भोपाल। आम चुनाव की घोषणा होते ही देशभर में आचार संहिता लागू हो गई है. अब ऐसे में एमपी की लाड़ली बहनें पशोपेश में हैं. लाड़ली बहनों को हर महीने मिलने वाली राशि को लेकर एक बार फिर संशय है. हर महीने 1250 रुपए मिलने वाली बहनों के मन में यही सवाल है कि अब आचार संहिता लग गई है ,क्या पता सरकार उनके खाते में पैसा डाले या नहीं. बता दें कि एमपी में विधानसभा चुनावों में बीजेपी की बंपर जीत का कारण लाड़ली बहनें ही रहीं थीं.
'लाड़ली बहनों को मिलती रहेगी राशि'
जब ईटीवी भारत ने जानकारों से बात की तो उन्होंने बड़ी राहत की खबर दी. चुनाव आयोग में रहे पूर्व अधिकारी जीपी श्रीवास्तव ने बताया कि "अभी जो राशि लाड़ली बहनों को मिल रही है वो मिलती रहेगी क्योंकि ये वो योजना है जो बीजेपी सरकार ने चुनाव के 3 महीने पहले घोषित की थी. हमने देखा कि विधानसभा चुनाव के दौरान भी लाड़ली बहनों को ये राशि उनके खाते में पहुंची थी. चुनाव की आचार संहिता के दौरान यदि सरकार कहती कि वो प्रदेश की महिलाओं को हर महीने 1250 देगी, तो उस वक्त आप उनके खाते में ये राशि नहीं डाल पाते. लोकसभा चुनाव में भी बहनों के खाते में राशि आती रहेगी".
1 करोड़ 32 लाख महिलाओं को मिलती है राशि
शिवराज ने मुख्यमंत्री रहते ये मास्टर स्ट्रोक खेला था जिसका नतीजा भी बीजेपी के लिए चौंकाने वाला था. बीजेपी ने बंपर जीत हासिल की और पार्टी ने 163 सीटें जीतीं तो वहीं कांग्रेस सिर्फ 66 पर सिमट कर रह गई थी. प्रदेश की 1 करोड़ 32 लाख महिलाओं के खाते में 1250 रुपए आते हैं. मार्च के महीने में सीएम मोहन यादव ने लाड़ली बहनों के खाते में 1 तारीख को राशि ट्रांसफर कर दी थी. उनका कहना था कि इस महीने बहुत त्योहार हैं लिहाजा 1 तारीख को पैसा डाला जा रहा है.
कांग्रेस ने आयोग में जताई थी आपत्ति
कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग में शिकायत की थी कि बीजेपी इस तरह चुनाव के दौरान राशि बांटकर चुनावी फायदा लेगी लेकिन आयोग ने कहा कि ये स्कीम चुनाव के पहले की स्कीम है इस पर रोक नहीं लगा सकते.
ये भी पढ़ें: लाड़ली बहना योजना को लेकर नकुलनाथ का बड़ा दावा, लोकसभा चुनाव के बाद बंद हो जाएगी स्कीम एमपी में महिलाओं को सालाना मिलेगा 1 लाख रुपए, नारी न्याय गारंटी Vs लाड़ली बहना योजना का कमाल |
18 से 21साल तक की महिलाएं नहीं होंगी शामिल
कांग्रेस विधायक झूमा सोलंकी ने प्रश्नकाल के दौरान लाड़ली बहना योजना को लेकर की सवाल पूछे थे. जिसके जवाब में महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने कहा था कि दिसंबर 2023 में पात्र महिलाओं की तुलना में जनवरी 2024 में महिलाओं की संख्या कम हुई है. मंत्री ने इसकी कई वजह बताई. उन्होंने कहा कि कई महिलाओं ने स्वेच्छा से लाभ का परित्याग किया है. इसके अलावा समग्र से डिलीट होने के कारण 1 जनवरी 2024 को 60 साल की आयु पूरी होने के कारण भी कई महिलाएं कम हुई हैं. मंत्री ने यह भी साफ किया था कि 18 साल से 21 साल तक की महिलाओं को लाड़ली बहना योजना में शामिल करने का कोई प्रस्ताव नहीं है.