भोपाल। राजधानी में शनिवार को एक बार फिर से लोकायुक्त पुलिस ने भोपाल के थाने में पदस्थ एक सब इंस्पेक्टर को ₹10000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया. उसको गिरफ्तार करने की कार्रवाई उसी थाने में की गई जहां वह अभी पदस्थ है. लोकायुक्त पुलिस अब ऐसे मामलों में तुरंत कार्रवाई कर रही है जिन मामलों में लोकायुक्त पुलिस को ठोस सबूत मिल जाते हैं. इस मामले में भी दो दिन पहले हुई शिकायत पर भोपाल लोकायुक्त पुलिस ने इस करवाई को अंजाम दिया.
छोला मंदिर थाने में कार्रवाई
भोपाल के छोला मंदिर थाने में एक ट्रैप कार्रवाई की गई है. लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक मनु व्यास ने बताया कि आवेदक हेमंत कुमार आर्य निवासी गीता नगर विदिशा रोड भानपुर भोपाल ने 2 दिन पहले यानि कि 8 फरवरी को लोकायुक्त कार्यालय पहुंचकर शिकायत की थी कि उसके द्वारा पूर्व में एक कियोस्क का संचालन किया जाता था जिसे उसने जून 2023 में बंद कर दिया गया.किसी मामले को लेकर छोला थाने में उसके खिलाफ शिकायत की गई थी.और वहां पदस्थ एएसआई रिश्वत मांग रहा था.
एस आई संतोष सिंह ने मांगी रिश्वत
जगदीश शर्मा नाम के व्यक्ति ने छोला थाने में हेमंत कुमार के खिलाफ शिकायत की थी. जिस पर छोला थाने में पदस्थ सहायक उप निरीक्षक संतोष सिंह ने उसे बुलाकर एक रसीद दिखाई जिस पर हेमंत के सील और हस्ताक्षर नहीं थे. थाने के सहायक उपनिरीक्षक संतोष डांगी द्वारा इस पूरे मामले को रफा दफा करने के लिए हेमंत से 50 हजार रिश्वत की मांग की थी. उस शिकायत में हेमंत का कोई लेना-देना नहीं था और हेमंत ने यह बात उप निरीक्षक को बताई भी थी लेकिन वह नहीं माना.
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10 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार
हेमंत ने लोकायुक्त में सब इंस्पेक्टर के खिलाफ शिकायती आवेदन दिया था. शिकायती आवेदन की तकनीकी जांच करने के बाद शनिवार को सहायक उप निरीक्षक संतोष सिंह डांगी को थाना चौकी छोला भानपुरा में ₹10000 की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया. सहायक उप निरीक्षक संतोष डांगी के खिलाफ धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध कर ट्रैप की कार्रवाई की गई है. टीम का नेतृत्व डीएसपी संजय शुक्ला ने किया. टीम में डीएसपी वीरेंद्र सिंह, निरीक्षक उमा कुशवाह, प्रधान आरक्षक राजेंद्र पावन, आरक्षक संदीप, अवध कार्रवाई में शामिल रहे.