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यूपी के आरोपी ने एमपी का बनकर व्यापम में किया था बड़ा कांड, STF स्पेशल जज ने सुनाई 3 साल की सजा - VYAPAM SCAM 2021

एसटीएफ के स्पेशल जज अतुल सक्सेना ने आरोपी को दोषी माना.

VYAPAM MEDICAL SEAT SCAM
व्यापम मामले में एक और आरोपी को सजा (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 19, 2024, 10:30 AM IST

भोपाल : व्यापम के जरिए मेडिकल की सीट पर फर्जी निवास पत्र के आधार पर एडमिशन लेने वाले एक आरोपी को एसटीएफ कोर्ट ने तीन साल की सजा सुनाई है. पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने साल 2021 में इस मामले में एसटीएफ से शिकायत की थी और जांच के बाद केस दर्ज किया गया था. वहीं इस मामले की सुनवाई करते हुए भोपाल एसटीएफ के स्पेशल जज अतुल सक्सेना ने आरोपी सौरभ सचान को दोषी माना है.

क्या है पूरा मामला?

भोपाल जिला न्यायालय के विशेष लोक अभियोजक आकिल खान ने इस मामले के बारे में बताते हुए कहा, '' पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने व्यापम घोटाले के संबंध मे फर्जी प्रमाण पत्र के माध्यम से डॉक्टर बनने के संबंध में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक विशेष कार्य बल भोपाल को वर्ष 2021 में एक लिखित शिकायत की थी, जिसमें उन्होंने संदिग्ध व्यक्तियों की सूची भी संलग्न की थी. साथ ही उन्होंने अपनी शिकायत में यह भी उल्लेख किया था कि संदिग्ध छात्र उत्तरप्रदेश के रहने वाले हैं जबकि उन्होंने मध्यप्रदेश का मूल निवासी प्रमाणपत्र बनवाकर परीक्षा दी और उनके सीट आवंटन पत्र में चस्पा फोटो भी अलग है.''

पूरी तरह से फर्जी था मूल निवासी प्रमाण पत्र

शिकायत के साथ दिए गए प्रमाणों के आधार पर एसटीएफ पुलिस ने अपराध पंजीबद्ध कर जांच की थी. आरोपी सौरभ सचान द्वारा फर्जी मूल निवासी प्रमाण पत्र के माध्यम से मेडिकल कॉलेज में
प्रवेश लेना पाया गया और आरोपी के मूल निवासी प्रमाण पत्र की जांच में पाया गया कि जारी करने वाले अनु विभागीय अधिकारी त्यौंथर जिला रीवा मध्यप्रदेश ने यह प्रमाणपत्र जारी ही नहीं किया है. प्रमाण पत्र पूरी तरह से फर्जी था. अपराध साबित होने पर न्यायालय में अभियोग पत्र पेश किया गया, जिसमें शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक सुधा विजय सिंह भदौरिया और आकिल अहमद खान ने की.

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भोपाल : व्यापम के जरिए मेडिकल की सीट पर फर्जी निवास पत्र के आधार पर एडमिशन लेने वाले एक आरोपी को एसटीएफ कोर्ट ने तीन साल की सजा सुनाई है. पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने साल 2021 में इस मामले में एसटीएफ से शिकायत की थी और जांच के बाद केस दर्ज किया गया था. वहीं इस मामले की सुनवाई करते हुए भोपाल एसटीएफ के स्पेशल जज अतुल सक्सेना ने आरोपी सौरभ सचान को दोषी माना है.

क्या है पूरा मामला?

भोपाल जिला न्यायालय के विशेष लोक अभियोजक आकिल खान ने इस मामले के बारे में बताते हुए कहा, '' पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने व्यापम घोटाले के संबंध मे फर्जी प्रमाण पत्र के माध्यम से डॉक्टर बनने के संबंध में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक विशेष कार्य बल भोपाल को वर्ष 2021 में एक लिखित शिकायत की थी, जिसमें उन्होंने संदिग्ध व्यक्तियों की सूची भी संलग्न की थी. साथ ही उन्होंने अपनी शिकायत में यह भी उल्लेख किया था कि संदिग्ध छात्र उत्तरप्रदेश के रहने वाले हैं जबकि उन्होंने मध्यप्रदेश का मूल निवासी प्रमाणपत्र बनवाकर परीक्षा दी और उनके सीट आवंटन पत्र में चस्पा फोटो भी अलग है.''

पूरी तरह से फर्जी था मूल निवासी प्रमाण पत्र

शिकायत के साथ दिए गए प्रमाणों के आधार पर एसटीएफ पुलिस ने अपराध पंजीबद्ध कर जांच की थी. आरोपी सौरभ सचान द्वारा फर्जी मूल निवासी प्रमाण पत्र के माध्यम से मेडिकल कॉलेज में
प्रवेश लेना पाया गया और आरोपी के मूल निवासी प्रमाण पत्र की जांच में पाया गया कि जारी करने वाले अनु विभागीय अधिकारी त्यौंथर जिला रीवा मध्यप्रदेश ने यह प्रमाणपत्र जारी ही नहीं किया है. प्रमाण पत्र पूरी तरह से फर्जी था. अपराध साबित होने पर न्यायालय में अभियोग पत्र पेश किया गया, जिसमें शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक सुधा विजय सिंह भदौरिया और आकिल अहमद खान ने की.

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