जयपुर. उप निरीक्षक (एसआई) भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में एसओजी ने गोपाल सारण को पुणे से गिरफ्तार किया है. उसे कोर्ट में पेश कर पांच दिन के रिमांड पर लिया गया है. गोपाल सारण पेपर लीक गिरोह के सरगना भूपेंद्र सारण का भाई है. एसओजी के एडीजी वीके सिंह ने बताया कि गोपाल सारण को पुणे से पकड़कर रविवार देर रात को जयपुर लाया गया. उसे कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया है. उसकी पेपर लीक में भूमिका को लेकर गहनता से पूछताछ की जा रही है. उसकी पूछताछ में हुए खुलासों के आधार पर इस मामले में कुछ और गिरफ्तारियां हो सकती है.
छह अभ्यर्थियों को पेपर पढ़ाकर बनाया एसआई : प्रारंभिक तौर पर सामने आया है कि गोपाल सारण ने छह अभ्यर्थियों को पेपर पढ़वाया था. उसने भूपेंद्र सारण से लीक पेपर लिया था. लीक पेपर पढ़कर ये छह अभ्यर्थी पास हो गए और एसआई बन गए. ये सभी फिलहाल राजस्थान पुलिस अकादमी में ट्रेनिंग ले रहे हैं. फिलहल सभी छह एसआई अनुपस्थित चल रहे हैं. ऐसे में गोपाल सारण की गिरफ्तारी के बाद अब एसओजी पुलिस अकादमी से छह और एसआई को गिरफ्तार कर सकती है. इसके साथ ही गोपाल सारण से पूछताछ में पेपर लीक से जुड़े कई अहम राज एसओजी के हाथ लगने की संभावना है.
2014 में एसआई बना, 2020 में बर्खास्त हुआ गोपाल : जानकारी के अनुसार, गोपाल सारण जालौर जिले के चितलवाना का रहने वाला है. वह एसआई भर्ती-2011 में पास हुआ और 2014 में राजस्थान पुलिस में एसआई के तौर पर उसे पोस्टिंग मिली. वह 2020 में पाली जिले के बगड़ी थाने में एसएचओ था. उस समय लाइन से क्रूड चोरी का मामला हुआ था. जिसमें गोपाल सारण को बर्खास्त कर दिया गया था.
क्या खुद भी गड़बड़ी कर बना था एसआई? : एसओजी इस पहलू पर भी जांच कर रही है कि क्या गोपाल सारण भी भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी कर एसआई बना था. इस संबंध में एसओजी को कुछ अहम सुराग हाथ लगे हैं. जिनके आधार पर उससे पूछताछ की जा रही है. बता दें कि गोपाल सारण का भाई भूपेंद्र सारण पेपर लीक गिरोह का सरगना है. जिसे एसओजी ने बेंगलुरू हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया था.
कई भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक में शामिल भूपेंद्र : भूपेंद्र की 2011 में हुई जीएनएम भर्ती और 2022 में पुलिस कांस्टेबल भर्ती में भी भूमिका सामने आई थी. शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में उसे गिरफ्तार किया गया था. बाद में एसआई भर्ती परीक्षा के पेपर लीक में भी उसकी भूमिका सामने आई. एसआई भर्ती पेपर लीक मामले में अब तक 76 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं. इनमें 42 ट्रेनी एसआई और 34 पेपर लीक गिरोह से जुड़े बदमाश हैं.