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क्राइम ब्रांच का फर्जी अधिकारी बनकर टेलीकॉम इंजीनियर को किया डिजिटल अरेस्ट - TELECOME ENGINEER DIGITAL ARREST

भोपाल के एक इंजीनियर को साइबर ठगों ने 6 घंटों तक बंदी बनाकर रखा. क्राइम ब्रांच ने किया रेस्क्यू.

Telecome Engineer Digital Arrested
साइबर ठगों ने टेलीकॉम इंजीनियर को किया डिजिटल अरेस्ट (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 14, 2024, 10:14 AM IST

भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक टेलीकॉम इंजीनियर को साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट कर लिया. आरोपियों ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर लगभग 6 घंटे तक इंजीनियर को डिजिटल कैद में रखा. इंजीनियर काफी घबरा गए थे क्योंकि आरोपियों ने उन्हें गिरफ्तार करने की धमकी दी थी. 6 घंटों तक डिजिटल अरेस्ट के बाद इंजीनियर ने भोपाल क्राइम ब्रांच से संपर्क किया. रात में क्राइम ब्रांच के अधिकारी इंजीनियर के घर पहुंचे और उन्हें डिजिटल अरेस्ट से मुक्त कराया.

ठग ने खुद को बताया मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी

भोपाल क्राइम ब्रांच के उपायुक्त शैलेंद्र सिंह चौहान ने बताया, " भोपाल के छोला मंदिर इलाके में टेलीकॉम कंपनी के इंजीनियर प्रमोद कुमार रहते हैं. उन्हें बुधवार को शाम 6 बजे के करीब एक फोन आया था. फोन करने वाला साइबर आराधी खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बता रहा था. उसने प्रमोद कुमार को कहा कि आपके आधार कार्ड से एक सिम कार्ड ली गई है, उस सिम कार्ड से कुछ अवैधानिक कार्य किए गए हैं, जिसकी वजह से जल्द ही आपको गिरफ्तार किया जाएगा."

क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने किया डिजिटल अरेस्ट से कराया मुक्त (ETV Bharat)

अधिकारियों ने घर जाकर कराया मुक्त

शैलेंद्र सिंह चौहान ने आगे कहा कि साइबर अपराधियों ने इंजीनियर पर दबाव बनाकर उन्हें डिजिटल अरेस्ट कर लिया. इसके बाद उन्हें 3.30 लाख रुपए देने को कहा, इसके बाद इंजीनियर ने मौका पाकर लगभग रात के 11 बजे भोपाल क्राइम ब्रांच से संपर्क किया. एडिशनल डीसीपी क्राइम ब्रांच, शैलेंद्र सिंह चौहान अपनी टीम के साथ इंजीनियर के घर पर पहुंचे और उन्हें डिजिटल अरेस्ट से मुक्त कराया. पूरे मामले में अभी तक तीन आरोपियों की पहचान कर ली गई है.

भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक टेलीकॉम इंजीनियर को साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट कर लिया. आरोपियों ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर लगभग 6 घंटे तक इंजीनियर को डिजिटल कैद में रखा. इंजीनियर काफी घबरा गए थे क्योंकि आरोपियों ने उन्हें गिरफ्तार करने की धमकी दी थी. 6 घंटों तक डिजिटल अरेस्ट के बाद इंजीनियर ने भोपाल क्राइम ब्रांच से संपर्क किया. रात में क्राइम ब्रांच के अधिकारी इंजीनियर के घर पहुंचे और उन्हें डिजिटल अरेस्ट से मुक्त कराया.

ठग ने खुद को बताया मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी

भोपाल क्राइम ब्रांच के उपायुक्त शैलेंद्र सिंह चौहान ने बताया, " भोपाल के छोला मंदिर इलाके में टेलीकॉम कंपनी के इंजीनियर प्रमोद कुमार रहते हैं. उन्हें बुधवार को शाम 6 बजे के करीब एक फोन आया था. फोन करने वाला साइबर आराधी खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बता रहा था. उसने प्रमोद कुमार को कहा कि आपके आधार कार्ड से एक सिम कार्ड ली गई है, उस सिम कार्ड से कुछ अवैधानिक कार्य किए गए हैं, जिसकी वजह से जल्द ही आपको गिरफ्तार किया जाएगा."

क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने किया डिजिटल अरेस्ट से कराया मुक्त (ETV Bharat)

अधिकारियों ने घर जाकर कराया मुक्त

शैलेंद्र सिंह चौहान ने आगे कहा कि साइबर अपराधियों ने इंजीनियर पर दबाव बनाकर उन्हें डिजिटल अरेस्ट कर लिया. इसके बाद उन्हें 3.30 लाख रुपए देने को कहा, इसके बाद इंजीनियर ने मौका पाकर लगभग रात के 11 बजे भोपाल क्राइम ब्रांच से संपर्क किया. एडिशनल डीसीपी क्राइम ब्रांच, शैलेंद्र सिंह चौहान अपनी टीम के साथ इंजीनियर के घर पर पहुंचे और उन्हें डिजिटल अरेस्ट से मुक्त कराया. पूरे मामले में अभी तक तीन आरोपियों की पहचान कर ली गई है.

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