लखनऊ: हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के प्रथम मंगलवार को बुढ़वा मंगल या फिर बड़ा मंगल कहा जाता है. लखनऊ की संस्कृति और परंपरा के अनुसार राजधानी के मुख्य अलीगंज हनुमान मंदिर समेत गली मोहल्ले के सभी मंदिर में दर्शन के साथ ही भंडारे का आयोजन किया जाता है. एक ओर मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है. वहीं दूसरी ओर भंडारे के प्रसाद लिए लंबी कतारें शहरभर में लगती हैं. भंडारे का प्रयोजन है कि बड़े मंगल दिन कोई भूखा न रहे. इस बार ज्येष्ठ माह में चार बड़े मंगल (4,11 व 18 जून) को पड़ेंगे.
मान्यता है कि बड़े मंगल के दौरान बजरंगबली की पूजा से हर कष्टों से छुटकारा मिल जाता है और हर तरह के दुखों का नाश हो जाता है. जेठ महीने के पहले बड़े मंगलवार को हनुमान सेतु मंदिर में तड़के सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लगनी शुरू हो गई थी. मंदिर में दर्शन करने के लिए पहुंचे श्रद्धालु भीषण गर्मी को भी नजरअंदाज कर रहे थे. मंदिर परिसर जय जय बजरंग बली और जय श्री राम के स्वरों से गूंज रहा था.
हनुमान सेतु मंदिर दर्शन करने के लिए पहुंचीं नीलम श्रीवास्तव ने बताया कि सुबह तीन बजे ही मंदिर में दर्शन करके पहुंच गई थीं. आज का दिन बहुत ही ज्यादा विशेष है. क्योंकि, आज बजरंगबली का दिन है. आज के दिन कोई भी भूख नहीं रहता है. जगह-जगह भंडारे आयोजित किए जाते हैं. चारों ओर सकारात्मक माहौल देख कर काफी अच्छा लग रहा है. मंदिर प्रशासन की ओर से भंडारा आयोजित किया गया है. जहां लंबी लंबी कतारे लगी हैं.
आशा मिश्रा ने बताया कि आज का दिन हमारे लिए बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है. दर्शन करने के लिए हनुमान सेतु मंदिर आए हैं. बहुत ही आराम से दर्शन हो रहे हैं. अच्छी व्यवस्था की गई है. लखनऊ में बड़े मंगलवार की शुरुआत की कहानी भी है. आशा मिश्रा ने बताया कि लखनऊ की बेगम हजरत महल के समय किसी महामारी ने तबाही मचा रखी थी. इस दौरान हजारों की संख्या में लोगों की मृत्यु हो रही थी. इसी दौरान रानी को सपना आया, जिसमें एक व्यक्ति ने बड़ा मंगलवार पर हनुमान जी की पूजा और भंडारा आयोजित करने का सुझाव दिया. बेगम हजरत महल ने ऐसा ही किया. जैसे ही पूजा संपन्न हुई और बड़ा मंगलवार का भंडारा शुरू हुआ. इसके बाद से धीरे-धीरे महामारी समाप्त होने लगी. इसके बाद से बड़े मंगलवार की परंपरा आज तक कायम है.
पुलिस प्रशासन भी अलर्ट : ज्येष्ठ माह के सभी मंगलवार पर अलीगंज हनुमान मंदिर समेत शहर के सभी मंदिरों में काफी भीड़ उमड़ती है. श्रद्धालु की भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन भी अलर्ट रहता है. पुलिस बल की तैनाती के साथ ही किसी भी अनहोनी से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन दल, अग्निशमन दस्ते आदि अलर्ट रहते हैं. इसके अलावा पुलिस के सचल दस्ते लगातार राउंड पर रहते हैं. मंदिर परिसरों में महिला पुलिस कांस्टेबल और महिला सेवादारों को नियुक्त किया गया है.
यह भी पढ़ें : जानिए, जेठ के महीने में क्यों की जाती है हनुमान जी की पूजा