को जबरदस्ती तोड़ा गया और इसमें सौदेबाजी हुई है. हम हार में भी अपनी जीत मान रहे हैं."- संतोष मिश्रा,कांग्रेस विधायक
एनडीए ने छुआ 130 का आंकड़ा: हालांक चिंता राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन खेमे में भी थी. अध्यक्ष के खिलाफ वोटिंग के दौरान भागीरथी देवी, रश्मि वर्मा और मिश्रीलाल मौजूद नहीं रहे. अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के मतदान पर व्हिप लागू नहीं हो सकता था इस वजह से कई विधायक सदन से बाहर रहे. जदयू नेता और सुरसंड विधायक दिलीप राय ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया. विश्वास मत के दौरान परिस्थितियों बदल गई. एनडीए के पक्ष में कुल 130 मत पड़े और विपक्ष ने वोटिंग का बहिष्कार किया. विश्वास मत के दौरान गायब भाजपा विधायक भागीरथी देवी, रश्मि वर्मा और मिश्रीलाल यादव पहुंच गए. जदयू विधायक बीमा भारती भी सदन के अंदर पहुंच गई.
"हमने बहुमत का आंकड़ा हासिल किया है. नीतीश कुमार की नीतियों के वजह से विधायक हमारे साथ आ रहे हैं. जो विधायक हमारे वोटिंग में नहीं आए उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. विधायक दिलीप राय की तबीयत खराब है. इस वजह से नहीं आ सके." - श्रवण कुमार, जदयू नेता
"खेल होने की बात तेजस्वी यादव का रहे थे, लेकिन खेल उन्हीं के साथ हो गया. उनके तीन विधायक ने उनका साथ छोड़ दिया. जिस किसी ने अवैध तरीके से धन अर्जित किया है. उनके खिलाफ जांच और कार्रवाई दोनों होगी." -नीरज बबलू, भाजपा नेता
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