नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नैनीताल में सीवरेज के पानी को नालों में डाले जाने पर एनजीटी द्वारा होटलों को दिए गए शॉर्ट नोटिस के बाद लगाए गए जुर्माने को लेकर दायर स्पेशल अपील पर सुनवाई की. जिसमें कोर्ट की खंडपीठ ने होटल स्वामियों को राहत देते हुए जुर्माने की 10 प्रतिशत राशि जमा करने निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने अधिवक्ता प्रदीप लोहनी को एमएस क्यूरी नियुक्त कर नैनीझील के पानी की गुणवत्ता की जांच करने के साथ ही झील के सरंक्षण के लिए उठाए जाने वाले आवश्यक उपायों से कोर्ट को अवगत कराने को कहा है.
मामले के अनुसार नैनीताल स्थित कोहिनूर होटल व अन्य ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा है कि एनजीटी द्वारा कुछ होटल स्वामियों पर सीवरेज का पानी नाले में डाले जाने को लेकर उनपर भारी भरकम जुर्माना लगाया है, जबकि पॉल्यूशन बोर्ड ने अपनी जांच रिपोर्ट में माना है उनके सीवरेज के कनेक्शन सीवर लाइन से जुड़े हुए हैं. याचिकाकर्ता ने कहा उन्हें सीवर कनेक्शन लेने के लिए सिर्फ 3 दिन का ही समय दिया गया. जिसके बाद उनके द्वारा सीवर कनेक्शन के लिए आवेदन कर दिया गया. याचिका में कहा गया है कि आवेदन को स्वीकार करते हुए उन्हें राहत दी जानी चाहिए.
जिस पर हाईकोर्ट ने होटल स्वामियों को राहत दी. हाईकोर्ट ने जुर्माने की 10 प्रतिशत राशि जमा करने निर्देश उन्हें दिए हैं. साथ ही नैनीझील के पानी की गुणवत्ता की जांच करने के साथ ही झील के सरंक्षण के लिए उठाए जाने वाले आवश्यक उपायों से कोर्ट को अवगत कराने को कहा है.