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मध्य प्रदेश में कृष्ण की शिक्षा का मोहन प्लान, ऐसे घर-घर पहुंचाया जाएगा गीता का ज्ञान - SHRIRAM TIWARI INTERVIEW ON GITA

मोहन यादव मध्य प्रदेश में गीता पाठ कराने जा रही है. जिसे लेकर ईटीवी भारत मध्य प्रदेश की ब्यूरो चीफ शिफाली पांडे ने विक्रमादित्य शोधपीठ संस्थान के निदेशक श्रीराम तिवारी से बात की.

SHRIRAM TIWARI INTERVIEW ON GITA
मध्य प्रदेश में कृष्ण की शिक्षा का मोहन प्लान (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 6, 2024, 7:44 PM IST

Updated : Dec 6, 2024, 10:12 PM IST

भोपाल: भारत के धार्मिक पर्यटन के नक्शे पर अब मध्य प्रदेश की पहचान भगवान कृष्ण की धरती के तौर पर होने जा रही है. श्रीकृष्ण के जीवनकाल का महत्वपूर्ण स्थल अमझेरा से लेकर सांदीपनी आश्रम तक भारत का ह्रदय प्रदेश एक नए रिलीजियस सर्किट के लिए तैयार हो रहा है. तैयारी गीता के ज्ञान को जन-जन तक पहुंचाने की भी है. एमपी में होने जा रहा अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव जिला स्तर पर होने वाले गीता-पाठ के साथ पूर्ण नहीं होगा. तैयारी अब गीता के सार को जन जन तक पहुंचाने की है.

जैसा इस अंतर्राष्ट्रीय आयोजन को धरातल पर लाने वाले विक्रमादित्य शोधपीठ संस्थान के निदेशक श्रीराम तिवारी कहते हैं, "इसे इवेंट की तरह ना देखा जाए. ये शुरुआत है, दुनिया के सामने मध्य प्रदेश गीता जयंती के साथ श्रीकृष्ण से अपने रिश्ते जाहिर कर रहा है, लेकिन गीता का जो सार है. जिसकी असल में इस समय में दुनिया को जरुरत है, जोकि जीवन दर्शन है. अब जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास निरंतर रहेगा.

विक्रमादित्य शोधपीठ के निदेशक से ईटीवी भारत ने की बात (ETV Bharat)

अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव मध्य प्रदेश में ही क्यों

विक्रमादित्य शोधपीठ संस्थान के निदेशक श्रीराम तिवारी कहते हैं, "मथुरा से चलकर श्री कृष्ण मध्य प्रदेश में उज्जैन आते हैं. गुरु सांदीपनी की कृपा से उनसे मिली शिक्षा दीक्षा से जगतगुरु बनते हैं. पूरे विश्व को गीता के माध्यम से अपने ज्ञान से आलोकित करते हैं. ये मध्य प्रदेश का सौभाग्य है. मध्य प्रदेश में एक से अधिक बार श्री कृष्ण आए हैं. अमझरा से लेकर चंदेरी से भी भगवान कृष्ण का संबंध है. खातेगांव के पास वो जगह है, जहां श्रीकृष्ण का जामवंत से संघर्ष हुआ था. श्रीराम तिवारी कहते हैं ये रेखांकित किया जाना चाहिए. सीएम डॉ मोहन यादव की मंशा अनुरुप ये रेखांकित हो रहा है. गीता के सार को समझने का इससे सामयिक समय क्या होगा. जब दुनिया का बड़ा हिस्सा युद्ध में है. गीता का सार दुनिया के हर हिस्से तक पहुंचा है और पहुंचाया जाना चाहिए."

गीता का सार नई पीढ़ी भी आत्मसात करे

पीठ के निदेशक श्री राम तिवारी ईटीवी भारत से बातचीत में कहते हैं, 11 दिस्मबर को जो अंतर्राष्ट्रीय गीता दिवस का आयोजन है ये पहला कदम है. गीता के माध्यम से श्री कृष्ण की शिक्षा को मध्यप्रदेश के स्कूली से लेकर महविद्यालयीन छात्र इसे आत्मसात करें ये प्रयास अब निरंतर होते रहेंगे. यूं देखिए तो छोटा सा ग्रंथ है सात सौ श्लोक का ग्रंथ. लेकिन इसी ग्रंथ में दुनिया के सारे संदेश समाहित हैं. और ये संदेश ही आने वाले समय में जन जन तक पहुंचेगा.

प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में गीता का सस्वर पाठ

श्रीराम तिवारी बताते हैं गीता के प्रचार-प्रसार के लिए प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर गीता का सस्वर पाठ होगा. आगे अब बच्चे गीता से जुड़े रहे, इसके लिए अलग-अलग गतिविधियां करवाएंगे. गीता भवन जो है, वो लिखने-पढ़ने की जगह हो, लाइब्रेरी हो वहां पर. जहां नई पीढ़ी का भारतीय ज्ञान परंपरा से परिचय हो सके. ये भी प्रयास है हमारा. श्रीमद भागवत पुराण को लेकर जो हमारी प्रदर्शनी है, जिसका उल्लेख पीएम मोदी ने मन की बात में किया था, 270 चित्रों वाली प्रदर्शनी प्रदेश के हर जिले तक स्थाई रुप से लगाई जाएगी. हमारा विरासत से विकास का जो संकल्प है, उस पर आगे बढ़ रहे हैं."

गीता जयंती पर बनेगा विश्व रिकार्ड

गीता जयंती पर सबसे बड़ा आयोजन भोपाल में होगा. मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में 5 हजार 108 आचार्य एक साथ गीता का सस्वर पाठ करेंगे. जो विश्व रिकार्ड बनाने के लिए होगा. सुदर्शन चक्र की संगीतमय यात्रा के रुप में नृत्य नाटिका प्रस्तुत की जाएगी. इंदौर में गायिका स्वस्ति मेहुल और उनका दल श्रीकृष्ण पर आधारित गीतों की प्रस्तुति देगा.

भोपाल: भारत के धार्मिक पर्यटन के नक्शे पर अब मध्य प्रदेश की पहचान भगवान कृष्ण की धरती के तौर पर होने जा रही है. श्रीकृष्ण के जीवनकाल का महत्वपूर्ण स्थल अमझेरा से लेकर सांदीपनी आश्रम तक भारत का ह्रदय प्रदेश एक नए रिलीजियस सर्किट के लिए तैयार हो रहा है. तैयारी गीता के ज्ञान को जन-जन तक पहुंचाने की भी है. एमपी में होने जा रहा अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव जिला स्तर पर होने वाले गीता-पाठ के साथ पूर्ण नहीं होगा. तैयारी अब गीता के सार को जन जन तक पहुंचाने की है.

जैसा इस अंतर्राष्ट्रीय आयोजन को धरातल पर लाने वाले विक्रमादित्य शोधपीठ संस्थान के निदेशक श्रीराम तिवारी कहते हैं, "इसे इवेंट की तरह ना देखा जाए. ये शुरुआत है, दुनिया के सामने मध्य प्रदेश गीता जयंती के साथ श्रीकृष्ण से अपने रिश्ते जाहिर कर रहा है, लेकिन गीता का जो सार है. जिसकी असल में इस समय में दुनिया को जरुरत है, जोकि जीवन दर्शन है. अब जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास निरंतर रहेगा.

विक्रमादित्य शोधपीठ के निदेशक से ईटीवी भारत ने की बात (ETV Bharat)

अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव मध्य प्रदेश में ही क्यों

विक्रमादित्य शोधपीठ संस्थान के निदेशक श्रीराम तिवारी कहते हैं, "मथुरा से चलकर श्री कृष्ण मध्य प्रदेश में उज्जैन आते हैं. गुरु सांदीपनी की कृपा से उनसे मिली शिक्षा दीक्षा से जगतगुरु बनते हैं. पूरे विश्व को गीता के माध्यम से अपने ज्ञान से आलोकित करते हैं. ये मध्य प्रदेश का सौभाग्य है. मध्य प्रदेश में एक से अधिक बार श्री कृष्ण आए हैं. अमझरा से लेकर चंदेरी से भी भगवान कृष्ण का संबंध है. खातेगांव के पास वो जगह है, जहां श्रीकृष्ण का जामवंत से संघर्ष हुआ था. श्रीराम तिवारी कहते हैं ये रेखांकित किया जाना चाहिए. सीएम डॉ मोहन यादव की मंशा अनुरुप ये रेखांकित हो रहा है. गीता के सार को समझने का इससे सामयिक समय क्या होगा. जब दुनिया का बड़ा हिस्सा युद्ध में है. गीता का सार दुनिया के हर हिस्से तक पहुंचा है और पहुंचाया जाना चाहिए."

गीता का सार नई पीढ़ी भी आत्मसात करे

पीठ के निदेशक श्री राम तिवारी ईटीवी भारत से बातचीत में कहते हैं, 11 दिस्मबर को जो अंतर्राष्ट्रीय गीता दिवस का आयोजन है ये पहला कदम है. गीता के माध्यम से श्री कृष्ण की शिक्षा को मध्यप्रदेश के स्कूली से लेकर महविद्यालयीन छात्र इसे आत्मसात करें ये प्रयास अब निरंतर होते रहेंगे. यूं देखिए तो छोटा सा ग्रंथ है सात सौ श्लोक का ग्रंथ. लेकिन इसी ग्रंथ में दुनिया के सारे संदेश समाहित हैं. और ये संदेश ही आने वाले समय में जन जन तक पहुंचेगा.

प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में गीता का सस्वर पाठ

श्रीराम तिवारी बताते हैं गीता के प्रचार-प्रसार के लिए प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर गीता का सस्वर पाठ होगा. आगे अब बच्चे गीता से जुड़े रहे, इसके लिए अलग-अलग गतिविधियां करवाएंगे. गीता भवन जो है, वो लिखने-पढ़ने की जगह हो, लाइब्रेरी हो वहां पर. जहां नई पीढ़ी का भारतीय ज्ञान परंपरा से परिचय हो सके. ये भी प्रयास है हमारा. श्रीमद भागवत पुराण को लेकर जो हमारी प्रदर्शनी है, जिसका उल्लेख पीएम मोदी ने मन की बात में किया था, 270 चित्रों वाली प्रदर्शनी प्रदेश के हर जिले तक स्थाई रुप से लगाई जाएगी. हमारा विरासत से विकास का जो संकल्प है, उस पर आगे बढ़ रहे हैं."

गीता जयंती पर बनेगा विश्व रिकार्ड

गीता जयंती पर सबसे बड़ा आयोजन भोपाल में होगा. मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में 5 हजार 108 आचार्य एक साथ गीता का सस्वर पाठ करेंगे. जो विश्व रिकार्ड बनाने के लिए होगा. सुदर्शन चक्र की संगीतमय यात्रा के रुप में नृत्य नाटिका प्रस्तुत की जाएगी. इंदौर में गायिका स्वस्ति मेहुल और उनका दल श्रीकृष्ण पर आधारित गीतों की प्रस्तुति देगा.

Last Updated : Dec 6, 2024, 10:12 PM IST
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