भोपाल. मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में इन दिनों बिना ड्राइवर वाली कार ने तहलका मचाया हुआ है. शहर में कई दिनों से दौड़ रही बिना ड्राइवर वाली इस बोलेरो के देखकर हर कोई बस यही कहता है कि ये कार है या चमत्कार? दरअसल, भोपाल में एक स्टार्टएअप ने इस अनोखी कार को तैयार किया है. भोपाल के रहने वाले संजीव शर्मा और उनकी 15 सदस्यीय टीम ने अपने स्टार्टअप के जरिए एक अनोखा सिस्टम बनाकर इस कार में जोड़ दिया है और इसकी भोपाल की सड़कों पर टेस्टिंग जारी है. इसे बनाने वाली टीम ने इसका पूरा वीडियो भी शेयर किया है.
ड्राइविंग से जुड़े सारे निर्णय खुद लेता है कंप्यूटर
दरअसल, राजधानी भोपाल के यंग स्टार्टअप स्वायत्त रोबोट्स ने एआई बेस्ड कार ड्राइविंग इंटेलिजेंट्स सिस्टम तैयार किया है. इस सिस्टम को कार में लगाते ही कार बिना ड्राइवर के चलने में सक्षम हो जाती है. स्वायत्त रोबोट्स के फाउंडर संजीव शर्मा ने बताया कि इसे लगाते ही कार सेल्फ सेनसिंग सिस्टम से चलेगी यानी ड्राइविंग सीट पर बैठे व्यक्ति को अब न तो स्टीयरिंग को कंट्रोल करना होगा और ना ही गियर शिफ्ट, सब कुछ ऑटोमेटिक होगा. यानी सिर्फ गाड़ी स्टार्ट कीजिए और गाड़ी चलने के लिए तैयार.
कार पर लगे कैमरे और सेंसर्स की अहम भूमिका
संजीव बताते हैं कि उनका काम गाड़ी बनाने का नहीं है, पर उन्होंने एक ऐसा सिस्टम बनाया है जो सेल्फ आटोनॉमस्ली कार को ड्राइव करेगा, इसके लिए इस सिस्टम में एल्गोरिदम डाला गया है जो एआई से जुड़ा हुआ है. इसमें गाड़ी पर लगे सेंसर्स और कैमरों की मदद से गाड़ी सेल्फ सेन्स करती है और स्पीड से लेकर ब्रेक लगाने तक के निर्णय खुद लेती है. इसके अलावा कार को एक खास कम्प्यूटर से जोड़ा गया है़ जो तय करता है किकब रुकना है और कब चलना है.
Read more - DSP साहब गाड़ी रुकवा उसैन बोल्ट की रफ्तार में भागे, रुके तो बोले "ऐसे बनते हैं थानेदार" राजा भोज को आया था इस प्राचीन शिवलिंग का सपना, एक हजार साल पहले एक ही रात में बना था ये मंदिर |
प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए मिली विदेशी फंडिंग
संजीव बताते हैं कि उन्होंने 2009 में आईआईटी रुड़की में पढाई के दौरान ही ये सपना देखा था कि वे एक ऐसा सिस्टम तैयार करेंगे जिससे कार या कोई अन्य फोर व्हीलर अपने आप चल सके. संजीव ने उसी को ध्यान में रखकर इस एआई बेस्ड प्रोग्राम को तैयार किया है. उन्होंने अबतक देश में 36 अलग-अलग स्थानों पर इसके डेमो दिए हैं. उनके इस स्टार्टअप को फिलहाल विदेशी फंडिंग मिली है, जिसके जरिए वो अपने इस प्रोजेक्ट को पूरा कर रहे हैं.