जोधपुर. बाड़मेर के पूर्व विधायक मेवाराम जैन के खिलाफ गत वर्ष दुष्कर्म और पॉक्सो की धाराओं में राजीव गांधी थाने में दर्ज हुए मुकदमे में पुलिस द्वारा पेश की गई एफआर को पॉक्सो कोर्ट ने स्वीकार करते हुए मुकदमे को खारिज कर दिया. पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश डॉ. सूर्यप्रकाश पारीक ने एफआर पर सुनवाई करते हुए एफआर को स्वीकार कर लिया. साथ ही कहा कि अनुसंधान अधिकरण द्वारा किया गया. अनुसंधान उचित प्रतीत होता है, जिसमें हस्तक्षेप किए जाने का कोई आधार नहीं है.
स्वयं परिवादी पक्ष प्रकरण को आगे नहीं चलाना चाहता है. ऐसे में एफआर स्वीकार की जाती है. जोधपुर के राजीव गांधी नगर थाने में परिवादी ने गत वर्ष दिसंबर माह में मुकदमा दर्ज कराया था. इसमें बाड़मेर के पूर्व विधायक मेवाराम जैन सहित 9 लोग आरपीएस आनंद राजपुरोहित, कोतवाली थानाधिकारी गंगाराम खावा, एसआई दाउद खान, रामस्वरूप आचार्य, उपसभापति सुरतान सिंह, प्रधान गिरधर सिंह सोढा, प्रवीण सेठिया और गोपाल सिंह राजपुरोहित के खिलाफ पुलिस थाना राजीव गांधी नगर, जोधपुर पुलिस आयुक्तालय में अनाधिकृत रूप से घर में घुसकर दुष्कर्म, गैंगरेप, पॉक्सो, ब्लैकमेलिंग, जान से मारने की धमकी, मारपीट और एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया था.
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वहीं, पूर्व विधायक मेवाराम जैन की ओर से राजस्थान हाईकोर्ट में एक विविध आपराधिक याचिका पेश कर गिरफ्तारी पर स्थगन लिया गया था. उसके बाद मामले में पॉक्सो कोर्ट में पुलिस की ओर से अनुसंधान कर रिपोर्ट पेश की गई. पीड़िता ने अपनी सहेली व अपनी नाबालिग पुत्री के साथ भी घटना होना बताया था, लेकिन बाद में कोर्ट में इनके बयानों की संपुष्टि नहीं हो पाई. वहीं, राजीव गांधी थाने के अनुसंधान अधिकारी ने भी इस मामले में जांच कर नकारात्मक रिपोर्ट कोर्ट में पेश की. कोर्ट में नकारात्मक रिपोर्ट पर सुनवाई के बाद उसे स्वीकार कर लिया गया. इसके साथ ही पूर्व विधायक जैन को बड़ी राहत मिली है.