भोपाल। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा है कि, 'इंदौर में अक्षय कांति बम का नामांकन वापस लेकर कांग्रेस में आना कांग्रेस पर सवालिया निशान है कि वो अपनी पार्टी के नेताओं को संभाल नहीं पा रही.'' ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में उन्होंने जीतू पटवारी के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि ''मुकदमें तो हम पर भी हुए थे, कांग्रेस की सरकार में दमन भी खूब हुआ. हमने तो बीजेपी नहीं छोड़ी, क्योंकि हम मजबूती से अपनी विचारधारा से जुड़े हुए थे. हमारी विचारधारा हमारी ताकत बना रहा.'' उन्होंने कहा कि खुलकर जय श्री राम बोलने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को बीजेपी में आना पड़ रहा है.
सवाल कांग्रेस का है, उम्मीदवार भी नहीं संभल रहे
प्रहलाद पटेल ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि, ''कांग्रेस बहुत पुरानी पार्टी है. देश में सर्वाधिक समय तक राज करने वाली पार्टी का नाम है कांग्रेस. अगर वो अपने उम्मीदवारों को नहीं संभाल पा रही तो ये प्रश्न ये उनसे पूछना होगा. लोकतंत्र में जो परिस्थितियां बनी हैं, देश के भीतर ये सच है कि जनमानस प्रभावित हुआ है. कांग्रेस में लोग असहज महसूस कर रहे हैं. उनके नेताओं के अमर्यादित आचरण के कारण ये स्थिति बनी है. वो प्रधाननमत्री के लिए बोलें या अन्य पदों पर बैठे व्यक्तियों के लिए बोलें वो टिप्पणियां सबको नागवार गुजरती हैं. हम जब सांस्कृतिक विरासत की चर्चा करते हैं और उस पर कांग्रेस के नेता गैर जिम्मेदार टिप्पणी करते हैं. तो कांग्रेस का नेता कार्यकर्ता हतोत्साहित हो जाता है. नतीजा सामने है.''
जीतू पटवारी बताएं, बम पर किस बात का दबाव था
प्रहलाद पटेल ने जीतू पटवारी के उस बयान का पलटवार किया जिसमें उन्होंने कहा कि अक्षय बम पर बीजेपी का दबाव था. उन्होंने कहा कि ''पटवारी को ये बताना चाहिए कि अक्षय बम पर किस बात का दबाव था. हम भी कांग्रेस के राज में दमन का शिकार हुए, मुझ पर कितने मुकदमें हुए. हम तो दबाव में नहीं आए. हमारी विचारधारा हमारी ताकत बना रहा.''
कांग्रेस को मेडिकल वेस्ट मैंने नहीं कहा
प्रहलाद पटेल ने कहा कि ''मेडिकल वेस्ट हमने नहीं कहा, हम तो चाहते हैं कि सबको साथ लेकर मध्यप्रदेश के हितों की देश के हितों की चिंता करनी चाहिए. कांग्रेस में लोग खुलकर जय श्री राम नहीं बोल पा रहे थे, यहां खुलकर बोल पा रहे हैं.''
सबसे ज्यादा संविधान में बदलाव किसने किये
मंत्री प्रहलाद पटेल ने राहुल गांधी के गुजरात में दिए बयान पर भी पलटवार किया, जिसमें उन्होंने कहा कि ''बीजेपी सत्ता में आने पर आरक्षण खत्म कर देगी.'' प्रहलाद पटेल ने कहा कि ''इससे बड़ा झूठ नहीं हो सकता. सर्वाधिक समय कांग्रेस की सत्ता रही, संविधान में सर्वाधिक बदलाव कांग्रेस ने किए. आपातकाल लगाने वाली कांग्रेस है. संविधान जिन पिछड़ों को आरक्षण का अधिकार देता है उसे ना देने वाली पार्टी कांग्रेस है. उस आरक्षण में लूट करके मुसलमानों को आरक्षण देने का दबाव बनाने वाली कांग्रेस है.''
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पीएम मोदी ने दिलाई पिछड़ा कमीशन को संवैधानिक मान्यता
पिछड़े वर्ग के नेता प्रहलाद पटेल ने कहा कि ''कांग्रेस की मंशा को देश का मतदाता समझ गया है. पिछड़े वर्ग के लोगों को मूल्यांकन करना चाहिए. बीजेपी ने कभी गलती नहीं की. देश की आजादी से अब तक एक भी पिछड़ा मुख्यमत्री कांग्रेस नहीं दे सकी. बीजेपी की सरकार में चार मुख्यमंत्री दिए गए, चारों पिछड़ा वर्ग के हैं. संविधान कहता है धर्म आधारित आरक्षण नहीं होगा. लेकिन कांग्रेस 1951 से अब तक ये राग अलापती रही. कांग्रेस तुष्टिकरण के रास्ते पर है. धन्यवाद है हमारे पीएम का जिन्होंने पिछड़ा वर्ग कमीशन को संवैधानिक मान्यता दी.''
मतदान गिरने की वजह कांग्रेस
प्रहलाद पटेल मतदान का प्रतिशत गिरने पर कहते हैं ''इससे कोई फर्क नहीं पड़ना, जहां पर मतदान प्रतिशत कम हुआ है उसका महत्वपूर्ण कारण मौसम, वैवाहिक तिथियों रहीं. कांग्रेस के पास भी वोट बैंक है. लेकिन कांग्रेस का वोटर मतदान करने नहीं निकला. बीजेपी अकेली पार्टी है जो ये मानती है मतदान का प्रतिशत बढ़ना चाहिए. उसके लिए हमने हर संभव प्रयास किये. कांग्रेस मैदान में ही नहीं है तो उसी की वजह से प्रतिशत घटा है.