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BHU के शिक्षकों को मिलेंगे 3000 अमेरिकी डॉलर, दुनिया के शीर्ष 500 संस्थानों में कर सकेंगे शोध

UP Education News: विश्वविद्यालय की तरफ से ग्लोबल एक्सपीरियंस प्रोग्राम की शुरुआत की गई है. यह योजना विश्वविद्यालय के शिक्षकों को अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक पद्धतियों से रूबरू होने का अवसर प्रदान करेगी.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 8, 2024, 5:17 PM IST

वाराणसी: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के शिक्षकों को लेकर एक अच्छी कोशिश की गई है. बीएचयू के शिक्षक अब दुनिया के टॉप 500 शैक्षिक संस्थानों में शिक्षण और शोध कार्य कर सकेंगे. इसके लिए विश्वविद्यालय की तरफ से ग्लोबल एक्सपीरियंस प्रोग्राम की शुरुआत की गई है. यह योजना विश्वविद्यालय के शिक्षकों को अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक पद्धतियों से रूबरू होने का अवसर प्रदान करेगी.

इससे शिक्षकों को एक साल तक उत्कृष्ट शिक्षण संस्थानों में शिक्षण और शोध का अवसर मिलेगा ही. इसके लिए चयनित शिक्षकों को 3000 अमेरिकी डॉलर देने की व्यवस्था की जाएगी. काशी हिन्दू विश्वविद्यालय सर्वविद्या की राजधानी है. यहां पर अलग-अलग विषयों में शोध एवं विकास कार्य लगातार होते रहते हैं. अलग-अलग खोज के लिए पेटेंट भी लिए गए हैं.

इसी क्रम में अब यहां पर पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए एक बेहद अच्छी कोशिश की जा रही है. बीएचयू के शिक्षकों को अब दुनिया के अलग-अलग और बेहतर शिक्षण संस्थानों में शोध कार्य करने का मौका मिलेगा. इसके साथ ही उन्हें शिक्षण कार्य करने का भी मौका दिया जाएगा. इसके लिए विश्वविद्यालय की तरफ से चलाए जा रहे ग्लोबल एक्सपीरियंस प्रोग्राम का काफी अहम योगदान रहेगा.

कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने बताया कि इस नई पहल के तहत टाइम्स हायर एजुकेशन या क्यू-एस रैंकिंग के आधार पर शीर्ष 500 संस्थानों में शिक्षकों को एक वर्ष के लिए कार्य करने का मौका मिलेगा. अपने शैक्षणिक करियर में सीमित अन्तराष्ट्रीय अनुभव वाले युवा शिक्षक इस योजना का लाभ ले सकेंगे. यह योजना विश्वविद्यालय के सदस्यों के लिए उन्नति व उत्कृष्टता के नए अवसर दिलाएगी. इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस बीएचयू के समन्वयक प्रो. संजय कुमार ने बताया कि यह योजना विश्वविद्यालय के शिक्षकों के अन्तरराष्ट्रीय शैक्षणिक पद्धतियों से रूबरू होने का अवसर प्रदान करेगी.

फेलोशिप के रूप में 3000 अमेरिकी डॉलर: समन्वयक प्रो. संजय कुमार ने बताया कि इस प्रोग्राम के माध्यम से शिक्षकों को एक साल तक उत्कृष्ट संस्थानों में शिक्षण और शोध का अवसर मिलेगा. साथ ही वैश्विक संस्थाओं के साथ बीएचयू की साझीदारी को भी गति मिलेगी. चयनित शिक्षकों को इसके लिए फेलोशिप के रूप में 3000 अमेरिकी डॉलर हर महीने और यात्रा व्यय की राशि भी दी जाएगी. नई शिक्षा नीति 2020 में उच्च शिक्षा को अन्तरराष्ट्रीय स्तर का बनाने पर जोर दिया गया है. इस दिशा में पहले भी बीएचयू ने कई अन्तरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के साथ शैक्षिक व शोध गतिविधि के समझौते किए हैं.

ये भी पढ़ेंः ज्ञानवापी परिसर में गूंजा नारा ए तकबीर अल्लाह हू अकबर, जुटे डेढ़ हजार से ज्यादा लोग

वाराणसी: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के शिक्षकों को लेकर एक अच्छी कोशिश की गई है. बीएचयू के शिक्षक अब दुनिया के टॉप 500 शैक्षिक संस्थानों में शिक्षण और शोध कार्य कर सकेंगे. इसके लिए विश्वविद्यालय की तरफ से ग्लोबल एक्सपीरियंस प्रोग्राम की शुरुआत की गई है. यह योजना विश्वविद्यालय के शिक्षकों को अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक पद्धतियों से रूबरू होने का अवसर प्रदान करेगी.

इससे शिक्षकों को एक साल तक उत्कृष्ट शिक्षण संस्थानों में शिक्षण और शोध का अवसर मिलेगा ही. इसके लिए चयनित शिक्षकों को 3000 अमेरिकी डॉलर देने की व्यवस्था की जाएगी. काशी हिन्दू विश्वविद्यालय सर्वविद्या की राजधानी है. यहां पर अलग-अलग विषयों में शोध एवं विकास कार्य लगातार होते रहते हैं. अलग-अलग खोज के लिए पेटेंट भी लिए गए हैं.

इसी क्रम में अब यहां पर पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए एक बेहद अच्छी कोशिश की जा रही है. बीएचयू के शिक्षकों को अब दुनिया के अलग-अलग और बेहतर शिक्षण संस्थानों में शोध कार्य करने का मौका मिलेगा. इसके साथ ही उन्हें शिक्षण कार्य करने का भी मौका दिया जाएगा. इसके लिए विश्वविद्यालय की तरफ से चलाए जा रहे ग्लोबल एक्सपीरियंस प्रोग्राम का काफी अहम योगदान रहेगा.

कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने बताया कि इस नई पहल के तहत टाइम्स हायर एजुकेशन या क्यू-एस रैंकिंग के आधार पर शीर्ष 500 संस्थानों में शिक्षकों को एक वर्ष के लिए कार्य करने का मौका मिलेगा. अपने शैक्षणिक करियर में सीमित अन्तराष्ट्रीय अनुभव वाले युवा शिक्षक इस योजना का लाभ ले सकेंगे. यह योजना विश्वविद्यालय के सदस्यों के लिए उन्नति व उत्कृष्टता के नए अवसर दिलाएगी. इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस बीएचयू के समन्वयक प्रो. संजय कुमार ने बताया कि यह योजना विश्वविद्यालय के शिक्षकों के अन्तरराष्ट्रीय शैक्षणिक पद्धतियों से रूबरू होने का अवसर प्रदान करेगी.

फेलोशिप के रूप में 3000 अमेरिकी डॉलर: समन्वयक प्रो. संजय कुमार ने बताया कि इस प्रोग्राम के माध्यम से शिक्षकों को एक साल तक उत्कृष्ट संस्थानों में शिक्षण और शोध का अवसर मिलेगा. साथ ही वैश्विक संस्थाओं के साथ बीएचयू की साझीदारी को भी गति मिलेगी. चयनित शिक्षकों को इसके लिए फेलोशिप के रूप में 3000 अमेरिकी डॉलर हर महीने और यात्रा व्यय की राशि भी दी जाएगी. नई शिक्षा नीति 2020 में उच्च शिक्षा को अन्तरराष्ट्रीय स्तर का बनाने पर जोर दिया गया है. इस दिशा में पहले भी बीएचयू ने कई अन्तरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के साथ शैक्षिक व शोध गतिविधि के समझौते किए हैं.

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