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सपा के राष्ट्रीय सचिव योगेंद्र तोमर ने दिया इस्तीफा, कहा- पार्टी की पीडीए वाली राजनीति महज एक दिखावा

अलीगढ़ से समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका मिला है. स्वामी प्रसाद मौर्य, सलीम शेरवानी के बाद अब राष्ट्रीय सचिव ठा. योगेद्र सिंह तोमर (SP Yogendra Tomar resignation) ने भी सपा से किनारा कर लिया है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 22, 2024, 9:03 AM IST

अलीगढ़ : समाजवादी पार्टी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं. राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य, सलीम शेरवानी के बाद अब राष्ट्रीय सचिव ठा. योगेद्र सिंह तोमर ने भी अपने पद से त्याग पत्र दे दिया है. बुधवार को उन्होंने इसका पत्र राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को भेजा.

लोहिया वाहिनी के महानगर अध्यक्ष कौशल दिवाकर ने भी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपना त्यागपत्र पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव सहित प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल, लोहिया वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रामकरन निर्मल को भेज दिया है. त्याग पत्र में कौशल दिवाकर ने समाजवादी पार्टी पर एवं उच्च नेताओं पर रामविरोधी और दलित विरोधी होने का आरोप लगाया है.

पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्ग में रखते हैं पैठ : योगेंद्र तोमर ने कहा है कि सपा में अल्पसंख्यकों के साथ ही सामान्य और पिछड़े वर्ग की अनदेखी हो रही है. योगेंद्र तोमर पश्चिमी यूपी के प्रमुख रियल एस्टेट कारोबारी भी हैं. अलीगढ़ के साथ ही नोएडा व बदायूं में इनका कारोबार है. अलीगढ़ के लक्ष्मीबाई मार्ग स्थित जापान हाउस के पार्क व्यू रेजीडेंसी में रहने वाले योगेंद्र तोमर बदायूं की गुन्नौर तहसील के मिठनपुर गांव के मूल निवासी हैं.

रियल एस्टेट कारोबार में योगेंद्र की अलग पहचान है. यह पिछले काफी समय से समाजवादी पार्टी से जुड़े हुए हैं. 2014 में बदायूं लोकसभा क्षेत्र से धर्मेंद्र यादव को सांसद बनाने में अहम योगदान था. सामान्य वर्ग के साथ ही पिछड़े और अल्पसंख्यकों में इनकी गहरी पैठ है. पिछले दिनों समाजवादी पार्टी ने इन्हें राष्ट्रीय महासचिव पद पर नामित किया था, मगर बीते दिनों पूर्व केंद्रीय मंत्री सलीम शेरवानी के त्याग पत्र के बाद इनके भी समाजवादी पार्टी छोड़ने की अटकले लगाईं जा रहीं थीं. बुधवार को इन्होंने अचानक से पार्टी से त्याग पत्र देने का एलान कर दिया.

सपा की पीडीए नाम की राजनीति महज दिखावा : योगेंद्र तोमर ने राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को चिट्ठी लिखी है. इसमें कहा है कि पार्टी में मुसलमानों के साथ ही सामान्य और पिछड़े वर्ग की उपेक्षा से परेशान होकर राष्ट्रीय सचिव पद से इस्तीफा दे रहा हूं. पत्र में उन्होंने लिखा है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री सलीम शेरवानी के साथ उन्होंने समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी. कई साल से वह पूरी मेहनत से पार्टी की सेवा कर रहे हैं. अब पार्टी में मेहनती कार्यकर्ताओं को तवज्जों नहीं मिल रहा है. सपा की पीडीए नाम की राजनीति दिखावा लगती है. जिन लोगों का जनता से कोई मतलब नहीं है, उन्हें राज्यसभा भेजा गया है.

लोहिया वाहिनी के महानगर अध्यक्ष ने भी दिया इस्तीफा : लोहिया वाहिनी के महानगर अध्यक्ष कौशल दिवाकर ने कहा कि समाजवादी पार्टी का व्यवहार राम विरोधी है. दलितों के मुद्दों पर अखिलेश यादव अनदेखी और अनादर का भाव रखते हैं. यह बहुत ही आहत करने वाला है. इसकी वजह से महानगर अध्यक्ष लोहिया वाहिनी के पद सहित पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे रहा हूं.

यह भी पढ़ें : आज दो दिवसीय दौरे पर वाराणसी आएंगे पीएम मोदी, करेंगे बनास डेयरी का उद्घाटन

अलीगढ़ : समाजवादी पार्टी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं. राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य, सलीम शेरवानी के बाद अब राष्ट्रीय सचिव ठा. योगेद्र सिंह तोमर ने भी अपने पद से त्याग पत्र दे दिया है. बुधवार को उन्होंने इसका पत्र राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को भेजा.

लोहिया वाहिनी के महानगर अध्यक्ष कौशल दिवाकर ने भी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपना त्यागपत्र पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव सहित प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल, लोहिया वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रामकरन निर्मल को भेज दिया है. त्याग पत्र में कौशल दिवाकर ने समाजवादी पार्टी पर एवं उच्च नेताओं पर रामविरोधी और दलित विरोधी होने का आरोप लगाया है.

पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्ग में रखते हैं पैठ : योगेंद्र तोमर ने कहा है कि सपा में अल्पसंख्यकों के साथ ही सामान्य और पिछड़े वर्ग की अनदेखी हो रही है. योगेंद्र तोमर पश्चिमी यूपी के प्रमुख रियल एस्टेट कारोबारी भी हैं. अलीगढ़ के साथ ही नोएडा व बदायूं में इनका कारोबार है. अलीगढ़ के लक्ष्मीबाई मार्ग स्थित जापान हाउस के पार्क व्यू रेजीडेंसी में रहने वाले योगेंद्र तोमर बदायूं की गुन्नौर तहसील के मिठनपुर गांव के मूल निवासी हैं.

रियल एस्टेट कारोबार में योगेंद्र की अलग पहचान है. यह पिछले काफी समय से समाजवादी पार्टी से जुड़े हुए हैं. 2014 में बदायूं लोकसभा क्षेत्र से धर्मेंद्र यादव को सांसद बनाने में अहम योगदान था. सामान्य वर्ग के साथ ही पिछड़े और अल्पसंख्यकों में इनकी गहरी पैठ है. पिछले दिनों समाजवादी पार्टी ने इन्हें राष्ट्रीय महासचिव पद पर नामित किया था, मगर बीते दिनों पूर्व केंद्रीय मंत्री सलीम शेरवानी के त्याग पत्र के बाद इनके भी समाजवादी पार्टी छोड़ने की अटकले लगाईं जा रहीं थीं. बुधवार को इन्होंने अचानक से पार्टी से त्याग पत्र देने का एलान कर दिया.

सपा की पीडीए नाम की राजनीति महज दिखावा : योगेंद्र तोमर ने राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को चिट्ठी लिखी है. इसमें कहा है कि पार्टी में मुसलमानों के साथ ही सामान्य और पिछड़े वर्ग की उपेक्षा से परेशान होकर राष्ट्रीय सचिव पद से इस्तीफा दे रहा हूं. पत्र में उन्होंने लिखा है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री सलीम शेरवानी के साथ उन्होंने समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी. कई साल से वह पूरी मेहनत से पार्टी की सेवा कर रहे हैं. अब पार्टी में मेहनती कार्यकर्ताओं को तवज्जों नहीं मिल रहा है. सपा की पीडीए नाम की राजनीति दिखावा लगती है. जिन लोगों का जनता से कोई मतलब नहीं है, उन्हें राज्यसभा भेजा गया है.

लोहिया वाहिनी के महानगर अध्यक्ष ने भी दिया इस्तीफा : लोहिया वाहिनी के महानगर अध्यक्ष कौशल दिवाकर ने कहा कि समाजवादी पार्टी का व्यवहार राम विरोधी है. दलितों के मुद्दों पर अखिलेश यादव अनदेखी और अनादर का भाव रखते हैं. यह बहुत ही आहत करने वाला है. इसकी वजह से महानगर अध्यक्ष लोहिया वाहिनी के पद सहित पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे रहा हूं.

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