भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रालय में कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई. जिसमें कई बड़े फैसले लिये गए. सबसे बड़ा फैसला चिकित्सा शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग को मर्ज करने का लिया गया है. अब दोनों विभागों की जिम्मेदारी एक ही मंत्री के पास होगी. साथ ही अशासकीय शिक्षकों को छठे वेतनमान का लाभ, कई सिंचाई परियोजनाओं को मंजूरी समेत कुछ अधिनियम में संशोधन प्रस्ताव भी पास किये गये हैं. इसके अलावा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अतंर्गत प्रदेश के सभी जिलों में 1-1 प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेन्स स्थापित करने की स्वीकृति दी गई.
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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में आयोजित कैबिनेट की बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
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➡️राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अतंर्गत प्रदेश के सभी जिलों में 1-1 प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेन्स स्थापित करने की स्वीकृति दी गई।@DrMohanYadav51… pic.twitter.com/AKoJcgU8Eg
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एमपी कैबिनेट के बड़े फैसले
- चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग हुए मर्ज
- मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों की जिम्मेदारी एक ही मंत्री के पास रहेगी
- माल और सेवाकर संशोधन अध्यादेश 2024 पर लगी मुहर
- 6 महीने के भीतर विधानसभा में बिल न आने पर दोबारा हुआ अनुमोदन
- मप्र आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय अधिनियम 2011 के कुछ प्रावधानों में संशोधन
- नर्सिंग और पैरामेडिकल की पढ़ाई भी करा सकेंगे आर्युवैदिक विश्वविद्यालय
- मल्हारगढ़ लिफ्ट इरिगेशन परियोजना को स्वीकृति, अशोकनगर के मुंगावली में स्थित है परियोजना
- जेपी बीना पावर कंपनी बेतवा नदी से लिफ्ट करेगी
- 26 गांवों के 7500 हेक्टेयर में होगी सिंचाई
- रतलाम के बैराज बांध पर भी मंझुलिया समूह जल परियोजना को मंजूरी
- 1 हज़ार से ज्यादा आदिवासी गांवों को मिलेगी पीने का पानी
- 204 करोड़ की लागत से घर-घर पीने का पानी पहुंचाएगी सरकार
- जल प्रदूषण निवारण अधिनियम 1974 में भी संशोधन को मंजूरी
- छोटे छोटे मामलों की सुनवाई के अधिकार अधिकारियों को दिये जाएंगे
- मप्र के सभी जिलों में प्रधानमंत्री एक्सीलेंस कॉलेज खोलने को अनुमति
- पुराने कॉलेजों को अपग्रेड किए जाने पर फैसला
- अनुदान प्राप्त अशासकीय शिक्षक कर्मचारियों को मिलेगा छठे वेतनमान का लाभ
- जनजातीय विभाग के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों को मिलेगा फायदा
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भारत सरकार को प्रस्ताव भेजेगी एमपी सरकार
कोर्ट का अधिकार प्रदूषण कंट्रोल के अधिकारियों को दिया जाएगा. जिसको लेकर जिसका प्रस्ताव एमपी सरकार, भारत सरकार को भेजेगी. सरकार छोटे-छोटे मामलों की सुनवाई के अधिकार अधिकारियों को देगी. मप्र के सभी जिलों में प्रधानमंत्री एक्सीलेंस कॉलेज खोलने को अनुमति दी गई. पुराने कॉलेजों को अपग्रेड किए जाने पर फैसला हुआ. साथ ही अनुदान प्राप्त अशासकीय शिक्षक कर्मचारियों को छठे वेतनमान का लाभ मिलेगा. जनजातीय विभाग के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों को भी फायदा मिलेगा.