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अब पौधारोपण में नहीं होगी गड़बड़ी, एप के माध्यम से मध्य प्रदेश सरकार करेगी मॉनिटरिंग - Plantation Monitoring Through App

मध्य प्रदेश में सरकार पिछले कई साल से पौधारोपण अभियान चला रही है लेकिन हरित क्षेत्र हर बार कम होता जा रहा है. इस साल प्रदेश में करीब 5 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है ऐसे में अब मध्य प्रदेश सरकार एप के माध्यम से पौधारोपण की मॉनिटरिंग करेगी.

PLANTATION MONITORING THROUGH APP
एप से होगी पौधरोपण की मॉनिटरिंग (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 30, 2024, 10:34 PM IST

Updated : Jul 1, 2024, 9:03 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश को हरा-भरा करने के लिए सरकार बीते कई साल से प्रदेश में पौधारोपण अभियान चला रही है लेकिन इसमें गड़बड़ी की वजह से एमपी में हरित क्षेत्र बढ़ने की बजाय कम होता जा रहा है. अब इस समस्या से निपटने के लिए सरकार ने कमर कस ली है. दरअसल एमपी सरकार अब पौधारोपण अभियान में होने वाली गड़बड़ी को रोकने के लिए एप के माध्यम से रियल टाइम मॉनिटरिंग करने का निर्णय लिया है. बता दें कि मध्यप्रदेश सरकार ने इस वर्ष प्रदेश में करीब 5 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है.

एप से की जाएगी पौधों की मॉनिटरिंग

वन विभाग के अधिकारियों का दावा है कि इस बार मॉनिटरिंग सिस्टम इतना मजबूत होगा कि पौधारोपण में किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं होगी. जंगल में रोपे गए सभी पौधों की रियल टाइम मॉनिटरिंग की जाएगी. पौधारोपण के समय पौधों की फोटो सरकार के अधिकृत पोर्टल पर अपलोड की जाएगी. जिस जंगल में पौधे रोप जाने हैं, पौधारोपण के पहले उसका फोटो भी अपलोड करना होगा. इसके अलावा सीसीपी और डीएफओ पौधारोपण की पूरी निगरानी करेंगे, जिससे इसमें गड़बड़ी की गुंजाइश न रहे.

ओपन फारेस्ट में रोपे जाएंगे अधिक पौधे

पौधारोपण के लिए वन विभाग ने स्थान चिन्हित कर लिए हैं. बीते सालों में ओपन फॉरेस्ट में हरियाली कम हो रही है. ऐसे में इस बार सरकार ने ओपन फॉरेस्ट में अधिक पौधे रोपने का निर्णय लिया है. जिससे फॉरेस्ट को भी हराभरा किया जा सके. बतादें कि साल 2022-23 में प्रदेश के जंगल में 4 करोड़ 79 लाख 3 हजार पौधे रोप गए थे. हर वर्ष एमपी में पौधारोपण के नाम पर 400 से 500 करोड़ रुपये खर्च किए जाते हैं. इसके बावजूद हरियाली का रकबा घटता जा रहा है.

पेड़ो की कटाई से बढ़ा ओपन फारेस्ट

एमपी में हर वर्ष बड़े स्तर पर पौधारोपण अभियान चलाने के बाद भी ओपेन फारेस्ट का रकबा बढ़ता जा रहा है. इसका कारण जंगल में बढ़ती पेड़ों की अवैध कटाई है. सारल 2019-20 में मध्यम घना जंगल 34,341 वर्ग किलोमीटर था. जबकि वर्ष 2021-22 में घटकर 34,209 वर्ग किलोमीटर रह गया. वहीं 2019 में ओपन फारेस्ट का का दायरा 36,465 वर्ग किलोमीटर था, जो अब बढ़कर 36,619 वर्ग किलोमीटर हो गया है. एमपी के जंगलों में बढ़ता अतिक्रमण और पेड़ों की अवैध कटाई ओपन फारेस्ट बढ़ने की वजह बन गया है.

ये भी पढ़ें:

मध्य प्रदेश के बढ़ते तापमान से सरकार परेशान, करोड़ों पौधे लगाकर कंट्रोल करने की बड़ी तैयारी

इंदौर में 51 लाख पौधारोपण का संकल्प, मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने सिखाए पौधारोपण के गुर

पौधरोपण के बाद होगी सतत मॉनिटरिंग

वन विभाग के पीसीसीएफ डॉ उत्तम कुमार सुबुिद्ध ने बताया कि "ओपन फॉरेस्ट को घने जंगल में बदलने के लिए हर वर्ष बड़े स्तर पर पौधारोपण किया जाता है. इस बार भी करीब 5 करोड़ पौधों का रोपण जंगलों में किया जाएगा. इस बार पौधों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग की जाएगी जिससे पौधारोपण के दौरान गड़बड़ी न हो. इन पौधों के निरंतर निगरानी के लिए भी वन अमले की ड्यूटी लगाई जाएगी.

भोपाल। मध्य प्रदेश को हरा-भरा करने के लिए सरकार बीते कई साल से प्रदेश में पौधारोपण अभियान चला रही है लेकिन इसमें गड़बड़ी की वजह से एमपी में हरित क्षेत्र बढ़ने की बजाय कम होता जा रहा है. अब इस समस्या से निपटने के लिए सरकार ने कमर कस ली है. दरअसल एमपी सरकार अब पौधारोपण अभियान में होने वाली गड़बड़ी को रोकने के लिए एप के माध्यम से रियल टाइम मॉनिटरिंग करने का निर्णय लिया है. बता दें कि मध्यप्रदेश सरकार ने इस वर्ष प्रदेश में करीब 5 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है.

एप से की जाएगी पौधों की मॉनिटरिंग

वन विभाग के अधिकारियों का दावा है कि इस बार मॉनिटरिंग सिस्टम इतना मजबूत होगा कि पौधारोपण में किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं होगी. जंगल में रोपे गए सभी पौधों की रियल टाइम मॉनिटरिंग की जाएगी. पौधारोपण के समय पौधों की फोटो सरकार के अधिकृत पोर्टल पर अपलोड की जाएगी. जिस जंगल में पौधे रोप जाने हैं, पौधारोपण के पहले उसका फोटो भी अपलोड करना होगा. इसके अलावा सीसीपी और डीएफओ पौधारोपण की पूरी निगरानी करेंगे, जिससे इसमें गड़बड़ी की गुंजाइश न रहे.

ओपन फारेस्ट में रोपे जाएंगे अधिक पौधे

पौधारोपण के लिए वन विभाग ने स्थान चिन्हित कर लिए हैं. बीते सालों में ओपन फॉरेस्ट में हरियाली कम हो रही है. ऐसे में इस बार सरकार ने ओपन फॉरेस्ट में अधिक पौधे रोपने का निर्णय लिया है. जिससे फॉरेस्ट को भी हराभरा किया जा सके. बतादें कि साल 2022-23 में प्रदेश के जंगल में 4 करोड़ 79 लाख 3 हजार पौधे रोप गए थे. हर वर्ष एमपी में पौधारोपण के नाम पर 400 से 500 करोड़ रुपये खर्च किए जाते हैं. इसके बावजूद हरियाली का रकबा घटता जा रहा है.

पेड़ो की कटाई से बढ़ा ओपन फारेस्ट

एमपी में हर वर्ष बड़े स्तर पर पौधारोपण अभियान चलाने के बाद भी ओपेन फारेस्ट का रकबा बढ़ता जा रहा है. इसका कारण जंगल में बढ़ती पेड़ों की अवैध कटाई है. सारल 2019-20 में मध्यम घना जंगल 34,341 वर्ग किलोमीटर था. जबकि वर्ष 2021-22 में घटकर 34,209 वर्ग किलोमीटर रह गया. वहीं 2019 में ओपन फारेस्ट का का दायरा 36,465 वर्ग किलोमीटर था, जो अब बढ़कर 36,619 वर्ग किलोमीटर हो गया है. एमपी के जंगलों में बढ़ता अतिक्रमण और पेड़ों की अवैध कटाई ओपन फारेस्ट बढ़ने की वजह बन गया है.

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पौधरोपण के बाद होगी सतत मॉनिटरिंग

वन विभाग के पीसीसीएफ डॉ उत्तम कुमार सुबुिद्ध ने बताया कि "ओपन फॉरेस्ट को घने जंगल में बदलने के लिए हर वर्ष बड़े स्तर पर पौधारोपण किया जाता है. इस बार भी करीब 5 करोड़ पौधों का रोपण जंगलों में किया जाएगा. इस बार पौधों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग की जाएगी जिससे पौधारोपण के दौरान गड़बड़ी न हो. इन पौधों के निरंतर निगरानी के लिए भी वन अमले की ड्यूटी लगाई जाएगी.

Last Updated : Jul 1, 2024, 9:03 AM IST
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