भोपाल। राजधानी की 80 साल की बुजुर्ग महिला को अपने ही मुंहबोले बेटे पर भरोसा करना भारी पड़ गया. जिसके कारण अब उसे दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही हैं. दरअसल मुंहबोले बेटे ने महिला को भरोसे में लेकर उसके मकान का सौदा 24 लाख में तय कर बेच दिया और इसकी रकम भी उसे नहीं दी. जिससे महिला को वृद्धाश्रम में अपना समय बिताना पड़ रहा है.
ऐसे हुई थी पहचान
भोपाल में ठगी का शिकार हुई इस बुजुर्ग महिला का नाम विमला गुप्ता है. उन्होंने बताया कि "12 साल पहले घुटनों के दर्द के इलाज के लिए एक वैद्य मेरे घर आते थे. उन्हीं वैद्य के साथ शुभकरण पांडे का मेरे घर में आना हुआ. इसी दौरान मेरी इससे पहचान हुई थी इसके बाद यह हमारे घर आने जाने लगा और हमारी मदद करने लगा. मदद करते-करते मुझे इस पर विश्वास हो गया और मैं अपने घर के कामकाज भी इसी के साथ करने लगी."
ठगी के बाद बेटियों ने भी छोड़ा साथ
मां के साथ हुई इस ठगी के बाद नाराज दोनों बेटियों ने भी उनसे दूरी बना ली है. इस कारण वे बावड़िया स्थित वृद्धाश्रम में अपने जीवन के अंतिम दिन काट रही हैं. विमला गुप्ता ने बताया कि "शुभकरण ने उनका मकान बेच दिया और उन्हें एक रुपया भी नहीं दिया. जिसके बाद उन्होंने न्याय के लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है. वर्तमान में उनका मामला भोपाल जिला न्यायालय में विचाराधीन है."
इस तरह दिया ठगी को अंजाम
पीड़ित विमला गुप्ता ने बताया कि "करोंद स्थित विश्वकर्मा नगर, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में मेरा जो मकान था. वहां मैं सुरक्षित महसूस नहीं करती थी. हमने तय किया कि हम इस मकान को बेचकर नए भोपाल में कहीं शिफ्ट होंगे. मैंने यह बात शुभकरण को बताई तो उसने निखिल बंगलो में फ्लैट खरीदने की बात कही. हमने साथ जाकर फ्लैट देखा, इसी दौरान विश्वकर्मा नगर वाला मकान किसी व्यक्ति को 24 लाख में बेच दिया. इस दौरान उसने निखिल होम्स वाले फ्लैट की रजिस्ट्री कराने की बात कही. यहां तक तो सब ठीक था, लेकिन कब उसने मकान की रजिस्ट्री अपने नाम करवा ली. इस दौरान मुझसे गवाह के तौर पर हस्ताक्षर भी कराए गए, लेकिन यह जानकारी मुझे नहीं लग सकी."
ठगी का हुआ खुलासा
पीड़ित विमला गुप्ता ने बताया कि बाद में मैं शुभकरण से रजिस्ट्री मांगती रही, लेकिन दो सालों तक न इसने मकान की चाबी दी और न ही रजिस्ट्री दी. बाद में हमारे परिचित राजा तोमर ने जब मकान की रजिस्ट्री की डुप्लीकेट कॉपी निकलवाई तो पता चला कि रजिस्ट्री कभी हमारे नाम थी ही नहीं.
"वर्तमान में यह मामला जिला एवं सत्र न्यायालय में विचाराधीन है. अभी किसी के पक्ष में फैसला नहीं आया है लेकिन न्यायालय जो भी फैसला करेगा उसके बाद ही हम अगला कदम उठाएंगे." -रूपेश मालवीय, पीड़िता के वकील
"मामला कोर्ट में चल रहा है. उन्हीं से पूछिए कि क्या मामला चल रहा है. उन्हीं ने थाने में मेरे खिलाफ प्रकरण दर्ज कराया था. निचले न्यायालय से मैं जीत चुका हूं और अब मामले में ऊपर अपील की गई है." - शुभकरण पांडेय