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भोपाल नगर निगम के अधिकारियों का कारनामा, नियमों को ताक पर रख कर जारी की बिल्डिंग परमिशन - Permission Illegal Construction

भोपाल नगर निगम के अधिकारी अवैध निर्माण को भी वैध कर रहे हैं. नियमों को ताक पर रखकर बिल्डिंग परमिशन जारी कर रहे हैं. शिकायत के बावजूद अवैध निर्माण को नहीं गिराया और अवैध हिस्से की कंपाउंडिंग करा दी.

BHOPAL CHITRAGUPT NAGAR CASE
नियमों को ताक पर रख कर जारी की बिल्डिंग परमिशन (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 5, 2024, 5:14 PM IST

भोपाल। एमपी में एक ओर जहां सरकार अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाने की तैयारी कर रही है वहीं नगर निगम भोपाल के अधिकारी कागजों में कारीगरी कर अवैध निर्माण को भी वैध कर रहे हैं. नियमों को ताक पर रखकर बिल्डिंग परमिशन जारी कर दी जाती है और इनके खिलाफ शिकायतों का भी असर नहीं होता है.

भोपाल नगर निगम के अधिकारियों ने दी अवैध निर्माण की परमिशन (ETV Bharat)

एमओएस कवर होने के बाद भी जारी की बिल्डिंग परमिशन

मामला भोपाल के चित्रगुप्त नगर का है जहां प्लाट नंबर 113 में तय एफएआर से अधिक निर्माण कर लिया गया है. यहां भवन बनाने का काम साल 2004 से शुरू किया गया था लेकिन इसकी बिल्डिंग परमिशन नहीं ली गई थी. आम आदमी पार्टी के नेता प्रदीप खंडेलवाल ने जब इसकी शिकायत नगर निगम की भवन अनुज्ञा शाखा में की, तो अधिकारियों ने स्थल निरीक्षण किया. साथ ही तय भवन अनुज्ञा से अधिक निर्माण पाए जाने पर अवैध हिस्से को गिराने की बात कही. वहीं प्लाट धारक को अतिरिक्त निर्माण करने पर सूचना पत्र भी जारी किया गया. जिसके बाद भूमि स्वामी ने आनन फानन में निजी आर्किटेक्ट से 27 मार्च 2024 को बिल्डिंग परमिशन जारी करवा दी. जबकि इस भवन में रियर एमओएस, साइड एमओएस और फ्रंट एमओएस पहले ही कवर कर लिया गया था. ऐसे में बिना अवैध निर्माण को तोड़े बिल्डिंग परमिशन जारी नहीं हो सकती थी.

Permission Illegal Construction
शिकायत के बावजूद नगर निगम ने नहीं गिराया अवैध निर्माण (ETV Bharat)

बिना नियम अवैध हिस्से की करा दी कंपाउंडिंग

सरकार के नियमानुसार यदि किसी ने एमओएस कवर नहीं किया और 30 प्रतिशत तक अतिरिक्त निर्माण किया है तो वह भवन की कंपाउंडिंग करा सकता है. लेकिन जब भवन निर्माण के लिए बिल्डिंग परमिशन 2021 से पहले जारी की गई हो लेकिन इस मामले में भूमि स्वामी ने मार्च 2024 में भवन निर्माण के लिए परमिशन ली, वहीं तीन महीने बाद ही अतिरिक्त निर्माण की कंपाउंडिंग भी करा ली. जबकि 2021 के बाद जारी बिल्डिंग परमिशन वाले भवनों के अतिरिक्त निर्माण की कंपाउंडिंग करने का नियम नहीं है.

सीपी के स्थल निरीक्षण के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई

इस मामले में प्रदीप खंडेलवाल ने फरवरी 2024 में शिकायत की थी. उसमें बताया था कि इस मकान का निर्माण वर्ष 2004 में शुरु हुआ था. वहीं भूमिस्वामी ने एमपीईबी से 4 अक्टूबर 2005 को बिजली का मीटर लगवाया. वहीं बने हुए मकान पर 27 मार्च 2024 को बिल्डिंग परमिशन जारी की गई. शिकायत मिलने के बाद सिटी प्लानर अनूप गोयल ने अधिकारियों के साथ निरीक्षण किया. साथ ही इस पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया लेकिन अब अधिकारियों ने अवैध हिस्से की नियम विरुद्ध तरीके से कंपाउंडिंग करा दी.

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अब 24 घंटे में घर बैठे पास होंगे 1100 स्क्वेयर फीट के नक्शे, नहीं लगाने पड़ेंगे बाबुओं के चक्कर

'अधिकारियों के खिलाफ होगी कार्रवाई'

नगर निगम की अपर आयुक्त टीना यादव ने बताया कि "इस मामले की शिकायत वो नगर निगम आयुक्त हरेंद्र नारायण से करेंगी इसके बाद जो उचित कार्रवाई होगी, अधिकारियों के खिलाफ की जाएगी."

भोपाल। एमपी में एक ओर जहां सरकार अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाने की तैयारी कर रही है वहीं नगर निगम भोपाल के अधिकारी कागजों में कारीगरी कर अवैध निर्माण को भी वैध कर रहे हैं. नियमों को ताक पर रखकर बिल्डिंग परमिशन जारी कर दी जाती है और इनके खिलाफ शिकायतों का भी असर नहीं होता है.

भोपाल नगर निगम के अधिकारियों ने दी अवैध निर्माण की परमिशन (ETV Bharat)

एमओएस कवर होने के बाद भी जारी की बिल्डिंग परमिशन

मामला भोपाल के चित्रगुप्त नगर का है जहां प्लाट नंबर 113 में तय एफएआर से अधिक निर्माण कर लिया गया है. यहां भवन बनाने का काम साल 2004 से शुरू किया गया था लेकिन इसकी बिल्डिंग परमिशन नहीं ली गई थी. आम आदमी पार्टी के नेता प्रदीप खंडेलवाल ने जब इसकी शिकायत नगर निगम की भवन अनुज्ञा शाखा में की, तो अधिकारियों ने स्थल निरीक्षण किया. साथ ही तय भवन अनुज्ञा से अधिक निर्माण पाए जाने पर अवैध हिस्से को गिराने की बात कही. वहीं प्लाट धारक को अतिरिक्त निर्माण करने पर सूचना पत्र भी जारी किया गया. जिसके बाद भूमि स्वामी ने आनन फानन में निजी आर्किटेक्ट से 27 मार्च 2024 को बिल्डिंग परमिशन जारी करवा दी. जबकि इस भवन में रियर एमओएस, साइड एमओएस और फ्रंट एमओएस पहले ही कवर कर लिया गया था. ऐसे में बिना अवैध निर्माण को तोड़े बिल्डिंग परमिशन जारी नहीं हो सकती थी.

Permission Illegal Construction
शिकायत के बावजूद नगर निगम ने नहीं गिराया अवैध निर्माण (ETV Bharat)

बिना नियम अवैध हिस्से की करा दी कंपाउंडिंग

सरकार के नियमानुसार यदि किसी ने एमओएस कवर नहीं किया और 30 प्रतिशत तक अतिरिक्त निर्माण किया है तो वह भवन की कंपाउंडिंग करा सकता है. लेकिन जब भवन निर्माण के लिए बिल्डिंग परमिशन 2021 से पहले जारी की गई हो लेकिन इस मामले में भूमि स्वामी ने मार्च 2024 में भवन निर्माण के लिए परमिशन ली, वहीं तीन महीने बाद ही अतिरिक्त निर्माण की कंपाउंडिंग भी करा ली. जबकि 2021 के बाद जारी बिल्डिंग परमिशन वाले भवनों के अतिरिक्त निर्माण की कंपाउंडिंग करने का नियम नहीं है.

सीपी के स्थल निरीक्षण के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई

इस मामले में प्रदीप खंडेलवाल ने फरवरी 2024 में शिकायत की थी. उसमें बताया था कि इस मकान का निर्माण वर्ष 2004 में शुरु हुआ था. वहीं भूमिस्वामी ने एमपीईबी से 4 अक्टूबर 2005 को बिजली का मीटर लगवाया. वहीं बने हुए मकान पर 27 मार्च 2024 को बिल्डिंग परमिशन जारी की गई. शिकायत मिलने के बाद सिटी प्लानर अनूप गोयल ने अधिकारियों के साथ निरीक्षण किया. साथ ही इस पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया लेकिन अब अधिकारियों ने अवैध हिस्से की नियम विरुद्ध तरीके से कंपाउंडिंग करा दी.

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'अधिकारियों के खिलाफ होगी कार्रवाई'

नगर निगम की अपर आयुक्त टीना यादव ने बताया कि "इस मामले की शिकायत वो नगर निगम आयुक्त हरेंद्र नारायण से करेंगी इसके बाद जो उचित कार्रवाई होगी, अधिकारियों के खिलाफ की जाएगी."

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