भोपाल: प्रदेश के आउटसोर्स कर्मचारियों और ठेके पर काम करने वाले श्रमिकों के लिए प्रदेश की मोहन सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है. अब प्रदेश के सरकारी विभागों, उपक्रमों, निगम मंडल, बिजली कंपनियों में काम करने वाले ऐसे सभी कर्मचारियों को ग्रेच्युटी, बोनस और ओवरटाइम के अलावा साप्ताहिक अवकाश की सुविधा दी जाएगी. श्रम विभाग ने इस संबंध में गाइडलाइन जारी करते हुए सभी विभागों को इस लागू कराने के निर्देश दिए हैं. राज्य सरकार के इस फैसले से प्रदेश के 3.25 लाख आउटसोर्स कर्मचारियों को फायदा होगा.
अब प्राइवेट कंपनियां को देनी होंगी सुविधाएं
श्रम विभाग द्वारा गाइडलाइन जारी किए जाने के बाद प्रदेश में काम करने वाली तमाम आउटसोर्स कंपनियों को इसका पालन करना अनिवार्य होगा. आउटसोर्स कंपनियों को लेकर लंबे समय से श्रमिकों का शोषण किए जाने की शिकायतें की जा रही थीं. खासतौर से बिजली कंपनियों में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों द्वारा इसको लेकर धरना-प्रदर्शन भी किए जा चुके हैं. मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच के अध्यक्ष अशोक पांडे के मुताबिक, ''श्रम विभाग की इस गाइडलाइन के बाद आउटसोर्स कंपनियों पर इनका पालन करना मजबूरी होगी. यदि वे इसका लाभ आउटसोर्स कर्मचारियों को नहीं देते तो इसके खिलाफ कर्मचारी कोर्ट जा सकेंगे, साथ ही संबंधित विभाग भी कंपनियों पर कार्रवाई कर सकेगा.''
गाइडलाइन का सख्ती से पालन कराया जाएगा
श्रम उपायुक्त जैस्मिन अली का कहना है कि, ''मध्य प्रदेश के आउटसोर्स कर्मचारी को लेबर नियमों के हिसाब से तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं, इसको लेकर विभाग द्वारा लगातार प्रयास किए जाते हैं. विभाग द्वारा जारी गाइडलाइन का सख्ती से पालन कराया जाएगा.''
विभागों को नियम लागू कराने होंगे
श्रम विभाग द्वारा गाइडलाइन जारी किए जाने के बाद अब तमाम विभागों को आउटसोर्स के टेंडर में भी इन शर्तों को डालना अनिवार्य होगा. इसमें कर्मचारियों को ओवरटाइम देने, कर्मचारियों के बीमा, ग्रेच्युटी, पीएफ, ईएसआईसी, बोनस और साप्ताहिक अवकाश जैसी तमाम सुविधाओं को शामिल करना होगा. इसके बाद कंपनी इनका पालन करें यह भी विभाग की जिम्मेदारी होगी.
अभी शिकायत के बाद भी विभाग नहीं करता कार्रवाई
हालांकि आउटसोर्स कर्मचारियों को पीएफ, ईएसआईसी, साप्ताहिक अवकाश जैसे नियम पहले से ही टेंडर में शामिल होते हैं, लेकिन इसके बाद भी ठेकेदार कर्मचारियों के पीएफ की चोरी करते हैं. साथ ही साप्ताहिक अवकाश जैसी सुविधाएं नहीं देते. इसको लेकर पूर्व में पीएफ कार्यालय द्वारा शिकायत मिलने पर कई कंपनियों पर कार्रवाई की जा चुकी है.