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आईपीएस जीपी सिंह को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, कैट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज - IPS GP SINGH

आईपीएस जीपीसिंह को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है.कैट के आदेश को चुनौती देने वाली केंद्र की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया.

Big relief to IPS GP Singh
आईपीएस जीपी सिंह को सु्प्रीम कोर्ट से बड़ी राहत (Big relief to IPS GP Singh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Dec 10, 2024, 5:59 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ के एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी की बहाली को बरकरार रखने वाले आदेश के खिलाफ केंद्र की अपील खारिज कर दी है. आपको बता दें कि जीपी सिंह को भ्रष्टाचार, जबरन वसूली और देशद्रोह के आरोपों के बाद अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त कर दिया गया था. न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ ने कहा कि वह पूर्व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक गुरजिंदर पाल सिंह से संबंधित दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप करने के इच्छुक नहीं हैं.

हाईकोर्ट ने जीपी सिंह की बहाली के दिए थे निर्देश : उच्च न्यायालय ने 23 अगस्त को 1994-बैच के आईपीएस अधिकारी द्वारा दायर याचिका पर केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) द्वारा पारित आदेश के खिलाफ केंद्र की चुनौती को खारिज कर दिया. जिसने न केवल 20 जुलाई को पारित अनिवार्य सेवानिवृत्ति के आदेश को रद्द कर दिया. बल्कि परिणामी लाभों के साथ उनकी बहाली का भी निर्देश दिया. केंद्र ने तर्क दिया कि अनिवार्य सेवानिवृत्ति का आदेश सेवा नियमों के संदर्भ में सार्वजनिक हित में विधिवत पारित किया गया था. कैट ने आपराधिक शिकायतों, वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट के डाउनग्रेडिंग के साथ-साथ अनुशासनात्मक के संबंध में साक्ष्य का मूल्यांकन करते समय अपने अधिकार क्षेत्र को छीन लिया.

याचिकाकर्ता प्रतिवादी जीपी सिंह के सेवा रिकॉर्ड में कुछ भी प्रतिकूल दिखाने में सक्षम नहीं हैं. एफआईआर दर्ज करना मणि भूषण के परिसरों पर की गई छापेमारी के बाद उनसे की गई कथित वसूली पर आधारित है. उच्च न्यायालय ने इस बारे में कहा कि 'एसबीआई अधिकारी मणि भूषण के बयान के अनुसार, जीपी सिंह के खिलाफ आरोप इतना मजबूत नहीं लगता कि प्रतिवादी नंबर 1 को अनिवार्य सेवानिवृत्ति का निर्देश दिया जा सके.उच्च न्यायालय ने कहा था कि बिना किसी तर्क या किसी नए आधार के उनके खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के एक कथित मामले में कार्यवाही को फिर से शुरू करना खासकर जब सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट में अन्यथा कहा गया था, और इसे अदालत ने स्वीकार कर लिया था, परेशान करने का एक प्रयास था.

जीपी सिंह ने बताया था खुद के खिलाफ षड़यंत्र :जीपी सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में ये दलील दी थी कि उन्होंने राज्य के अधिकारियों को अवैध लाभ देने से इनकार किया था.इसलिए उन्हें झूठा फंसाया जा रहा था.ताकि उनकी छवि धूमिल हो सके.

कब हुई थी जीपी सिंह के खिलाफ कार्रवाई ?: 1 जुलाई 2021 की सुबह एसीबी (ACB) और ईओडब्ल्यू (EOW) की टीम ने जीपी सिंह और उनके सहयोगियों के ठिकानों पर एक साथ छापेमार कार्रवाई की थी. लंबे अंतराल तक चली कार्रवाई के बाद 10 करोड़ की चल अचल संपत्ति का भी खुलासा किया गया था. छापे के दौरान एसीबी (ACB) और EOW की टीम ने कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद होने का दावा किया था.

इन बरामद दस्तावेजों के आधार पर रायपुर पुलिस ने IPS जीपी सिंह के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया था. इसके साथ ही उन पर भ्रष्टाचार से जुड़े हुए अपराध भी दर्ज किए गए थे. इन आरोपों के तहत जीपी सिंह को जेल भी जाना पड़ा था. बाद में उन्हें हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी. अब जीपी सिंह को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली. उनके खिलाफ राजद्रोह, ब्लैकमेलिंग और आय से अधिक संपत्ति के केस को अदालत ने रद्द कर दिया गया.

हाईकोर्ट से IPS जीपी सिंह को बड़ी राहत, राजद्रोह समेत तीन केस रद्द

बर्खास्त IPS जीपी सिंह ज्वाइन कर सकते हैं ड्यूटी, जानिए किसने दी बड़ी राहत
छत्तीसगढ़ के सस्पेंडेड आईपीएस जीपी सिंह पर बड़ी कार्रवाई, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दी अनिवार्य सेवानिवृत्ति, भ्रष्टाचार और देशद्रोह का है आरोप

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ के एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी की बहाली को बरकरार रखने वाले आदेश के खिलाफ केंद्र की अपील खारिज कर दी है. आपको बता दें कि जीपी सिंह को भ्रष्टाचार, जबरन वसूली और देशद्रोह के आरोपों के बाद अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त कर दिया गया था. न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ ने कहा कि वह पूर्व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक गुरजिंदर पाल सिंह से संबंधित दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप करने के इच्छुक नहीं हैं.

हाईकोर्ट ने जीपी सिंह की बहाली के दिए थे निर्देश : उच्च न्यायालय ने 23 अगस्त को 1994-बैच के आईपीएस अधिकारी द्वारा दायर याचिका पर केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) द्वारा पारित आदेश के खिलाफ केंद्र की चुनौती को खारिज कर दिया. जिसने न केवल 20 जुलाई को पारित अनिवार्य सेवानिवृत्ति के आदेश को रद्द कर दिया. बल्कि परिणामी लाभों के साथ उनकी बहाली का भी निर्देश दिया. केंद्र ने तर्क दिया कि अनिवार्य सेवानिवृत्ति का आदेश सेवा नियमों के संदर्भ में सार्वजनिक हित में विधिवत पारित किया गया था. कैट ने आपराधिक शिकायतों, वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट के डाउनग्रेडिंग के साथ-साथ अनुशासनात्मक के संबंध में साक्ष्य का मूल्यांकन करते समय अपने अधिकार क्षेत्र को छीन लिया.

याचिकाकर्ता प्रतिवादी जीपी सिंह के सेवा रिकॉर्ड में कुछ भी प्रतिकूल दिखाने में सक्षम नहीं हैं. एफआईआर दर्ज करना मणि भूषण के परिसरों पर की गई छापेमारी के बाद उनसे की गई कथित वसूली पर आधारित है. उच्च न्यायालय ने इस बारे में कहा कि 'एसबीआई अधिकारी मणि भूषण के बयान के अनुसार, जीपी सिंह के खिलाफ आरोप इतना मजबूत नहीं लगता कि प्रतिवादी नंबर 1 को अनिवार्य सेवानिवृत्ति का निर्देश दिया जा सके.उच्च न्यायालय ने कहा था कि बिना किसी तर्क या किसी नए आधार के उनके खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के एक कथित मामले में कार्यवाही को फिर से शुरू करना खासकर जब सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट में अन्यथा कहा गया था, और इसे अदालत ने स्वीकार कर लिया था, परेशान करने का एक प्रयास था.

जीपी सिंह ने बताया था खुद के खिलाफ षड़यंत्र :जीपी सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में ये दलील दी थी कि उन्होंने राज्य के अधिकारियों को अवैध लाभ देने से इनकार किया था.इसलिए उन्हें झूठा फंसाया जा रहा था.ताकि उनकी छवि धूमिल हो सके.

कब हुई थी जीपी सिंह के खिलाफ कार्रवाई ?: 1 जुलाई 2021 की सुबह एसीबी (ACB) और ईओडब्ल्यू (EOW) की टीम ने जीपी सिंह और उनके सहयोगियों के ठिकानों पर एक साथ छापेमार कार्रवाई की थी. लंबे अंतराल तक चली कार्रवाई के बाद 10 करोड़ की चल अचल संपत्ति का भी खुलासा किया गया था. छापे के दौरान एसीबी (ACB) और EOW की टीम ने कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद होने का दावा किया था.

इन बरामद दस्तावेजों के आधार पर रायपुर पुलिस ने IPS जीपी सिंह के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया था. इसके साथ ही उन पर भ्रष्टाचार से जुड़े हुए अपराध भी दर्ज किए गए थे. इन आरोपों के तहत जीपी सिंह को जेल भी जाना पड़ा था. बाद में उन्हें हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी. अब जीपी सिंह को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली. उनके खिलाफ राजद्रोह, ब्लैकमेलिंग और आय से अधिक संपत्ति के केस को अदालत ने रद्द कर दिया गया.

हाईकोर्ट से IPS जीपी सिंह को बड़ी राहत, राजद्रोह समेत तीन केस रद्द

बर्खास्त IPS जीपी सिंह ज्वाइन कर सकते हैं ड्यूटी, जानिए किसने दी बड़ी राहत
छत्तीसगढ़ के सस्पेंडेड आईपीएस जीपी सिंह पर बड़ी कार्रवाई, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दी अनिवार्य सेवानिवृत्ति, भ्रष्टाचार और देशद्रोह का है आरोप
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