भोपाल। मध्यप्रदेश की राजाधानी भोपाल में 1800 करोड़ रुपये से अधिक का एमडी ड्रग्स जब्त करने के बाद से प्रदेश की राजनीति में भूचाल आ गया है. आरोपियों को लेकर पक्ष और विपक्ष दल दोनों एक दूसरे को घेरने की कोशिश कर रहे हैं. डिप्टी सीएम के साथ मुख्य आरोपी हरीश आंजना का फोटो वायरल होने के बाद कांग्रेस अब भाजपा पर हमलावर है. इधर भोपाल के बगरोदा स्थित फैक्ट्री के आसपास सन्नाटा पसरा है. फैक्ट्री में गुजरात और दिल्ली की पुलिस रखवाली कर रही है. यहां मिले ड्रग्स को जब्त कर जांच के लिए भेज दिया गया है. फैक्ट्री को सील करने के लिए प्रशासन कार्रवाई कर रहा है.
फैक्ट्री में कर्मचारियों को अंदर रहने की व्यवस्था
ड्रग फैक्ट्री का खुलासा होने के बाद ईटीवी भारत की टीम बगरौदा स्थित उस फैक्ट्री में पहुंची, जहां एमडी ड्रग बनता था. यहां बाहर ही पुलिसकर्मी तैनात थे. साथ में लोकल पुलिस भी उनका सहयोग कर रही है. हमने उनसे अंदर काम कर रहे कर्मचारियों से बात करवाने के लिए निवेदन किया. लेकिन वो मना करते रहे. जब हमने ड्रग फैक्ट्री के पार्टनर और एमडी की तस्करी का जिम्मा संभालने वाले हरीश आंजना की फोटो पुलिसकर्मियों को दिखाई तो उन्होंने पहचान करने के लिए कर्मचारियों को बाहर बुलाया. फोटो देखते ही कर्मचारियों ने पहचान लिया. अपनी पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर उन्होंने बताया कि फैक्ट्री के अंदर बाहर कोई आदमी प्रवेश नहीं करता था. कर्मचारी जो यहां काम करते थे. उनके रहने की व्यवस्था भी अंदर थी.
विदेश से आते थे सफेद पावडर खरीदने वाले
फैक्ट्री में काम करने वाले एक अन्य कर्मचारी ने बताया "उन्हें नहीं पता था कि जो सफेद पावडर वे बना रहे हैं, वह एमडी ड्रग्स है. कर्मचारियों को यही बताया जाता था कि ये केमिकल है, जो कीटनाशक के तौर पर इस्तेमाल होता है. फैक्ट्री के संचालक अमित चतुर्वेदी के साथ विदेश के लोग भी आते थे. वे लोग फैक्ट्री से सफेद पावडर भी लेकर जाते थे. वहीं सुरेश आंजना फैक्ट्री से ड्रग्स की बड़ी खेप लेकर जाता था. इसका काम भोपाल से देश के अन्य हिस्सों में एमडी ड्रग तस्करों तक पहुंचाना था." कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें वेतन भी ठीकठाक मिलता था. इसलिए कभी उन्होंने भी यह जानने की कोशिश नहीं की कि यह सफेद पावडर का इस्तेमाल कैसे किया जाता है.
अमित संभालता था फैक्ट्री का काम, हरीश और सान्याल कभीकभार आते थे
कर्मचारियों ने बताया "हमें बताया गया था इस फैक्ट्री में 3 पार्टनर हैं. लेकिन काम की देखरेख अमित के जिम्मे था. वहीं फैक्ट्री वर्करों की भर्ती और उनके वेतन भुगतान करता था. हालांकि अभी कभार यहां सान्याल बाने और हरीश आंजना भी आते थे. लेकिन ये लोग कर्मचारियों से ज्यादा बात नहीं करते थे. कर्मचारियों से जुड़े हुए सभी मुद्दे अमित ही निपटाता था."
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मंदसौर भाजपा का मंडल अध्यक्ष था हरीश आंजना
हरीश आंजना मंदसौर के भाजपा मंडल का अध्यक्ष था. इसीलिए उसका राजनीतिक लोगों से मिलना जुलना लगा रहता था. उसने डिप्टी सीएम और वित्तमंत्री जगदीश देवडा का चुनाव प्रचार भी किया था और उनके साथ फोटो भी खिंचाई. ड्रग फैक्ट्री का खुलासा होने के बाद सबसे पहले डिप्टी सीएम और हरीश आंजना की एक साथ फोटो वायरल हुई. कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए डिप्टी सीएम के इस्तीफे की मांग भी कर डाली. हालांकि इस मामले में डिप्टी सीएम देवड़ा ने कहा "राजनीतिक लोगों के साथ कोई भी फोटो खिंचवा लेता है. जरूरी नहीं कि वो हर आदमी को पहचाने. उन्होंने हरीश आंजना को पहचानने से साफ इंकार कर दिया."