Singrauli Bhopal Expressway: मध्य प्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के प्रोजेक्ट इस तरह तैयार किए जा रहे हैं. जो सिर्फ आवागमन या मालवाहन के काम के ना होकर मध्य प्रदेश के विकास में अहम भूमिका निभाएं. खासकर नेशनल हाइवे और एक्सप्रेस-वे इसी तरह तैयार किए जा रहे हैं. जो प्रदेश की इंड्स्ट्रियल ग्रोथ में भी अहम भूमिका निभाए. इसी कड़ी में एमपी रोड डेवलपमेंट कार्पोरेशन और एनएचएआई प्रोजेक्ट की रूपरेखा को अंतिम दौर में देने में लगी है. जो मध्य प्रदेश की इंडस्ट्रियल ग्रोथ का इंजन बनेगा और प्रदेश को तरक्की के पथ पर सरपट दौड़ाएगा.
दरअसल, इस प्रोजेक्ट के जरिए एमपी की राजधानी भोपाल से प्रदेश की उर्जा राजधानी कही जाने वाली सिंगरौली को एक्सप्रेस-वे के जरिए जोड़ा जा रहा है. जो भोपाल तरफ से अलग-अलग इलाकों के इंडस्ट्रियल एरिया से जुडे़गा. खास बात ये है कि ये एक्सप्रेस वे मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड और बघेलखंड अंचल की समृद्धि में अहम भूमिका भी निभाएगा.
भोपाल से जुडे़गी सिंगरौली
ये प्रोजेक्ट शिवराज सरकार के समय से विचाराधीन है, लेकिन अब इस प्रोजेक्ट को अंतिम रूप दिया जा रहा है. प्रोजेक्ट के तहत भोपाल को सागर, दमोह, कटनी, सतना, रीवा और सीधी होते हुए सिंगरौली से जोड़ा जाएगा. इसकी प्रस्तावित लंबाई 676 किमी है. खास बात ये है कि हाइस्पीड एक्सप्रेस वे को इस तरह तैयार किया जा रहा है कि हाइवे के दोनों तरफ हर इलाके में इंडस्ट्रियल क्लस्टर विकसित किए जा सकें. फिलहाल इसे 6 लेन एक्सप्रेस वे के तौर पर प्रस्तावित किया गया है, लेकिन भविष्य में इसे 8 लेन किए जाने का भी प्रस्ताव है. भोपाल से लेकर सिंगरौली तक जुड़ने वाले सभी जिलों में एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ जिले की जरूरत और मांग के हिसाब से इंडस्ट्रियल क्लस्टर भी विकसित किया जाएगा. इस प्रोजेक्ट से इंडस्ट्रियल ग्रोथ के साथ रोजगार, व्यावसाय के अवसर बढ़ेंगे.
भोपाल तरफ से जोडे जाएंगे 5 इंडस्ट्रियल एरिया
इस एक्सप्रेस-वे की खासियत होगी कि भोपाल तरफ से ये प्रदेश के प्रमुख इंडस्ट्रियल एरिया से जोड़ा जाएगा. जिसमें भोपाल-इंदौर, भोपाल-मंडीदीप, भोपाल-नरसिंहगढ़ और भोपाल रायसेन से जोड़ा जाएगा. एक तरह से ये सभी इंडस्ट्रियल एरिया भोपाल के जरिए सीधे सिंगरौली से जुड जाएंगे. इसके अलावा राजधानी भोपाल के मुख्य मार्ग से जोड़ने के लिए भी बड़ी कवायद की जा रही है. राजधानी भोपाल में गोविंदपुरा इंडस्ट्रियल एरिया को एयरपोर्ट और मुख्य मार्ग से कनेक्ट करने के लिए भोपाल बायपास को रत्नागिरी तिराहे से एयरपोर्ट के नजदीक आशाराम तिराहे से 8 लेन के जरिए जोड़ा जाएगा.
6 लेन एक्सप्रेस वे होगा हाईस्पीड
एनएचएआई और एमपीआरडीसी ने मिलकर जो प्रोजेक्ट तैयार किया है. इसके तहत 6 लेन हाईस्पीड एक्सप्रेस वे बनाया जा रहा है. इसकी कुल लंबाई 676 किमी प्रस्तावित है और इस पर वाहन 120 किमी की स्पीड से दौड सकेंगे. भोपाल से विंध्य इलाके का सफर कम समय में पूरा हो सकेगा. दोनों तरफ इंडस्ट्रियल क्लस्टर बनाए जाएंगे. जिनमें जरूरत के अनुसार उद्योग के लिए जमीन आवंटित किए जाएंगे. चर्चा है कि प्रोजेक्ट के हिसाब से साल के आखिर तक जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी और 2025 में निर्माण कार्य शुरू हो सकता है.
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विकास की रफ्तार को लगेंगे पंख
मध्य प्रदेश की इंडस्ट्रियल ग्रोथ और बुंंदेलखड और बघेलखंड के विकास की दिशा में प्रोजेक्ट को क्रांतिकारी माना जा रहा है. जानकार मानते हैं कि इस प्रोजेक्ट के मूर्त रूप लेने के बाद मध्य प्रदेश की इंडस्ट्रियल ग्रोथ को एक नई दिशा मिलेगी. राजधानी भोपाल से काफी दूर बघेलखंड तेज रफ्तार एक्सप्रेस वे के जरिए बुंदेलखंड और राजधानी भोपाल से जुड़ जाएगा. रोड के दोनों तरफ हर जिले में इंडस्ट्रियल क्लस्टर संबंधित जिले की जरूरत और वहां की मांग के अनुसार बनाए जाएंगे. एक्सप्रेस वे के दोनों तरफ लोग स्वरोजगार तो कर ही सकेंगे, लेकिन इंडस्ट्रियल क्लस्टर के चलते नौकरी के अवसर भी मिलेंगे. इसके अलावा जो उद्योग यहां पर खुलेंगे उन उद्योगों से इन इलाकों की प्रगति में चार चांद लगेंगे.