भोपाल। मध्यप्रदेश की एक खबर को लेकर पूर्व केन्द्रीय मंत्री मेनका गांधी इतनी नाराज हुईं कि उन्होंने सीधे प्रदेश के आला अफसर को फोन घनघना दिया. दरअसल आवारा कुत्तों के आतंक से परेशान होकर प्रदेश के कई बड़े शहरों में इन्हें जंगल में भी छोड़ा जा रहा है. यह खबर जब पशु प्रेमी मेनका गांधी तक पहुंची तो वे नाराज हो गईं और उसके बाद उन्होंने सीधे प्रदेश के पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिव गुलशन बामरा को फोन लगा दिया.
'क्यों नहीं संभाल पा रहे आवारा कुत्ते'
पूर्व मंत्री मेनका गांधी पशुओं को लेकर बेहद संवेदनशील हैं. प्रदेश में आवारा कुत्तों का बेहतर प्रबंधन न किए जाने से वे बेहद नाराज हैं. उन्होंने प्रमुख सचिव गुलशन बामरा को फोन लगाकर नाराजगी जताई. उन्होंने अधिकारी से कहा कि उन्हें खबर लगी है कि प्रदेश में कई स्थानों पर आवारा कुत्तों पर नियंत्रण करने के लिए उन्हें जंगल में छोड़ा जा रहा है और कांजी हाउस में बंद किया जा रहा है. इस पर तत्काल रोक लगाई जाए. उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन ऐसे आवारा कुत्तों को नहीं संभाल पा रहा तो उन्हें हमारी संस्था को सौंपा जाए. संगठन के पशु प्रेमी इन कुत्तों का ख्याल रखेंगे. पूर्व मंत्री ने कहा कि यदि कुत्तों को प्यार दिया जाए, उन्हें खाना दिया जाए तो वे किसी को नहीं काट सकते. ऐसी घटनाएं तभी होती हैं, जब कुत्तों को मारा जाए और उन्हें खाना न मिले. दरअसल मंदसौर जिले में आवारा कुत्तों को जंगल में छोड़ा गया था.
प्रदेश भर में लगातार बढ़ रहीं डॉग बाइट की घटनाएं
प्रदेश भर में कुत्तों के काटने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. प्रदेश के भोपाल, इंदौर में आवारा कुत्तों के काटने से बच्चों की मौत तक की घटनाएं हो चुकी हैं. आंकड़ों के हिसाब से देखें तो भोपाल में ही पिछले तीन माह में 6 हजार 728 मामले कुत्तों के काटने के सामने आ चुके हैं. प्रदेश भर में 2023 में कुत्तों के काटने की 16 हजार 387 घटनाएं हो चुकी हैं. डॉग बाइट की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए प्रदेश के सभी बड़े शहरों में आवारा कुत्तों को पकड़ने, उनकी नसबंदी करने का अभियान चलाया जा रहा है.